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Jammu and Kashmir: Literacy increased by 7.66 percent in ten years, the current literacy rate of the state is 76.40 percent
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जम्मू-कश्मीर: दस साल में 7.66 फीसदी बढ़ गए साक्षर, 76.40 फीसदी है प्रदेश का वर्तमान साक्षरता दर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू
Published by: करिश्मा चिब
Updated Wed, 08 Sep 2021 10:28 AM IST
सार
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वर्ष 2001 के आंकड़ों पर नजर डाले तो 55 फीसदी साक्षरता दर थी। इसके बाद दस साल बाद सरकार के विभिन्न प्रयासों से साक्षरता दर 2011 में 68.74 फीसदी पहुंच गया।
जम्मू-कश्मीर में शत प्रतिशत साक्षरता दर का लक्ष्य हासिल करने के लिए अभी लंबा सफर तय करना है। नीति आयोग द्वारा सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) इंडिया इंडेक्स 2020-21 की रिपोर्ट में प्रदेश में 15 वर्ष आयु से ऊपर वाले लोगों में साक्षरता दर 76.40 फीसदी है। 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश में साक्षारता दर 68.74 थी। इसमें दस वर्षों में 7.66 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
प्रदेश में साक्षरता दर को बढ़ाने के लिए सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग कई योजनाएं चलाई जा रही है, लेकिन शत प्रतिशत साक्षरता दर के लक्ष्य को हासिल करने अभी चुनौती है। वर्ष 2001 के आंकड़ों पर नजर डाले तो 55 फीसदी साक्षरता दर थी। इसके बाद दस साल बाद सरकार के विभिन्न प्रयासों से साक्षरता दर 2011 में 68.74 फीसदी पहुंच गया। इस वर्ष नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी रिपोर्ट में साक्षरता दर 76.40 फीसदी तक पहुंच गया है। वहीं जिला वार बात करे तो जम्मू, सांबा में साक्षरता दर 90 फीसदी के करीब पहुंच गया है।
पढ़ना लिखना अभियान की तर्ज पर अब शुरू होगा एडल्ट लिटरेसी मिशन
जम्मू-कश्मीर में बच्चों के साथ अब बड़े की पढ़ाई करेंगे। प्रदेश में पढ़ना लिखना अभियान की तर्ज पर एडल्ट लिटरेसी मिशन शुरू होने जा रहा है। यह कार्यक्रम भारत के साथ प्रदेश में भी शुरू होगा। इसके तहत अनपढ़ों को स्कूल में पढ़ाया जाएगा। शिक्षा विभाग ने पिछले वर्ष पढ़ना- लिखना अभियान शुरू किया था, जिसके तहत सांबा और कुपवाड़ा जिले के 40 हजार निरक्षरों को साक्षर बनाना था।
कोविड के कारण अभियान पूरा नहीं हो पाया है। समग्र शिक्षा की और से पढ़ना- लिखना अभियान शुरू किया था, लेकिन कोविड के कारण अभियान अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर सका है। अब प्रदेश में एडल्ट लिटरेसी मिशन शुरू होने जा रहा है। इस मिशन को शुरू करने की तैयारी अभी शुरूआती दौर में है, लेकिन इससे शुरू होने से प्रदेश की निरक्षर आबादी को साक्षर बनने पर काम होगा।
समग्र शिक्षा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पढ़ना-लिखने अभियान के तर्ज पर ही एडल्ट लिटरेसी मिशन शुरू करने की तैयारी। गौरतलब है कि पढ़ना - लिखना अभियान के तहत 40 हजार निरक्षरों को साक्षर बनाने की कवायद थी, जिसको शुरू भी किया गया था। इसमें सेवानिवृत्त शिक्षक और स्वयंसेवी शिक्षक निरक्षरों को पढ़ाते थे।
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