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UP News : रोडवेज संविदा ड्राइवर टावर पर चढ़ा, बचाने को जुटा पूरा अमला, छह घंटे बाद एमडी के आश्वासन पर उतरा

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Thu, 02 Mar 2023 09:22 PM IST
सार

अलीगढ़ डिपो में संविदा ड्राइवर के रूप में तैनात राजू सैनी अलीगढ़ के ही नौरंगाबाद के निवासी हैं। राजू सैनी गुरुवार को अपनी मां को यह कहकर लखनऊ लाए थे कि मुख्यमंत्री आवास पर जाकर अपनी व्यथा कहेंगे। वह मां को अवध डिपो कार्यशाला ले आए, जहां मां से लघु शंका जाने की बात कहकर मोबाइल टावर पर चढ़ गए।

A roadways bus driver climbed on tower of Awadh Bus depot.
टावर पर चढ़ा चालक। - फोटो : amar ujala

विस्तार

रोडवेज अफसरों की प्रताड़ना से त्रस्त अलीगढ़ से अपनी मां के साथ लखनऊ पहुंचा संविदा चालक अवध डिपो कार्यशाला में लगे मोबाइल टावर पर चढ़ गया और जान देने की धमकी देने लगा। उसने गले में फंदा भी डाल लिया। देखते ही देखते परिवहन निगम मुख्यालय के अफसर मौके पर पहुंच गए। उधर डीएम, पुलिस, एसडीआरएफ भी उसे नीचे उतारने के लिए पहुंच गई। छह घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। जिससे इलाके में जाम भी लग गया। परिवहन निगम एमडी संजय कुमार के आश्वासन के बाद वह नीचे उतरा। जिसके बाद उसे निगम मुख्यालय में ले जाया, जहां अलीगढ़ के क्षेत्रीय प्रबंधक को बुलाया गया। शुक्रवार को दोनों को आमने-सामने बिठाकर बातचीत की जाएगी।



दरअसल, अलीगढ़ डिपो में संविदा ड्राइवर के रूप में तैनात राजू सैनी अलीगढ़ के ही नौरंगाबाद के निवासी हैं। राजू सैनी गुरुवार को अपनी मां को यह कहकर लखनऊ लाए थे कि मुख्यमंत्री आवास पर जाकर अपनी व्यथा कहेंगे। वह मां को अवध डिपो कार्यशाला ले आए, जहां मां से लघु शंका जाने की बात कहकर मोबाइल टावर पर चढ़ गए। मां उनका इंतजार ही करती रहीं। कुछ देर बाद ऊपर से राजू ने कूदने की धमकी दी। वह गले में फंदा भी डाले हुए थे। यह देख मां फूट-फूटकर रोने लगी। भीड़ भी जुट गई। लोग राजू को मनाने लगे। इसी बीच परिवहन निगम मुख्यालय से क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंडीर व अन्य अफसर भी पहुंच गए। राजू तब भी नीचे उतरने को तैयार नहीं हुआ। उधर सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई तथा दोपहर तक जिला प्रशासन का अमला भी जुट गया। हालात नाजुक होते देख एसडीआरएफ को भी मदद के लिए बुला लिया गया। डीएम सूर्यपाल गंगवार के कहने पर भी राजू नीचे नहीं उतरा, पर जब परिवहन निगम एमडी संजय कुमार पहुंचे और उन्होंने उसे कार्रवाई का आश्वासन दिया तो राजू नीचे उतरा, जिसके बाद ड्रामे पर विराम लगा। इस बीच पूरे इलाके में जाम की स्थिति पैदा हो गई थी। पीछे कोर्ट के वकीलों की भीड़ भी मौके पर ही डटी रही। रोडवेज कर्मचारी मजदूर संघ के प्रवक्ता रजनीश मिश्र का कहना है कि संविदोकर्मियों के हितों की निगम अनदेखी कर रहा है। यूनियन की ओर से मांग की गई है कि ड्राइवरों को बेहतर बसें दी जाएं, जिससे इनकम हो और चालकों से कटौती न हो तथा मजबूरी में उन्हें टावर पर न चढ़ना पड़े।


...छह घंटे तक मुख्यालय में बिठाए रखा
सुबह आठ बजे मोबाइल टावर पर चढ़ा राजू दोपहर करीब दो बजे आश्वासन पर नीचे उतरा। जिसके बाद उसे मां के साथ निगम मुख्यालय के सभागार में बिठाकर नाश्ता कराया गया। इसी बीच आला अफसरों ने अलीगढ़ रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक को लखनऊ बुलाया और राजू को छह घंटे तक बिठाए रखा गया। शाम को राजू को मुख्यालय में एक रूम दिया गया, जहां वह रुकेगा तथा शुक्रवार को क्षेत्रीय प्रबंधक के आने के बाद दोनों को आमने-सामने बिठाकर बातचीत की जाएगी।

कंडम बस पी रहीं डीजल, वसूली ड्राइवरों से
राजू सैनी ने बताया कि वर्ष 2019 में संविदा पर उसकी नियुक्ति हुई थी। पिछले चार वर्षों में प्रतिमाह छह से लेकर दस हजार रूपये तक उसका मेहनताना बनता है। लेकिन, आये दिन डीजल की ज्यादा खपत के नाम पर व बस खराब होने पर सैलीर से प्रतिमाह दो से ढाई हजार रुपये काट लिए जाते हैं। राजू ने बताया कि बसें कंडम हो चुकीं हैं, जो ज्यादा डीजल पीती हैं, ऐसे में ड्राइवरों का क्या दोष है। कटौती का विरोध करने पर कई बार मारपीट की जा चुकी है। राजू ने आरोप लगाया कि अधिकारी बेवजह परेशान कर रहे हैं। खटारा बसें देते हैं और उन्हें इनकम भरपूर चाहिए होती है। डीजल चोरी का झूठा आरोप लगाते हुए वेतन से पैसे काट लेते हैं। घर चलाना मुश्किल हो रहा है। बता दें कि इन दिनों संविदा चालक परिचालकों को ज्यादा इनकम डालने के लिए लगातार प्रबंधन की तरफ से दबाव बनाया जा रहा है, जिससे संविदाकर्मी पीड़ित हैं। लोड फैक्टर नहीं आने पर उनकी सैलरी से कटौती हो रही है।

संविदा भर्ती में भी हो रहा है खेल
संविदा चालक-परिचालक कर्मचारी संघर्ष यूनियन के क्षेत्रीय अध्यक्ष कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि संविदा कर्मियों के शोषण को रोकने के लिए प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। संविदा सेवा नियमावली को लागू किया जाए। लेकिन, सुनवाई नहीं है। अब एजेंसियों के जरिये संविदा की नियुक्ति हो रही है, जिसमें खेल किया जा रहा है। हाल ही में हरदोई का मामला आया, जिसमें नौकरी के नाम पर तीन लाख रूपये मांगे जा रहे थे। इसको भी दबा दिया गया। अधिकारियों की मिलीभगत से यह खेल हो रहा है। यूपी रोडवेज इम्प्लाइज यूनियन के शाखा अध्यक्ष प्रदीप पांडेय ने कहा कि शिकायतों की अनदेखी की जाती है।

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