12:33 AM, 24-Jun-2022
31 साल बाद हुआ इतना कम मतदान
इससे पहले 1991 में आतंकवाद के दौरान लोकसभा संगरूर में महज 10 फीसदी ही मतदान हुआ था। दरअसल, आतंकवादियों ने धमकी दी थी कि चुनाव लड़ने वालों को हम देखेंगे। इसके बाद अकाली दल ने उस वक्त चुनाव का मुकम्मल बहिष्कार कर दिया था। तब कांग्रेस के प्रत्याशी गुरचरण सिंह दद्दाहूर सांसद बने थे। सीपीएम के चंद सिंह चोपड़ा दूसरे नंबर पर रहे और बहुजन समाज पार्टी के आत्मा सिंह सहजड़ा तीसरे स्थान पर रहे थे।
हरसिमरत बादल का दावा वोटर देंगे कमलदीप कौर के पक्ष में फतवा
सांसद हरसिमरत कौर बादल गुरुवार सुबह श्री हरमंदिर साहिब माथा टेकने पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने सरबत के भले और परिवार की सुख शांति के लिए रखे गए अखंड पाठ साहिब के भोग में हिस्सा लिया। हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि संगरूर के वोटर सिख पंथ के लिए महत्वपूर्ण फैसला करने जा रहे हैं। संगरूर के वोटर सिख पंथ और जेलों में बंद सिख कौम के जिंदा शहीदों की प्रतिनिधि के रूप में मैदान में उतरीं कमलदीप कौर का साथ देंगे।
संगरूर के वोटर कमलदीप को जिताकर कुर्बानी करने वाले सिखों की रिहाई को समर्थन देंगे। उन्होंने कहा कि अगर संगरूर के वोटरों ने सही फैसला लेकर श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से उम्मीदवार बनाई गई बीबी कमलदीप कौर के पक्ष में समर्थन न दिया तो 30 वर्षों से अधिक समय से जेलों में बंद कुर्बानी वाले सिखों के मनों में भी प्रश्न आएगा कि जिस कौम के लिए उन्होंने सारा जीवन जेलों में बिता दिया, वह कौम आज उनके साथ क्यों नहीं खड़ी है। उन्होंने कहा कि पूरी उम्मीद है कि संगरूर के वोटर कमलदीप के पक्ष में फतवा देंगे।
07:22 AM, 23-Jun-2022
Sangrur By Election: सीएम भगवंत मान के गढ़ में नहीं दिखा मतदाताओं का उत्साह, महज 37 फीसदी पड़े वोट
पंजाब सरकार के गठन तीन महीने बाद संगरूर लोकसभा उपचुनाव में मतदाताओं का उत्साह नहीं दिखा। गुरुवार को उपचुनाव में महज 37.01 फीसदी मतदान हुआ, जबकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 72.44 फीसदी मतदान रिकॉर्ड हुआ था। चुनाव अधिकारियों का कहना है कि मतदान का यह आंकड़ा अंतिम नहीं है। इसमें कुछ वृद्धि हो सकती है। वोटों की गिनती 26 जून को होगी।
संगरूर लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्टी का दबदबा रहा है। मुख्यमंत्री मान 2014 और 2019 में इसी सीट से सांसद चुने गए थे। इसमें नौ विधानसभा सीटे हैं। साल 2022 में आप ने सभी विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनावों में अपने प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद लोकप्रियता की पहली परीक्षा का सामना कर रही है।
उपचुनाव ऐसे समय में हुआ है, जब प्रदेश सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति और गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या को लेकर विपक्ष के तीखे सवालों का सामना कर रही है। आप ने यहां से पार्टी के संगरूर के जिला प्रभारी गुरमेल सिंह, कांग्रेस ने धुरी के पूर्व विधायक दलबीर सिंह गोल्डी और बीजेपी ने बरनाला के पूर्व विधायक केवल ढिल्लों को उम्मीदवार बनाया है। अकाली दल ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की बहन कमलदीप कौर को मैदान में उतारा है।
समय बढ़ाने की मांग पर मुख्य सचिव और संगरूर डीसी फंसे
उपचुनाव में मतदाताओं के धीमे रुझान पर पंजाब के मुख्य सचिव और संगरूर डीसी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मतदान का समय बढ़ाने की मांग की थी। पंजाब सरकार ने दलील दी कि इस समय धान की बिजाई का समय चल रहा है। किसान पूरे दिन खेत में थे। इसलिए मतदान का समय बढ़ाया जाए। इस पर चुनाव आयोग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए दोनों अधिकारियों से जवाब मांग लिया है। आयोग का कहना है कि ऐन वक्त पर इस तरह की मांग चुनाव की प्रक्रिया में बाधा डालना है। इससे मतदाताओं के बीच संशय पैदा होता है।
आयोग ने लगाई फटकार, मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश
आयोग ने पंजाब के अधिकारियों की की कड़ी निंदा की है। आयोग की ओर से पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को जारी पत्र में पंजाब सरकार के इस निर्णय पर खेद प्रकट किया गया है। आयोग ने मान सरकार को फटकार लगाते हुए कहा- कहा- रिटर्निंग ऑफिसर का पत्र और उसके बाद शाम चार बजे मुख्य सचिव की ओर से समय बढ़ाने का अनुरोध चुनाव प्रक्रिया में अनुचित हस्तक्षेप करने का प्रयास है। यह मतदाताओं के एक वर्ग को प्रभावित करने की कोशिश है। आयोग चुनाव प्रक्रिया के दौरान अधिकारियों के इस तरह के व्यवहार की निंदा करता है।
सीएम मान ने भी की थी मतदान का समय बढ़ाने की मांग
मतदान के रुझान को देखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव आयोग को मतदान का समय एक घंटा बढ़ाने की मांग की। मान ने तर्क दिया कि गांवों के लोग धान की बुआई में व्यस्त हैं, इसलिए उन्हें वोट डालने का समय दिया जाए। इसका भाजपा के प्रत्याशी केवल सिंह ढिल्लों व शिअद (अ) सिमरनजीत सिंह मान ने विरोध जताते हुए कहा कि मतदान में गड़बड़ी की मंशा के कारण समय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। समय बढ़ाना उचित नहीं है।
मुख्यमंत्री के गांव में भी कम मतदान, मां ने डाला वोट
कम मतदान से मुख्यमंत्री भगवंत मान का गांव सतौज भी अछूता नहीं रहा। मुख्यमंत्री के गांव में भी लोगों ने वोट डालने में खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। मुख्यमंत्री की माता हरपाल कौर ने गांव पहुंचकर अपना वोट डाला और लोगों से वोट डालने की अपील की। उन्होंने कहा कि धान बिजाई के सीजन के कारण लोग खेतों में व्यस्त हैं लेकिन मतदान भी लोकतंत्र के लिए जरूरी है। लिहाजा मतदान की अहमियत को पहचानते हुए सभी मतदान करें।
साझा बूथ लगाकर आपसी भाईचारे की मिसाल की पेश
गांव सकरौदी के लोगों ने सभी दलों का साझा पोलिंग बूथ लगाकर आपसी भाईचारक सांझ की मिसाल पेश की। गांव निवासी दविंदर सिंह ग्रेवाल, जीवन सिंह सरपंच, गुलजार सिंह पंच, जगतार सिंह जस्सी, बिट्टू ग्रेवाल, हनी अध्यक्ष ने लोगों से अपील की है कि वोट बेशक अपनी मर्जी मुताबिक किसी भी पार्टी को डालें लेकिन गांव के भाईचारे का माहौल बरकरार रख लोगों में एकजुटता दिखाई देनी चाहिए।