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श्रीनगर लेह हाईवे: जोजिला-राजधान पास खुले, लद्दाख और गुरेज घाटी से संपर्क बहाल, इस बार 68 दिन बंद रहा मार्ग

अमर उजाला नेटवर्क, श्रीनगर Published by: kumar गुलशन कुमार Updated Fri, 17 Mar 2023 11:24 AM IST
सार

जोजिला दर्रा को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण दर्रे से बर्फ हटाने और ट्रायल सफल होने के बाद लद्दाख और गुरेज घाटी के बीच 16 मार्च को सड़क संपर्क बहाल हो गया है।

Srinagar Leh Highway
Srinagar Leh Highway - फोटो : संवाद

विस्तार

श्रीनगर-कारगिल-लेह नेशनल हाईवे एक पर 11,650 फुट की ऊंचाई पर स्थित जोजिला दर्रा को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण दर्रे से बर्फ हटाने और ट्रायल सफल होने के बाद लद्दाख और गुरेज घाटी के बीच 16 मार्च को सड़क संपर्क बहाल हो गया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने ग्रेटर हिमालयन रेंज के जोजिला दर्रे को इस बार 73 दिन के मुकाबले 68 दिन में ही खोलने में कामयाबी पाई है। यह हाईवे कश्मीर घाटी और लद्दाख क्षेत्र के बीच एक महत्वपूर्ण रणनीतिक संपर्क प्रदान करता है।



डीजीबीआरओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने इस उपलब्धि को हासिल करने में प्रोजेक्ट बीकन और प्रोजेक्ट विजयक के कर्मयोगियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जोजिला और राजदान दर्रे के जल्द खुलने से लद्दाख और गुरेज़ घाटी के लोगों के लिए आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि वाहनों का ट्रायल मूवमेंट 16 सफलतापूर्वक आयोजित किया गया है। नागरिक यातायात के लिए सड़क खोलने का निर्णय संयुक्त निरीक्षण के बाद नागरिक प्रशासन द्वारा लिया जाएगा।


हर साल अक्तूबर-नवंबर में बंद होता है दर्रा

यह दर्रा आम तौर पर हर साल अक्टूबर या नवंबर में बंद हो जाता है और केवल अप्रैल या मई में ही बहाल हो पाता है। कुल क्लोजर का समय लगभग पांच से छह माह का होता है।

इस साल छह फरवरी तक खुला रहा दर्रा

सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि हाल के वर्षों में बुनियादी ढांचे के विकास और उत्तरी सीमाओं से संपर्क बढ़ाने पर नए सिरे से ध्यान देने के साथ, सर्दियों के दौरान जोजिला दर्रे को बंद करने को कम करने की रणनीतिक आवश्यकता रही है। 

बीआरओ ने तदनुसार सुनिश्चित किया कि ज़ोजिला दर्रा इस वर्ष 6 जनवरी 2023 तक यातायात के लिए खुला रखा गया, जिससे अपनी तरह की एक नई ऐतिहासिक मिसाल कायम हुई। इस देर तक ज़ोजिला को खुला रखने से जो लाभ हुआ, उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लगभग 13,500 वाहनों ने नवंबर 2022 के अंत और 6 जनवरी, 2023 के बीच इस दर्रे को पार किया।

फरवरी में शुरू हुआ था दर्रे को खोलने का काम

फरवरी 2023 के पहले सप्ताह में शुष्क मौसम पाकर, सोनमर्ग और ज़ोजिला के द्रास छोर से प्रोजेक्ट बीकन और प्रोजेक्ट विजयक द्वारा बर्फ हटाने वाली टीमों को तत्काल कार्य पर लगा दिया। निरंतर और अथक प्रयासों के बाद 11 मार्च को ज़ोजिला दर्रे में प्रारंभिक संपर्क स्थापित किया गया था। वाहनों के सुरक्षित मार्ग की सुविधा के लिए तब से सड़क की सतह में सुधार और चौड़ीकरण किया गया है। 16 मार्च को वाहनों के ट्रायल काफिले को ज़ोजिला से सफलतापूर्वक पार कर लिया है। 
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यह सुनिश्चित हो गया है कि पिछले वर्ष 73 दिनों की तुलना में इस वर्ष दर्रा केवल 68 दिनों के लिए बंद रहा। वहीं, पिछले वर्षों में 160-180 दिनों तक बंद रहता था। इसी तरह, गुरेज सेक्टर और कश्मीर घाटी के बीच एकमात्र सड़क संपर्क प्रदान करने वाला राजधान दर्रा भी केवल 58 दिनों के अंतराल के बाद 16 मार्च, 2023 को सफलतापूर्वक खोल दिया गया है। प्रवक्ता के अनुसार कुपवाड़ा-तंगधार को जोड़ने वाला साधना पास, कुपवाड़ा-केरन को जोड़ने वाली फरकियान गली और कुपवाड़ा-मच्छिल सेक्टर को जोड़ने वाली जमींदार गली के साथ अन्य महत्वपूर्ण दर्रे इस सर्दी के मौसम में खुले रखे गए हैं।

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