न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: Amit Mandal
Updated Fri, 20 Mar 2020 10:04 PM IST
कमलनाथ के सीएम पद से इस्तीफा देने के साथ ही मध्यप्रदेश में सियासी हलचल पर आज लगभग खत्म हो गई। इस बीच एक बड़ी खबर ये आई कि शिवराज सिंह चौहान के घर पर विधायकों के भोजन कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया। आज शाम को शिवराज का कुछ विधायकों के साथ भोजन का कार्यक्रम था। बताया जा रहा है कि केंद्रीय नेताओं से बिना पूछे ही भोजन का कार्यक्रम रखा गया था।
कमलनाथ से मुलाकात की
वहीं, आज शाम शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की।
भोजन कार्यक्रम का रद्द होना शिवराज के लिए झटका भी माना जा रहा है क्योंकि अभी तक उन्हें सीएम पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। आज भाजपा विधायक दल की बैठक होने की भी खबर थी लेकिन यह नहीं हुई। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा दौड़ में बताए जा रहे हैं।
कमलनाथ ने दिया इस्तीफा
मध्यप्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने से पहले उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस की जिसमें उन्होंने अपनी एक साल, तीन महीने और दो दिन की सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि भाजपा शुरुआत से ही सरकार गिराने की कोशिश में लगी हुई थी। उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी निशाना साधा। कमलनाथ ने कहा कि एक महाराज के साथ मिलकर भाजपा ने राज्य सरकार को गिराने की साजिश रची।
कमलनाथ के सीएम पद से इस्तीफा देने के साथ ही मध्यप्रदेश में सियासी हलचल पर आज लगभग खत्म हो गई। इस बीच एक बड़ी खबर ये आई कि शिवराज सिंह चौहान के घर पर विधायकों के भोजन कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया। आज शाम को शिवराज का कुछ विधायकों के साथ भोजन का कार्यक्रम था। बताया जा रहा है कि केंद्रीय नेताओं से बिना पूछे ही भोजन का कार्यक्रम रखा गया था।
कमलनाथ से मुलाकात की
वहीं, आज शाम शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की।
भोजन कार्यक्रम का रद्द होना शिवराज के लिए झटका भी माना जा रहा है क्योंकि अभी तक उन्हें सीएम पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। आज भाजपा विधायक दल की बैठक होने की भी खबर थी लेकिन यह नहीं हुई। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा दौड़ में बताए जा रहे हैं।
कमलनाथ ने दिया इस्तीफा
मध्यप्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने से पहले उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस की जिसमें उन्होंने अपनी एक साल, तीन महीने और दो दिन की सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि भाजपा शुरुआत से ही सरकार गिराने की कोशिश में लगी हुई थी। उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी निशाना साधा। कमलनाथ ने कहा कि एक महाराज के साथ मिलकर भाजपा ने राज्य सरकार को गिराने की साजिश रची।