कठुआ। सहार खड्ड के क्षेत्र में हो रहे खनन के खिलाफ लामबंद हुए ग्रामीणों की क्रमिक भूख हड़ताल लगातार तीसरे दिन भी जारी रही। बुधवार को खड्ड के किनारे खनन को रोकने के लिए ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी करते हुए खनन को पूरी तरह से अवैध करार दिया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र के आम लोगों की बिना राय लिए माइनिंग ब्लॉक बनाए जाने का उनका विरोध तक तब जारी रहेगा, जब तक इसे वापस नहीं लिया जाता है।
क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे भगवान सिंह नायब सरपंच लोगट ने बताया कि सहार और लोगेट पंचायतों के लोगों को प्रशासन और खनन विभाग ने धरने पर बैठने को मजबूर कर दिया है। क्योंकि उनकी खड्ड से लगने वाली करीब 5 हजार कनाल कृषि योग्य भूमि जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सहार पुल से लेकर कठेरा तक 11 किलोमीटर का इलाका है। वहां आसपास के गांव के लोगों से पूछे बिना ही माइनिंग की लीज जारी कर दी गई है। इसके खिलाफ गांव के लोग अपने संघर्ष को किसी भी हद तक ले जाने के लिए तैयार है।
वहीं भूख हड़ताल पर बैठे स्थानीय जगदीश राज ने कहा कि एक्सकेवेटर लगाकर खनन शुरू किया गया तो गांव में पानी का जलस्तर नीचे चला जाएगा। इससे उनके खेत बंजर हो जाएंगे और लोगों को प्यास बुझाने के लिए पानी नहीं नसीब होगा। प्रदर्शन में गांव के सरपंच भोली सिंह जसरोटिया, नायब सरपंच विकास उपाध्याय, पंच निम्मी देवी, पंच रतन चंद, पंच रघुवीर चंद, बाज सिंह, प्रकाश सिंह के अलावा कई अन्य ग्रामीण भी उपस्थित रहे।