लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा के पहले दिन ही राजधानी में दूसरे छात्र की जगह परीक्षा देते सॉल्वर पकड़ा गया। खास ये कि हाईस्कूल की परीक्षा देने आया सॉल्वर खुद नौवीं का छात्र है। विकास खंड माल के वीरांगना ऊदा देवी राजकीय इंटर कॉलेज स्थित परीक्षा केंद्र पर पकड़े गए सॉल्वर को कक्ष निरीक्षकों ने पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं, दूसरी ओर परीक्षा के पहले दिन कक्ष निरीक्षकों की भयंकर कमी रही। काफी परीक्षा केंद्र ऐसे रहे जहां स्ट्रॉन्ग रूम की हिफाजत के लिए पुलिस बल भी नहीं पहुंचे।
पहले दिन सुबह की पाली में आठ बजे से हिंदी का पेपर था। वीरांगना ऊदा देवी राजकीय इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र पर कक्ष निरीक्षक प्रशांत यादव और निशा पाल को एक परीक्षार्थी पर शक हुआ। यह परीक्षार्थी मां चंद्रिका देवी इंटर कॉलेज का छात्र था। प्रवेश पत्र पर अंकित फोटो का मिलान न होने पर उससे दूसरा पहचान पत्र देने को कहा गया। इस पर उसकी पोल खुल गई। इसके बाद उसने खुद ही स्वीकार कर लिया कि वह दूसरे की जगह परीक्षा देने आया है। दोनों कक्ष निरीक्षकों ने केंद्र व्यवस्थापक मनीषा द्विवेदी को सूचना दी। इसके बाद छात्र को पुलिस को सौंप दिया गया। इस केंद्र पर निगरानी के लिए डीआईओएस कार्यालय के लिपिक आशीष कुमार की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन वह ड्यूटी पर नहीं पहुंचा। उसे चेतावनी दी गई है कि यदि शुक्रवार को ड्यूटी पर नहीं पहुंचा तो कार्रवाई की जाएगी।
कक्ष निरीक्षकों, पुलिस की कमी का नहीं निकला हल
राजधानी में 126 परीक्षा केंद्रों पर कुल 1,03,725 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। इनके लिए करीब 5,200 कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई, लेकिन काफी कॉलेजों में कक्ष निरीक्षकों ने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की। इस पर परीक्षा केंद्रों ने कंट्रोल रूम में फोन कर अपनी मुसीबत बताई। ऐसे में रिजर्व में रखे गए बेसिक शिक्षा परिषद के काफी शिक्षकों को जिम्मेदारी निभानी पड़ी। परीक्षा केंद्रों के मुख्य द्वार और स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी भी समय से नहीं पहुंचे।