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दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग नॉर्थ पोल पर उड़ान भरने का कीर्तिमान रचने वाली महिला पायलटों में जम्मू-कश्मीर की बेटी कैप्टन शिवानी मन्हास (29) भी शामिल रही हैं। उनके इस कीर्तिमान ने पूरे जम्मू-कश्मीर को गौरवान्वित कर दिया है।
जम्मू के त्रिकुटा नगर की रहने वाली शिवानी ने दस जनवरी को तीन अन्य महिला पायलटों के साथ कैप्टन जोया अग्रवाल के नेतृत्व में सैन फ्रांसिस्को से बंगलुरू तक 16000 किलोमीटर का सफर बिना रुके तय किया था।
कैप्टन शिवानी ने बताया कि हमने इतिहास का एक बहुत बड़ा पन्ना पलटा है। महिला पायलटों ने असाधारण उपलब्धि हासिल की है। चार महिला पाइलट ऐसी ऐतिहासिक उड़ान का सफल संचालन कर उसे सुरक्षित लेकर आईं इससे बड़ा महिला सशक्तिकरण और क्या होगा।
उड़ान के दौरान फर्स्ट अफसर की भूमिका निभाने वाली कैप्टन शिवानी ने कहा कि भले ही इतिहास रचने वाली प्रदेश की पहली बेटी हो सकती हूं लेकिन आखिरी नहीं। जम्मू-कश्मीर की बेटियों में काफी हुनर है, उन्हें जरूरत है तो दुनिया के सामने रखने के लिए दृढ़ जज्बे की। यहां की लड़कियों को सपने देखने के लिए साहस की जरूरत है और उन्हें पूरा करने के लिए एक ठोस निष्ठा की। कैप्टन शिवानी ने बताया कि उनके पास केवल 4 साल का अनुभव है। उन्हें इस टीम में शामिल किया जाना गर्व की बात है।
जम्मू और कसौली में की पढ़ाई
शिवानी के पिता शमशेर सिंह मन्हास कारोबारी और माता मोहिनी मन्हास एक गृहिणी हैं। उन्होंने अपनी चौथी कक्षा तक की पढ़ाई जेके पब्लिक स्कूल से की जिसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए हिमाचल के कसौली चली गईं। 11वीं और 12वीं की पढ़ाई उन्होंने डीपीएस जम्मू से की। वर्ष 2009 में इंदौर भोपाल में एमपी फ्लाइंग क्लब ज्वाइन किया और अपनी ट्रेनिंग संपन्न करने के बाद वर्ष 2016 में एयर इंडिया में नौकरी शुरू की।
सार
- नार्थ पोल से उड़ान भर इतिहास रचने वाली महिला पायलटों में शामिल थीं शिवानी
- सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरू तक उड़ान 16000 किमी की उड़ान में निभाई थी फर्स्ट कैप्टन की भूमिका
- जम्मू के त्रिकुटा नगर की रहने वाली हैं कैप्टन शिवानी
विस्तार
दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग नॉर्थ पोल पर उड़ान भरने का कीर्तिमान रचने वाली महिला पायलटों में जम्मू-कश्मीर की बेटी कैप्टन शिवानी मन्हास (29) भी शामिल रही हैं। उनके इस कीर्तिमान ने पूरे जम्मू-कश्मीर को गौरवान्वित कर दिया है।
जम्मू के त्रिकुटा नगर की रहने वाली शिवानी ने दस जनवरी को तीन अन्य महिला पायलटों के साथ कैप्टन जोया अग्रवाल के नेतृत्व में सैन फ्रांसिस्को से बंगलुरू तक 16000 किलोमीटर का सफर बिना रुके तय किया था।
कैप्टन शिवानी ने बताया कि हमने इतिहास का एक बहुत बड़ा पन्ना पलटा है। महिला पायलटों ने असाधारण उपलब्धि हासिल की है। चार महिला पाइलट ऐसी ऐतिहासिक उड़ान का सफल संचालन कर उसे सुरक्षित लेकर आईं इससे बड़ा महिला सशक्तिकरण और क्या होगा।
उड़ान के दौरान फर्स्ट अफसर की भूमिका निभाने वाली कैप्टन शिवानी ने कहा कि भले ही इतिहास रचने वाली प्रदेश की पहली बेटी हो सकती हूं लेकिन आखिरी नहीं। जम्मू-कश्मीर की बेटियों में काफी हुनर है, उन्हें जरूरत है तो दुनिया के सामने रखने के लिए दृढ़ जज्बे की। यहां की लड़कियों को सपने देखने के लिए साहस की जरूरत है और उन्हें पूरा करने के लिए एक ठोस निष्ठा की। कैप्टन शिवानी ने बताया कि उनके पास केवल 4 साल का अनुभव है। उन्हें इस टीम में शामिल किया जाना गर्व की बात है।
जम्मू और कसौली में की पढ़ाई
शिवानी के पिता शमशेर सिंह मन्हास कारोबारी और माता मोहिनी मन्हास एक गृहिणी हैं। उन्होंने अपनी चौथी कक्षा तक की पढ़ाई जेके पब्लिक स्कूल से की जिसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए हिमाचल के कसौली चली गईं। 11वीं और 12वीं की पढ़ाई उन्होंने डीपीएस जम्मू से की। वर्ष 2009 में इंदौर भोपाल में एमपी फ्लाइंग क्लब ज्वाइन किया और अपनी ट्रेनिंग संपन्न करने के बाद वर्ष 2016 में एयर इंडिया में नौकरी शुरू की।