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जम्मू कश्मीर: अस्थायी कर्मचारियों को अगले तीन महीने में बड़ी राहत की तैयारी
अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू
Published by: kumar गुलशन कुमार
Updated Tue, 29 Nov 2022 05:13 PM IST
सार
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शाम लाल शर्मा का कहना है कि जम्मू कश्मीर में विभिन्न सरकारी विभागों में कुल कितने अस्थायी कर्मचारी, एसआरओ 64 के अंतर्गत शेष बचे कर्मचारियों के मामले में सरकार के पास अभी तक कोई पूर्ण डाटा नहीं है।
जम्मू-कश्मीर में विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों को अगले तीन महीने में सरकार बड़ी राहत दे सकती है। अस्थायी कर्मचारियों के मासिक वेतन में बढ़ोतरी, नियमित वेतन व नियमितीकरण के मुद्दे पर सरकार के अलावा भाजपा की कमेटी भी रिपोर्ट तैयार करने में जुटी हुई है।
भाजपा की अस्थायी कर्मचारियों के मामले में समिति के अध्यक्ष शाम लाल शर्मा का कहना है कि जम्मू कश्मीर में विभिन्न सरकारी विभागों में कुल कितने अस्थायी कर्मचारी, एसआरओ 64 के अंतर्गत शेष बचे कर्मचारियों के मामले में सरकार के पास अभी तक कोई पूर्ण डाटा नहीं है। ऐसे में अब सरकार भी अपनी तरफ से डाटा जुटा रही है और भाजपा भी।
इसके अलावा 26 सरकारी विभागों के कर्मचारी संगठनों से भाजपा ने अस्थायी कर्मचारियों की हालत व उनकी समस्याओं की जानकारी जुटाई है। जम्मू संभाग में यह प्रक्रिया पूरी हो गई है और अब पांच दिसंबर के बाद कश्मीर संभाग का दौरा कमेटी करेगी। इसके बाद कोशिश होगी कि 10 दिसंबर तक रिपोर्ट को अंतिम रूप देकर प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना को सौंपा जाए।
इसके बाद उप राज्यपाल या केंद्र सरकार तक भाजपा रिपोर्ट के आधार पर अपना पक्ष रखेगी ताकि अस्थायी कर्मचारियों के मसले का समाधान हो सके। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सरकारी विभागों में अस्थायी कर्मचारियों का आंकड़ा 60 हजार से लेकर एक लाख तक का सामने आ रहा है। ऐसे में भाजपा की कमेटी और सरकार की तरफ से जुटाया जा रहा डाटा कर्मचारियों के मसलों के हल के लिए कारगर साबित हो सकता है।
मसले का हल जल्द न हुआ तो आंदोलन करेंगे : संगठन
वहीं, पीएचई अस्थायी कर्मचारी संगठन के प्रवक्ता रवि हंस का कहना है कि अस्थायी कर्मचारियों की मुख्य मांग नियमित करने की है। इसके अलावा पिछले 72 महीनों से वेतन भी जारी नहीं हुआ है। महंगाई के इस दौर में सरकार लगातार उनके संयम की परीक्षा ले रही है। भाजपा की कमेटी के समक्ष पक्ष को रख दिया है। मंडलायुक्त के समक्ष भी ऐसा ही कर चुके हैं। अगर जल्द मसले का हल न हुआ तो बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
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