टेंरर फंडिग मामले में यासीन मलिक को ताउम्र कैद की सजा सुनाने के बाद उसे तिहाड़ जेल ले जाया गया। फिर वही जेल(नंबर-7) में उसे रखा गया, लेकिन हाई सिक्योरिटी सेल की सुरक्षा और बढ़ा दी गई। करीब छह घंटे तक यासीन मलिक अदालत परिसर में सुनवाई के दौरान मौजूद रहा।
वहीं, यासीन मलिक की सजा पर वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की पत्नी निर्मल खन्ना का दर्द छलक पड़ा। उन्होंने कहा कि मेरे पति और तीन अन्य जवानों की हत्या के बाद ये लोग मौके पर घेरा बनाकर नाच रहे थे। घर के बाहर मैंने जो मंजर देखा था वो कभी नहीं भूल सकती। मुझे तो खून के बदले खून चाहिए।
बुधवार को निर्मल खन्ना ने यासीन की सजा को लेकर कहा, ये मामला टेरर फंडिंग का है। इसका फैसला अदालत ने अपने विवेक से दिया है, जिसका सम्मान करती हूं। मेरे पति और तीन अन्य की हत्या का केस अभी चल रहा है। वायुसैनिकों की हत्या मामले में मुझसे यदि कोई पूछे तो मुझे खून के बदले खून चाहिए।
निर्मल खन्ना ने कहा - मेरे पति 25 जनवरी 1990 की सुबह ड्यूटी पर जा रहे थे। यासीन मलिक ने करीब आकर उनसे एक जगह का पता पूछा और फिर उनके पेट में गोली मार दी। स्क्वाड्रन लीडर गोली लगने के बावजूद यासीन मलिक से गुत्थमगुत्था हुए और उसकी बंदूक की नली ऊपर की ओर कर गोलियां खत्म कीं।
इससे उनके साथी फ्लाइट लेफ्टिनेंट बीआर शर्मा की जान बच गई। इसी बीच दूसरे आतंकियों ने स्क्वाड्रन लीडर को 27 गोलियां मारीं। कुल 28 गोलियां लगने से पति की शहादत हुई।
निर्मल खन्ना ने कहा कि यासीन और उसके साथियों ने उनके पति का एक बार कत्ल किया, लेकिन हुकूमतें 32 साल चार माह से इस कत्ल को दोहरा रही हैं। बेहद अफसोस की बात है कि खुलेआम एक अफसर और तीन जवानों की हत्या करने वाला इतने लंबे समय तक जीवित रहने में कामयाब रहा है।
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टेंरर फंडिग मामले में यासीन मलिक को ताउम्र कैद की सजा सुनाने के बाद उसे तिहाड़ जेल ले जाया गया। फिर वही जेल(नंबर-7) में उसे रखा गया, लेकिन हाई सिक्योरिटी सेल की सुरक्षा और बढ़ा दी गई। करीब छह घंटे तक यासीन मलिक अदालत परिसर में सुनवाई के दौरान मौजूद रहा।
वहीं, यासीन मलिक की सजा पर वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की पत्नी निर्मल खन्ना का दर्द छलक पड़ा। उन्होंने कहा कि मेरे पति और तीन अन्य जवानों की हत्या के बाद ये लोग मौके पर घेरा बनाकर नाच रहे थे। घर के बाहर मैंने जो मंजर देखा था वो कभी नहीं भूल सकती। मुझे तो खून के बदले खून चाहिए।
बुधवार को निर्मल खन्ना ने यासीन की सजा को लेकर कहा, ये मामला टेरर फंडिंग का है। इसका फैसला अदालत ने अपने विवेक से दिया है, जिसका सम्मान करती हूं। मेरे पति और तीन अन्य की हत्या का केस अभी चल रहा है। वायुसैनिकों की हत्या मामले में मुझसे यदि कोई पूछे तो मुझे खून के बदले खून चाहिए।
निर्मल खन्ना ने कहा - मेरे पति 25 जनवरी 1990 की सुबह ड्यूटी पर जा रहे थे। यासीन मलिक ने करीब आकर उनसे एक जगह का पता पूछा और फिर उनके पेट में गोली मार दी। स्क्वाड्रन लीडर गोली लगने के बावजूद यासीन मलिक से गुत्थमगुत्था हुए और उसकी बंदूक की नली ऊपर की ओर कर गोलियां खत्म कीं।