नगर निगम में बुधवार को ओमैक्स सिटी की समस्याओं की सुनवाई करते नगर निगम के आयुक्त प्रदीप गोदारा और
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रोहतक। ओमैक्स सिटी की समस्याओं के निदान के लिए गठित कमेटी ने बुधवार को नगर निगम कमिश्नर की अध्यक्षता में सुनवाई की। इस दौरान लोगों ने ओमैक्स कंपनी पर वादाखिलाफी के आरोप लगाते हुए समस्याओं की झड़ी लगा दी। दूसरी ओर, कंपनी मैनेजर अनिल गुप्ता ने आरोप नकारे, लेकिन दस्तावेज नहीं दे सके। मौके की नजाकत को समझते हुए निगमायुक्त ने गंदगी के मसले पर तत्काल एक टीम को भेजकर औचक निरीक्षण कराया। साथ ही स्पष्ट शब्दों में कहा कि गंदगी से कोई समझौता नहीं करेंगे। सफाई व्यवस्था नगर निगम अपने हाथ में लेगा। इसके बाद निगम ने मैनेजर को 2.20 करोड़ रुपये के बकाया प्रॉपर्टी टैक्स का नोटिस थमा दिया। यही नहीं, आयुक्त ने कहा कि जल्द बकाया जमा नहीं कराया तो गिरफ्तार कर जेल भेज भिजवा देंगे। उन्होंने कहा कि 25 फरवरी को होने अगली बैठक में दोनों पक्ष सभी आरोपों की सूची और दस्तावेज लेकर आएं, ताकि समस्या का निदान किया जा सके।
उल्लेखनीय है ओमैक्स सिटी के लोगों ने जनवरी और फरवरी में हुई जिला कष्ट निवारण समिति की बैठकों में गृह मंत्री अनिल विज के सामने समस्याओं से निजात दिलाने के लिए गुहार लगाई थी। इस पर गृह मंत्री ने जिला प्रशासन, नगर निगम, जन स्वास्थ्य विभाग, बिजली निगम और हुडा के अधिकारियों को जल्द से जल्द शिकायतों का निदान करते हुए कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए। इसके बाद अधिकारी हरकत में आए और समस्याओं के निदान के लिए कमेटी गठित की। कमेटी अध्यक्ष निगम कमिश्नर प्रदीप गोदारा और एडीसी महेंद्रपाल ने बुधवार को दोनों पक्षों को बुलाकर दोपहर तीन बजे सुनवाई की।
सुनवाई शुरू होते ही ओमैक्स सिटी के निवासियों की तरफ से आए आशीष और सुमित धवन ने कंपनी पर आरोप लगाया कि सब्जबाग दिखाकर लोगों के साथ छलावा किया है। उन्होंने समस्याओं की झड़ी लगाना शुरू किया और कई दस्तावेज अफसरों को मुहैया करवाए। इस पर कंपनी मैनेजर अनुत्तरित रहे और फिर बताया कि मेंटेनेंस बढ़ाने का मामला कोर्ट में चल रहा है। इस पर निगम अफसरों ने बताया कि बात मेंटेनेंस बढ़ाने की नहीं, बल्कि समस्याओं के निदान की है। निगम कमिश्नर ने कहा कि 25 फरवरी को दोबारा सुनवाई होगी, जिसमें दोनों पक्ष शुरू से लेकर अभी तक जितनी भी शिकायतें हैं, उनको लिखित में लेकर आएं और दस्तावेज भी साथ हों। एक-एक समस्या को सुनकर उनका निदान किया जाएगा। इसी दौरान ओमैक्स सिटी में गंदगी का मामला उछला तो निगम कमिश्नर ने कहा कि इस समस्या से किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जा सकता है। यदि कंपनी सफाई करने में अक्षम है तो निगम सफाई करवाएगा। हकीकत जानने के लिए तत्काल एक टीम को ओमैक्स सिटी के हालात देखने के लिए भेजा। इसके साथ ही कहा कि टीम की रिपोर्ट आने के बाद निगम इसके बारे में तय करेगा। कमिश्नर के आदेश पर प्रॉपर्टी टैक्स विभाग ने ओमैक्स सिटी के मैनेजर को दो करोड़ 20 लाख 32 हजार 432 रुपये के बकाया प्रॉपर्टी टैक्स के चार नोटिस थमाए। कमिश्नर ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगली बैठक तक बकाया प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवा दें, नहीं तो बैठक में गिरफ्तार करवाकर जेल भेज दिया जाएगा।
सफाई व्यवस्था के लिए टेंडर निकालने के दिए आदेश
ओमैक्स सिटी की सफाई के मसले पर कमिश्नर ने अधीनस्थों को आदेश दिए कि वे सफाई व्यवस्था को लेकर टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दें। किसी भी स्थिति में सफाई की समस्या से समझौता नहीं किया जा सकता है। इससे न सिर्फ स्वच्छता अभियान की छवि धूमिल हो रही है, बल्कि संक्रामक रोगों के फैलने का भी भय बना रहता है।
सफाई करने के बावजूद मिले गंदगी के ढेर
ओमैक्स सिटी में वीरवार को हुडा के उच्चाधिकारी निरीक्षण करने के लिए जाएंगे। इसके मद्देनजर कंपनी ने बुधवार को कई कर्मचारियों को लगाकर विशेष सफाई अभियान चलाया। कंपनी ने सड़कें तो साफ कर दीं, मगर जगह-जगह लगे गंदगी के ढेरों को हटाना भूल गई, जब नगर निगम की टीम निरीक्षण करने पहुंची तो कई प्लाटों पर गंदगी के ढेर मिले। टीम ने रिपोर्ट में लगाने के लिए फोटो भी खींची।
17 मार्च 2010 से लगाया प्रॉपर्टी टैक्स
नगर निगम ने ओमैक्स सिटी कंपनी पर प्रॉपर्टी टैक्स की गणना 17 मार्च 2010 से की है। निगम अधिकारियों का कहना है कि इस तारीख को नगर निगम अस्तित्व में आया था, जिसकी वजह से टैक्स दो करोड़ 20 लाख 32 हजार 432 रुपये बना है। अधिकारियों का कहना है कि यह टैक्स अभी और बढ़ेगा, क्योंकि यह दस्तावेज में दर्ज स्थिति के हिसाब से है। मौके पर जाकर दोबारा से निरीक्षण होगा।
ओमैक्स सिटी के निवासियों का दर्द
ओमैक्स सिटी में 700 परिवारों ने लाखों रुपये खर्च करके आशियाना खरीदा। ओमैक्स कंपनी ने आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था का वादा किया, जब लोग अपने-अपने घरों में रहने आए तो वहां समस्याओं का अंबार मिला। घरों में सप्लाई किया जाने वाला पानी किसी भी स्तर पर पीने योग्य नहीं मिला। सीवर की व्यवस्था गड़बड़ मिली, जिसकी वजह से खुले में सीवर बहाया जा रहा था। सड़कें टूटी थीं और सफाई व्यवस्था ध्वस्त। सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं मिला। कॉलोनी के चारों तरफ चहारदीवारी भी नहीं है। ऊपर से मेंटेनेंस के नाम पर मनमाफिक वसूली। घरों में सप्लाई की जाने वाली बिजली महंगे दामों पर खरीदने को मजबूर हैं।
रोहतक। ओमैक्स सिटी की समस्याओं के निदान के लिए गठित कमेटी ने बुधवार को नगर निगम कमिश्नर की अध्यक्षता में सुनवाई की। इस दौरान लोगों ने ओमैक्स कंपनी पर वादाखिलाफी के आरोप लगाते हुए समस्याओं की झड़ी लगा दी। दूसरी ओर, कंपनी मैनेजर अनिल गुप्ता ने आरोप नकारे, लेकिन दस्तावेज नहीं दे सके। मौके की नजाकत को समझते हुए निगमायुक्त ने गंदगी के मसले पर तत्काल एक टीम को भेजकर औचक निरीक्षण कराया। साथ ही स्पष्ट शब्दों में कहा कि गंदगी से कोई समझौता नहीं करेंगे। सफाई व्यवस्था नगर निगम अपने हाथ में लेगा। इसके बाद निगम ने मैनेजर को 2.20 करोड़ रुपये के बकाया प्रॉपर्टी टैक्स का नोटिस थमा दिया। यही नहीं, आयुक्त ने कहा कि जल्द बकाया जमा नहीं कराया तो गिरफ्तार कर जेल भेज भिजवा देंगे। उन्होंने कहा कि 25 फरवरी को होने अगली बैठक में दोनों पक्ष सभी आरोपों की सूची और दस्तावेज लेकर आएं, ताकि समस्या का निदान किया जा सके।
उल्लेखनीय है ओमैक्स सिटी के लोगों ने जनवरी और फरवरी में हुई जिला कष्ट निवारण समिति की बैठकों में गृह मंत्री अनिल विज के सामने समस्याओं से निजात दिलाने के लिए गुहार लगाई थी। इस पर गृह मंत्री ने जिला प्रशासन, नगर निगम, जन स्वास्थ्य विभाग, बिजली निगम और हुडा के अधिकारियों को जल्द से जल्द शिकायतों का निदान करते हुए कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए। इसके बाद अधिकारी हरकत में आए और समस्याओं के निदान के लिए कमेटी गठित की। कमेटी अध्यक्ष निगम कमिश्नर प्रदीप गोदारा और एडीसी महेंद्रपाल ने बुधवार को दोनों पक्षों को बुलाकर दोपहर तीन बजे सुनवाई की।
सुनवाई शुरू होते ही ओमैक्स सिटी के निवासियों की तरफ से आए आशीष और सुमित धवन ने कंपनी पर आरोप लगाया कि सब्जबाग दिखाकर लोगों के साथ छलावा किया है। उन्होंने समस्याओं की झड़ी लगाना शुरू किया और कई दस्तावेज अफसरों को मुहैया करवाए। इस पर कंपनी मैनेजर अनुत्तरित रहे और फिर बताया कि मेंटेनेंस बढ़ाने का मामला कोर्ट में चल रहा है। इस पर निगम अफसरों ने बताया कि बात मेंटेनेंस बढ़ाने की नहीं, बल्कि समस्याओं के निदान की है। निगम कमिश्नर ने कहा कि 25 फरवरी को दोबारा सुनवाई होगी, जिसमें दोनों पक्ष शुरू से लेकर अभी तक जितनी भी शिकायतें हैं, उनको लिखित में लेकर आएं और दस्तावेज भी साथ हों। एक-एक समस्या को सुनकर उनका निदान किया जाएगा। इसी दौरान ओमैक्स सिटी में गंदगी का मामला उछला तो निगम कमिश्नर ने कहा कि इस समस्या से किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जा सकता है। यदि कंपनी सफाई करने में अक्षम है तो निगम सफाई करवाएगा। हकीकत जानने के लिए तत्काल एक टीम को ओमैक्स सिटी के हालात देखने के लिए भेजा। इसके साथ ही कहा कि टीम की रिपोर्ट आने के बाद निगम इसके बारे में तय करेगा। कमिश्नर के आदेश पर प्रॉपर्टी टैक्स विभाग ने ओमैक्स सिटी के मैनेजर को दो करोड़ 20 लाख 32 हजार 432 रुपये के बकाया प्रॉपर्टी टैक्स के चार नोटिस थमाए। कमिश्नर ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगली बैठक तक बकाया प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवा दें, नहीं तो बैठक में गिरफ्तार करवाकर जेल भेज दिया जाएगा।
सफाई व्यवस्था के लिए टेंडर निकालने के दिए आदेश
ओमैक्स सिटी की सफाई के मसले पर कमिश्नर ने अधीनस्थों को आदेश दिए कि वे सफाई व्यवस्था को लेकर टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दें। किसी भी स्थिति में सफाई की समस्या से समझौता नहीं किया जा सकता है। इससे न सिर्फ स्वच्छता अभियान की छवि धूमिल हो रही है, बल्कि संक्रामक रोगों के फैलने का भी भय बना रहता है।
सफाई करने के बावजूद मिले गंदगी के ढेर
ओमैक्स सिटी में वीरवार को हुडा के उच्चाधिकारी निरीक्षण करने के लिए जाएंगे। इसके मद्देनजर कंपनी ने बुधवार को कई कर्मचारियों को लगाकर विशेष सफाई अभियान चलाया। कंपनी ने सड़कें तो साफ कर दीं, मगर जगह-जगह लगे गंदगी के ढेरों को हटाना भूल गई, जब नगर निगम की टीम निरीक्षण करने पहुंची तो कई प्लाटों पर गंदगी के ढेर मिले। टीम ने रिपोर्ट में लगाने के लिए फोटो भी खींची।
17 मार्च 2010 से लगाया प्रॉपर्टी टैक्स
नगर निगम ने ओमैक्स सिटी कंपनी पर प्रॉपर्टी टैक्स की गणना 17 मार्च 2010 से की है। निगम अधिकारियों का कहना है कि इस तारीख को नगर निगम अस्तित्व में आया था, जिसकी वजह से टैक्स दो करोड़ 20 लाख 32 हजार 432 रुपये बना है। अधिकारियों का कहना है कि यह टैक्स अभी और बढ़ेगा, क्योंकि यह दस्तावेज में दर्ज स्थिति के हिसाब से है। मौके पर जाकर दोबारा से निरीक्षण होगा।
ओमैक्स सिटी के निवासियों का दर्द
ओमैक्स सिटी में 700 परिवारों ने लाखों रुपये खर्च करके आशियाना खरीदा। ओमैक्स कंपनी ने आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था का वादा किया, जब लोग अपने-अपने घरों में रहने आए तो वहां समस्याओं का अंबार मिला। घरों में सप्लाई किया जाने वाला पानी किसी भी स्तर पर पीने योग्य नहीं मिला। सीवर की व्यवस्था गड़बड़ मिली, जिसकी वजह से खुले में सीवर बहाया जा रहा था। सड़कें टूटी थीं और सफाई व्यवस्था ध्वस्त। सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं मिला। कॉलोनी के चारों तरफ चहारदीवारी भी नहीं है। ऊपर से मेंटेनेंस के नाम पर मनमाफिक वसूली। घरों में सप्लाई की जाने वाली बिजली महंगे दामों पर खरीदने को मजबूर हैं।