साइबर अपराध से निपटने में साइबर पुलिस दम तोड़ रही है। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह पुलिस को ही निशाना बना रहे हैं। लगातार दो दिन फेसबुक पर पुलिस अफसरों के फर्जी अकाउंट बनाए गए। इससे पहले भी एक पुलिस अफसर का अकाउंट बना था। एक हफ्ते में तीन बड़े अफसरों के फर्जी अकाउंट बन जाना पुलिस के ढांचे पर सवाल उठाता है। अगर पुलिस ही इसमें सुरिक्षत नहीं तो आम लोगों का क्या होगा। इसका महज अंदाजा ही लगाया जा सकता है।
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दरअसल, जानबूझ कर पुलिस अफसरों के नाम के फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाए जा रहे हैं, ताकि आसानी से उनके जानने वालों को ठगा जा सके। फेसबुक अकाउंट बनने के बाद लोगों से पैसे मांगे जाते हैं, क्योंकि उन्हें पता होता है कि जिसके नाम का अकाउंट बनाया है, उसके नाम पर आसानी से उनके जानने वाले पैसे भेज देंगे। एसएसपी जम्मू क्राइम ब्रांच शैलेंद्र सिंह का कहना है कि फेसबुक पर फर्जीवाड़े का यह एक नया ट्रेंड सामने आया है। जिसकी गहनता से जांच की जा रही है।
मामला नंबर- 1
कश्मीर के आईजी विजय कुमार का 21 अगस्त को फेसबुक अकाउंट बना। फेसबुक अकाउंट पर उनकी वर्दी वाली प्रोफाइल फोटो लगाई गई। हालांकि, नाम में विजय कुमार आईपीएस की जगह विजय कुमार एलपीएस रखा गया। अकाउंट बनने के बाद चार घंटे में ही इस अकाउंट में 100 से अधिक लोग जुड़ गए। जबकि विजय कुमार को घंटों के बाद पता चला कि उनके नाम का फर्जी अकाउंट बना है।
मामला नंबर- 2
22 अगस्त को इंस्पेक्टर और सांबा पुलिस स्टेशन के एसएचओ राजेश जसरोटिया के नाम का भी फर्जी फेसबुक अकाउंट बना। इसके बाद उनके अकाउंट से लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट जाने लगी। उनके जानने वालों को पता चल गया कि फेसबुक अकाउंट बना है। इसके बाद यह अकाउंट ब्लॉक हो गया।
मामला नंबर-3
एसएसपी मोहन लाल के नाम का फेसबुक अकाउंट भी बना। जबकि इससे पहले आईपीएस अफसर अमित कुमार, एसीबी के एसपी मुश्ताक चौधरी और सब इंस्पेक्टर विकास का फर्जी फेसबुक अकाउंट भी बना।