सुंदरनगर (मंडी)। हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ जिला मंडी की कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक प्रधान भीम सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में हुई। महामंत्री भूप सिंह सैनी ने कहा कि प्रस्ताव पारित कर नए पे स्केल को निराशाजनक करार दिया। इस पे स्केल से हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ को निराशा हाथ आई है। प्रदेश में पंजाब वेतन आयोग को ही लागू किया जाता है।
प्रदेश की अफसरशाही ने मनमर्जी से पे स्केल इनिशियल के बजाय मिनिमम पे बैंड और ग्रेड पे के आधार पर कर दिया है। पंजाब में नए वेतनमान के निर्धारण में प्रारंभिक तौर पर 2.25 और 2.59 के गुणांक का विकल्प दिया है। कहा कि पहले हिमाचल में भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत लगे हजारों कर्मचारियों को अनुबंध पर लटकाया फिर नियमितीकरण के बाद उनका इनिशियल छीन लिया गया।
विज्ञान अध्यापक संघ ने मांग उठाई कि प्रदेश में शत-प्रतिशत पंजाब वाला पे कमीशन ही लागू किया जाए। इसमें हिमाचल और पंजाब के कर्मचारियों में जिनकी एक तिथि को नियुक्ति हुई हो उनकी 01.01.2016 को वेतनमान में समरूपता बनी रहे। साथ ही यह भी मांग की गई कि 4-9-14 टाइम स्केल जिसे 3 जनवरी 2022 से बंद करने का निर्णय लिया गया है, उसे भविष्य में बंद न किया जाए।
इसके साथ ही 31 दिसंबर 2021 तक कर्मचारियों को मिलने वाले 4-9-14 टाइम स्केल के लाभ को वेतनमान निर्धारण में इसकी गणना सुनिश्चित की जाए। पंजाब वेतन आयोग में टीजीटी के मामले में ग्रेड पे 5 हजार, प्रारंभिक वेतन 18,450 को 2.25 के गुणांक से 41,512, 3600 ग्रेड पे के मैट्रिक्स में 41,600 के करीब है।
हिमाचल प्रदेश सरकार के संशोधित वेतनमान में टीजीटी शिक्षकों को 38,100 में रखा गया है। संघ ने सरकार से यह मांग उठाई कि टीजीटी शिक्षकों को 18,450 जमा 5 हजार ग्रेड पे के साथ लेवल 16 में रखा जाए। सभी कर्मचारियों को 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाए। बैठक में वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष संजीव वर्मा, सीआर आजाद, किशन यादव, मनोज कटोच, देवेंद्र ठाकुर, शशि शर्मा, प्रवीण पराशर, चांद राम, पवन कुमार, जितेंद्र पठानिया सहित अनेक सदस्य मौजूद रहे। संवाद
सुंदरनगर (मंडी)। हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ जिला मंडी की कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक प्रधान भीम सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में हुई। महामंत्री भूप सिंह सैनी ने कहा कि प्रस्ताव पारित कर नए पे स्केल को निराशाजनक करार दिया। इस पे स्केल से हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ को निराशा हाथ आई है। प्रदेश में पंजाब वेतन आयोग को ही लागू किया जाता है।
प्रदेश की अफसरशाही ने मनमर्जी से पे स्केल इनिशियल के बजाय मिनिमम पे बैंड और ग्रेड पे के आधार पर कर दिया है। पंजाब में नए वेतनमान के निर्धारण में प्रारंभिक तौर पर 2.25 और 2.59 के गुणांक का विकल्प दिया है। कहा कि पहले हिमाचल में भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत लगे हजारों कर्मचारियों को अनुबंध पर लटकाया फिर नियमितीकरण के बाद उनका इनिशियल छीन लिया गया।
विज्ञान अध्यापक संघ ने मांग उठाई कि प्रदेश में शत-प्रतिशत पंजाब वाला पे कमीशन ही लागू किया जाए। इसमें हिमाचल और पंजाब के कर्मचारियों में जिनकी एक तिथि को नियुक्ति हुई हो उनकी 01.01.2016 को वेतनमान में समरूपता बनी रहे। साथ ही यह भी मांग की गई कि 4-9-14 टाइम स्केल जिसे 3 जनवरी 2022 से बंद करने का निर्णय लिया गया है, उसे भविष्य में बंद न किया जाए।
इसके साथ ही 31 दिसंबर 2021 तक कर्मचारियों को मिलने वाले 4-9-14 टाइम स्केल के लाभ को वेतनमान निर्धारण में इसकी गणना सुनिश्चित की जाए। पंजाब वेतन आयोग में टीजीटी के मामले में ग्रेड पे 5 हजार, प्रारंभिक वेतन 18,450 को 2.25 के गुणांक से 41,512, 3600 ग्रेड पे के मैट्रिक्स में 41,600 के करीब है।
हिमाचल प्रदेश सरकार के संशोधित वेतनमान में टीजीटी शिक्षकों को 38,100 में रखा गया है। संघ ने सरकार से यह मांग उठाई कि टीजीटी शिक्षकों को 18,450 जमा 5 हजार ग्रेड पे के साथ लेवल 16 में रखा जाए। सभी कर्मचारियों को 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाए। बैठक में वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष संजीव वर्मा, सीआर आजाद, किशन यादव, मनोज कटोच, देवेंद्र ठाकुर, शशि शर्मा, प्रवीण पराशर, चांद राम, पवन कुमार, जितेंद्र पठानिया सहित अनेक सदस्य मौजूद रहे। संवाद