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नौकरियों के फर्जीवाड़े में गिरफ्तार हरियाणा लोक सेवा आयोग के उप सचिव एचसीएस अधिकारी अनिल नागर ने विजिलेंस के सामने अपने कबूलनामे में कई खुलासे किए हैं। एचसीएस प्री परीक्षा को लेकर खुद नागर ने ही अश्वनी शर्मा को रोल नंबर लाने की बात कही थी और प्रति उम्मीदवार 20 से 25 लाख रुपये में डील हुई थी।
आरोपियों की सेटिंग और पहुंच का अंदाजा इस बात पर भी लगाया जा सकता है कि नागर और अश्वनी शर्मा ने एचपीएससी के उप सचिव कार्यालय में बैठकर ही खाली ओएमआर सीटों में खुद ही गोले भरे थे। इनमें से 5 उम्मीदार पास भी हुए और इसके बदले नागर को 1 करोड़ 30 लाख रुपये मिले थे।
अदालत में पेश किए गए कबूलनामे के अनुसार, इसी प्रकार डेंटल सर्जन लिखित परीक्षा में 17 उम्मीदवारों की खाली ओएमआर को भरा था और इसमें से 13 उम्मीदवार पास हुए हैं। इसके बदले अश्वनी ने नागर को 2 करोड़ 8 लाख रुपये दिए थे। नागर ने बताया कि परीक्षा परिणाम से पहले एचपीएससी की स्कैनिंग कमेटी के साथ मिलकर अश्वनी शर्मा ने ही ओएमआर सीट स्कैन की थी। इस दौरान उन्होंने सेटिंग वाली ओएमआर सीट निकाल ली थी।