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Udhampur: जब प्रशासन ने नहीं ली सुध, तो महिलाओं ने खुद उठाई सड़क की मरम्मत की जिम्मेदारी
अमर उजाला नेटवर्क, उधमपुर
Published by: kumar गुलशन कुमार
Updated Tue, 29 Nov 2022 01:08 PM IST
सार
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महिलाओं का कहना है कि चुनाव के दौरान नेताओं की वोट लेने के लिए कतार लग जाती है और चुनाव होने के बाद कोई उनकी सुध नहीं लेता है। सड़क नहीं होने के कारण बेटियों को दसवीं के बाद आगे शिक्षा के लिए नहीं भेज पा रहे हैं।
उधमपुर जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर टिकरी ए पंचायत के जरमाड़ा गांव में ग्रामीण महिलाएं खुद सड़क की मरम्मत करने को मजबूर हैं। महिलाएं घर के काम करने के बाद बचे हुए समय में फावड़ा लेकर सड़क की मरम्मत का काम कर रही हैं। महिलाओं ने बताया कि गांव में कुछ महिलाएं गर्भवती हैं और प्रसव के लिए आसानी से अस्पताल पहुंचें, इसलिए खुद ही महिलाएं सड़क की मरम्मत कर रही हैं।
प्रशासन और सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं लेकिन कितना विकास हुआ है, हमारे गांव में आकर देख सकते हैं। सड़क की मरम्मत के कार्य में जुटी सीमा देवी, संसारो देवी, सुनीता देवी, पूजा देवी व अन्य कई महिलाओं ने बताया कि जिला उधमपुर में एक ऐसा गांव भी है, जहां महिलाओं को सड़क की मरम्मत के लिए खुद काम करना पड़ रहा है।
उनके गांव में 100 से अधिक घर हैं और आज तक उनको सड़क की सुविधा नहीं मिल रही है। उनके गांव में करीब 2007-2008 में ट्रैक्टर रोड का निर्माण किया गया था। इस मार्ग पर केवल ट्रैक्टर के जरिए ही सामान लाने ले जाने का काम किया जा सकता था। सबको लगा कि अगर ट्रैक्टर रोड बना है तो जल्द सड़क का भी निर्माण होगा, लेकिन 15 वर्ष इंतजार के बाद सड़क बनना तो दूर किसी ने ट्रैक्टर रोड की मरम्मत भी नहीं की है।
हालात यह बन गए हैं कि गर्भवती महिला को अस्पताल तक ले जाना मुश्किल हो गया है। मौजूदा समय में गांव में तीन महिलाएं गर्भवती हैं और किसी भी दिन प्रसव हो सकता है, इसलिए अब मजबूरन खुद ही सड़क की मरम्मत कर रही हैं ताकि जरूरत पड़ने पर महिलाएं आसानी से अस्पताल तक पहुंच सकें।
उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान नेताओं की वोट लेने के लिए कतार लग जाती है और चुनाव होने के बाद कोई उनकी सुध नहीं लेता है। इसी मार्ग के बीच एक नाला भी है। बारिश होने पर नाले का जलस्तर बढ़ जाता है और फिर बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। वहीं सड़क नहीं होने के कारण बेटियों को दसवीं के बाद आगे शिक्षा के लिए नहीं भेज पा रहे हैं। आज सभी खुद काम करके सरकार व प्रशासन तक संदेश पहुंचाने का प्रयास कर रही हैं कि अब तो कोई उनकी सुध लेने के लिए गांव में आए और पक्की सड़क का निर्माण करके दे। अगर अब उनके गांव में सड़क का निर्माण नहीं होता है तो पूरा गांव आने वाले सभी चुनावों का बहिष्कार करेंगे।
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