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एशिया में ताजे पानी की सबसे बड़ी झीलों में शुमार कश्मीर की वुलर झील घाटी को बाढ़ के खतरे से बचाने और जैव विविधता संरक्षण के साथ रोजगार और पर्यटन को पंख लगाएगी। इस ऐतिहासिक झील का प्राकृतिक दायरा 130 वर्ग किलोमीटर तक है, लेकिन 27 वर्ग किलोमीटर का दायरा सिल्ट से भर गया है। केंद्रीय फंडिंग से शुरू किए गए प्रोजेक्ट के तहत वुलर झील को इसके मूल स्वरूप में लाने के लिए इन दिनों युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।
केंद्र सरकार की ओर से वुलर झील संरक्षण के लिए 200 करोड़ रुपये की परियोजना मंजूर की गई थी। वुलर कंजरवेशन एंड मैनेजमेंट अथॉरिटी (वुकमा) ने झील की डीसिल्टिंग के लिए रीच ड्रेजिंग लिमिटेड कंपनी को 148.59 करोड़ का टेंडर जारी किया है। वुकमा के मुख्य कार्यकारी निदेशक फारूक गिलानी के अनुसार वुलर से सिल्ट निकालने का काम पूरा होने से इसमें पानी जमा होने की क्षमता में बढ़ोतरी हो जाएगी। वुलर संरक्षण से जैव विविधता संरक्षण के साथ कश्मीर में बाढ़ से सुरक्षा भी मिलेगी।
रीच ड्रेजिंग लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील पटवारी ने कहा कि यह परियोजना वुलर झील को उसके असली अस्तित्व को पुनर्जीवित करेगी। वुलर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर का माध्यम बनेगी। उन्होंने बताया कि वुलर परियोजना के लिए अत्याधुनिक मशीनों के साथ कुशल और अकुशल 230 कर्मी काम कर रहे हैं। इस काम को 21 माह में अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।
एशिया में ताजे पानी की सबसे बड़ी झीलों में शुमार कश्मीर की वुलर झील घाटी को बाढ़ के खतरे से बचाने और जैव विविधता संरक्षण के साथ रोजगार और पर्यटन को पंख लगाएगी। इस ऐतिहासिक झील का प्राकृतिक दायरा 130 वर्ग किलोमीटर तक है, लेकिन 27 वर्ग किलोमीटर का दायरा सिल्ट से भर गया है। केंद्रीय फंडिंग से शुरू किए गए प्रोजेक्ट के तहत वुलर झील को इसके मूल स्वरूप में लाने के लिए इन दिनों युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।
केंद्र सरकार की ओर से वुलर झील संरक्षण के लिए 200 करोड़ रुपये की परियोजना मंजूर की गई थी। वुलर कंजरवेशन एंड मैनेजमेंट अथॉरिटी (वुकमा) ने झील की डीसिल्टिंग के लिए रीच ड्रेजिंग लिमिटेड कंपनी को 148.59 करोड़ का टेंडर जारी किया है। वुकमा के मुख्य कार्यकारी निदेशक फारूक गिलानी के अनुसार वुलर से सिल्ट निकालने का काम पूरा होने से इसमें पानी जमा होने की क्षमता में बढ़ोतरी हो जाएगी। वुलर संरक्षण से जैव विविधता संरक्षण के साथ कश्मीर में बाढ़ से सुरक्षा भी मिलेगी।
रीच ड्रेजिंग लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील पटवारी ने कहा कि यह परियोजना वुलर झील को उसके असली अस्तित्व को पुनर्जीवित करेगी। वुलर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर का माध्यम बनेगी। उन्होंने बताया कि वुलर परियोजना के लिए अत्याधुनिक मशीनों के साथ कुशल और अकुशल 230 कर्मी काम कर रहे हैं। इस काम को 21 माह में अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।