हमीरपुर। पुलिस थाना सदर के तहत जमीन विवाद के मामले को लेकर जिला परिषद उपाध्यक्ष नरेश कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी, गृहभेदन और दस्तावेजों को गलत तरीके से पेश करने का मामला दर्ज हुआ है। इस मामले की शिकायत मिलने के बाद जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम ने इस बारे में छानबीन की है। जिसके बाद पुलिस थाना सदर में नरेश कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज हुआ। वहीं, पुलिस ने मामला दर्जकर छानबीन शुरू कर दी है।
शिकायतकर्ता बलवीर सिंह और यशवंत सिंह राणा व अन्य ने बताया कि नरेश कुमार ने पंचायत प्रधान रहते हुए गलत तरीके से दस्तावेज पेश कर लाल लकीर की भूमि पर निर्माण कर इसे प्रदेश से बाहरी लोगों को बेच दिया। इस भूमि पर पूर्व में सराय और उसके बाद पंचायत घर बना था, लेकिन नरेश कुमार ने प्रधान बनने के बाद इसे गलत तरीके से बाहरी राज्य के लोगों को बेच दिया। जितनी राशि में इसे बेचा गया है, वह भी कागजों में गलत दर्शाई गई है। विक्रेता खुद के बेटे को दर्शाया है, जबकि जब यह भूमि बेची गई है तब उसका बेटा 19 साल का था। शिकायतकर्ता ने कहा कि जिला प्रशासन से शिकायत के बाद जब इसकी जांच हुई तो उसमें यह आरोप सिद्ध हुए हैं। जिसके बाद पुलिस थाना सदर में मामला दर्ज हुआ है।
उधर, हमीरपुर थाना प्रभारी सदर निर्मल सिंह ने कहा कि एसडीएम ने इस मामले की जांच की है और जांच के आधार पर दोष पाए जाने पर इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 446, 461, 467 और 471 के तहत केस दर्जकर आगामी छानबीन की जा रही है।
हमीरपुर। पुलिस थाना सदर के तहत जमीन विवाद के मामले को लेकर जिला परिषद उपाध्यक्ष नरेश कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी, गृहभेदन और दस्तावेजों को गलत तरीके से पेश करने का मामला दर्ज हुआ है। इस मामले की शिकायत मिलने के बाद जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम ने इस बारे में छानबीन की है। जिसके बाद पुलिस थाना सदर में नरेश कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज हुआ। वहीं, पुलिस ने मामला दर्जकर छानबीन शुरू कर दी है।
शिकायतकर्ता बलवीर सिंह और यशवंत सिंह राणा व अन्य ने बताया कि नरेश कुमार ने पंचायत प्रधान रहते हुए गलत तरीके से दस्तावेज पेश कर लाल लकीर की भूमि पर निर्माण कर इसे प्रदेश से बाहरी लोगों को बेच दिया। इस भूमि पर पूर्व में सराय और उसके बाद पंचायत घर बना था, लेकिन नरेश कुमार ने प्रधान बनने के बाद इसे गलत तरीके से बाहरी राज्य के लोगों को बेच दिया। जितनी राशि में इसे बेचा गया है, वह भी कागजों में गलत दर्शाई गई है। विक्रेता खुद के बेटे को दर्शाया है, जबकि जब यह भूमि बेची गई है तब उसका बेटा 19 साल का था। शिकायतकर्ता ने कहा कि जिला प्रशासन से शिकायत के बाद जब इसकी जांच हुई तो उसमें यह आरोप सिद्ध हुए हैं। जिसके बाद पुलिस थाना सदर में मामला दर्ज हुआ है।
उधर, हमीरपुर थाना प्रभारी सदर निर्मल सिंह ने कहा कि एसडीएम ने इस मामले की जांच की है और जांच के आधार पर दोष पाए जाने पर इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 446, 461, 467 और 471 के तहत केस दर्जकर आगामी छानबीन की जा रही है।