कश्मीर के बाद जम्मू संभाग में 108 नंबर की एडवांस लाइफ स्पोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस की क्षमता को बढ़ाया गया है। संभाग के दस जिलों के लिए अब 76 एंबुलेंस दौड़ेंगी। इससे आपात रोगी चिकित्सा देखभाल प्रबंधन को मजबूत बनाया जा सकेगा। खासतौर पर प्रसव, दुर्घटना, जच्चा रोगियों के लिए ये एंबुलेंस वरदान साबित होगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को जच्चा-बच्चा (एमसीएच) अस्पताल गांधीनगर में हरी झंडी दिखाकर जम्मू संभाग के लोगों को 34 नए एएलएस एंबुलेंस समर्पित कीं।
नई एएलएस एंबुलेंस से जम्मू संभाग के खासतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों डोडा, रामबन, राजोरी, पुंछ, किश्तवाड़ आदि में एंबुलेंस सेवा मजबूत होगी। इन एंबुलेंस में वेंटिलेटर, डीफेबिलेटर, अन्य चिकित्सा उपकरण, इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन उपलब्ध रहेंगे। इसमें गंभीर मरीजों को शिफ्ट किया जाता है।
इन एंबुलेंस को विश्व बैंक पोषित झेलम तवी फ्लड रिकवरी प्रोजेक्ट में एनएचएम के माध्यम से दिया गया था, लेकिन 34 एंबुलेंस को किन्हीं कारणों से अभी शुरू नहीं किया जा सका था। इन एंबुलेंस को एनएचएम नगरोटा कार्यालय में खड़ा रखा गया था, जिसे सोमवार को संभाग के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया है।
इसके साथ जम्मू-कश्मीर में एएलएस एंबुलेंस की क्षमता बढ़कर 143 हो गई है, जिसमें जम्मू संभाग में 76 और कश्मीर संभाग में 67 एंबुलेंस दौड़ रही हैं। इसी तरह प्रदेश में 64 बेसिक लाइफ स्पोर्ट (बीएलएस) एंबुलेंस दौड़ रही हैं, जिसमें जम्मू संभाग में 33 और कश्मीर संभाग में 31 एंबुलेंस चल रही हैं।
बीएलएस एंबुलेंस में वेंटिलेटर और मेडिकल टेक्नीशियन नहीं होता है और ऑक्सीजन व अन्य दवाएं देकर मरीज को शिफ्ट किया जाता है। इसके साथ प्रदेश में 102 नंबर की 286 पेंशेंट ट्रांसपोर्ट (पीटीए) एंबुलेंस चल रही हैं, जिसमें जम्मू संभाग में 151 और कश्मीर संभाग में 135 एंबुलेंस हैं।
ये एंबुलेंस अधिकांश गर्भवती महिला आदि को चिकित्सा उपचार के दौरान घर छोड़ने जाती हैं। जम्मू कश्मीर में वर्तमान में 108, 102 और पीटीए एंबुलेंस की क्षमता बढ़कर 493 तक पहुंच गई है।
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कश्मीर के बाद जम्मू संभाग में 108 नंबर की एडवांस लाइफ स्पोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस की क्षमता को बढ़ाया गया है। संभाग के दस जिलों के लिए अब 76 एंबुलेंस दौड़ेंगी। इससे आपात रोगी चिकित्सा देखभाल प्रबंधन को मजबूत बनाया जा सकेगा। खासतौर पर प्रसव, दुर्घटना, जच्चा रोगियों के लिए ये एंबुलेंस वरदान साबित होगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को जच्चा-बच्चा (एमसीएच) अस्पताल गांधीनगर में हरी झंडी दिखाकर जम्मू संभाग के लोगों को 34 नए एएलएस एंबुलेंस समर्पित कीं।
नई एएलएस एंबुलेंस से जम्मू संभाग के खासतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों डोडा, रामबन, राजोरी, पुंछ, किश्तवाड़ आदि में एंबुलेंस सेवा मजबूत होगी। इन एंबुलेंस में वेंटिलेटर, डीफेबिलेटर, अन्य चिकित्सा उपकरण, इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन उपलब्ध रहेंगे। इसमें गंभीर मरीजों को शिफ्ट किया जाता है।
इन एंबुलेंस को विश्व बैंक पोषित झेलम तवी फ्लड रिकवरी प्रोजेक्ट में एनएचएम के माध्यम से दिया गया था, लेकिन 34 एंबुलेंस को किन्हीं कारणों से अभी शुरू नहीं किया जा सका था। इन एंबुलेंस को एनएचएम नगरोटा कार्यालय में खड़ा रखा गया था, जिसे सोमवार को संभाग के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया है।
इसके साथ जम्मू-कश्मीर में एएलएस एंबुलेंस की क्षमता बढ़कर 143 हो गई है, जिसमें जम्मू संभाग में 76 और कश्मीर संभाग में 67 एंबुलेंस दौड़ रही हैं। इसी तरह प्रदेश में 64 बेसिक लाइफ स्पोर्ट (बीएलएस) एंबुलेंस दौड़ रही हैं, जिसमें जम्मू संभाग में 33 और कश्मीर संभाग में 31 एंबुलेंस चल रही हैं।
बीएलएस एंबुलेंस में वेंटिलेटर और मेडिकल टेक्नीशियन नहीं होता है और ऑक्सीजन व अन्य दवाएं देकर मरीज को शिफ्ट किया जाता है। इसके साथ प्रदेश में 102 नंबर की 286 पेंशेंट ट्रांसपोर्ट (पीटीए) एंबुलेंस चल रही हैं, जिसमें जम्मू संभाग में 151 और कश्मीर संभाग में 135 एंबुलेंस हैं।
ये एंबुलेंस अधिकांश गर्भवती महिला आदि को चिकित्सा उपचार के दौरान घर छोड़ने जाती हैं। जम्मू कश्मीर में वर्तमान में 108, 102 और पीटीए एंबुलेंस की क्षमता बढ़कर 493 तक पहुंच गई है।