राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त व डॉ. जगदीश गुप्त की जयंती के अवसर पर डॉ. जगदीश गुप्त गीतांजलि संस्थान की ओर से प्रेस क्लब में चार शख्सियतों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर कई पत्र-पत्रिकाओं का विमोचन भी हुआ।
मुख्य अतिथि के रूप में पधारे मेयर डॉ. दिनेश शर्मा ने साहित्य अकादमी दिल्ली के समन्वयक प्रो. सूर्यप्रसाद दीक्षित को ‘डॉ. जगदीश गुप्त अकादमिक सम्मान’, कर्नाटक से प्रो. ललिताम्बा को ‘डॉ. जगदीश गुप्त साहित्य रत्न सम्मान’, लखनऊ की साहित्यकार रेणुका वर्मा को ‘डॉ. जगदीश गुप्त साहित्यश्री सम्मान’, हरिद्वार के पत्रकार डॉ. विजय कुमार मिश्र को ‘डॉ. जगदीश गुप्त शोधश्री सम्मान’ से अलंकृत किया। उन्हें अंगवस्त्र व स्मृतिचिह्न प्रदान किया गया।
महापौर ने कार्यक्रम में ‘समकालीन विमर्श मुद्दे और बहस’, ‘हिन्दी साहित्य के आईने में स्त्री विमर्श’, ‘आंचल की छाया’, ‘बसंत का पहला सूरज’, ‘निरुप्रह’, ‘हमारी धरती’ आदि पत्र-पत्रिकाओं का विमोचन भी किया।
चर्चा के दौरान प्रो. सूर्यप्रसाद दीक्षित व प्रो. भूमित्र देव ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त और डॉ. जगदीश गुप्त के साहित्य में व्याप्त मानवता के पक्ष पर रोशनी डाली।
इस अवसर पर विनोद चंद्र, हरिशंकर मिश्र, महेंद्र प्रताप सिंह, अजीत प्रियदर्शी, सुरेश चंद्र यादव, श्याम नारायण पांडेय, हरीशचंद्र, डॉ. पुष्पलता वाजपेयी उपस्थित रहीं।
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त व डॉ. जगदीश गुप्त की जयंती के अवसर पर डॉ. जगदीश गुप्त गीतांजलि संस्थान की ओर से प्रेस क्लब में चार शख्सियतों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर कई पत्र-पत्रिकाओं का विमोचन भी हुआ।
मुख्य अतिथि के रूप में पधारे मेयर डॉ. दिनेश शर्मा ने साहित्य अकादमी दिल्ली के समन्वयक प्रो. सूर्यप्रसाद दीक्षित को ‘डॉ. जगदीश गुप्त अकादमिक सम्मान’, कर्नाटक से प्रो. ललिताम्बा को ‘डॉ. जगदीश गुप्त साहित्य रत्न सम्मान’, लखनऊ की साहित्यकार रेणुका वर्मा को ‘डॉ. जगदीश गुप्त साहित्यश्री सम्मान’, हरिद्वार के पत्रकार डॉ. विजय कुमार मिश्र को ‘डॉ. जगदीश गुप्त शोधश्री सम्मान’ से अलंकृत किया। उन्हें अंगवस्त्र व स्मृतिचिह्न प्रदान किया गया।
महापौर ने कार्यक्रम में ‘समकालीन विमर्श मुद्दे और बहस’, ‘हिन्दी साहित्य के आईने में स्त्री विमर्श’, ‘आंचल की छाया’, ‘बसंत का पहला सूरज’, ‘निरुप्रह’, ‘हमारी धरती’ आदि पत्र-पत्रिकाओं का विमोचन भी किया।
चर्चा के दौरान प्रो. सूर्यप्रसाद दीक्षित व प्रो. भूमित्र देव ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त और डॉ. जगदीश गुप्त के साहित्य में व्याप्त मानवता के पक्ष पर रोशनी डाली।
इस अवसर पर विनोद चंद्र, हरिशंकर मिश्र, महेंद्र प्रताप सिंह, अजीत प्रियदर्शी, सुरेश चंद्र यादव, श्याम नारायण पांडेय, हरीशचंद्र, डॉ. पुष्पलता वाजपेयी उपस्थित रहीं।