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प्रवासी मजदूरों की समस्या हल करने और राज्य में कोविड-19 के दौरान उन्हें राज्य से बाहर जाने से रोकने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में सभी औद्योगिक यूनिटों और ईंट भट्टे को अपना उत्पादन शुरू करने को कहा है, बशर्ते वे अपने पास मजदूरों को सुरक्षित रखने के सभी प्रबंध करें।
कैप्टन ने कहा कि उनकी सरकार ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास, जिन्होंने पहले ही अपने भवनों को एकांतवास की सुविधा के लिए ऑफर किया है, के साथ भी प्रवासी मजदूरों के ठहरने के प्रबंध के लिए बातचीत की है, क्योंकि अगले दो सप्ताह में शुरू होने वाली गेहूं की कटाई के लिए मजदूरों की जरूरत होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर औद्योगिक इकाइयां और भट्टा मालिकों के पास प्रवासी मजदूरों को रखने के लिए अपेक्षित जगह और भोजन देने का सामर्थ्य है, तो वह अपना उत्पादन शुरू कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने इन इकाइयों के मालिकों को इस समय के दौरान सामाजिक दूरी कायम रखने को भी यकीनी बनाने को कहा।
कैप्टन ने कहा कि सभी औद्योगिक इकाइयों में कामगारों के लिए साफ-सफाई के सभी एहतियाती कदम पूरी तरह उठाये जाएं। उन्होंने कहा कि इकाइयों को साझी सहूलतों वाले स्थानों की सफाई और वर्करों के लिए साबुन और खुले पानी के पुख्ता प्रबंध करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख स्थानों पर हाथ धोने की सहूलतें और सैनिटाइजर भी उपलब्ध होने चाहिए।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि देश में लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूरों के फंसे होने की रिपोर्टों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला उद्योग व भट्ठा मालिकों और रोजगार और मकान गंवा चुके मजदूरों दोनों के लिए लाभकारी होगा।
नौकरी से न हटाने और वेतन न काटने संबंधी एडवाइजरी जारी
इस बीच मुख्यमंत्री के निर्देश पर पंजाब के श्रम विभाग ने निजी संस्थानों के मालिकों, जिसमें उद्योग, फैक्ट्रियाें, दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठान शामिल हैं, को अपने कर्मचारियों /कामगारों और ठेकेदारी कामगारों को नौकरी से न हटाने और उनके वेतन में कटौती न करने की एडवाइजरी जारी की है।
प्रवासी मजदूरों की समस्या हल करने और राज्य में कोविड-19 के दौरान उन्हें राज्य से बाहर जाने से रोकने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में सभी औद्योगिक यूनिटों और ईंट भट्टे को अपना उत्पादन शुरू करने को कहा है, बशर्ते वे अपने पास मजदूरों को सुरक्षित रखने के सभी प्रबंध करें।
कैप्टन ने कहा कि उनकी सरकार ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास, जिन्होंने पहले ही अपने भवनों को एकांतवास की सुविधा के लिए ऑफर किया है, के साथ भी प्रवासी मजदूरों के ठहरने के प्रबंध के लिए बातचीत की है, क्योंकि अगले दो सप्ताह में शुरू होने वाली गेहूं की कटाई के लिए मजदूरों की जरूरत होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर औद्योगिक इकाइयां और भट्टा मालिकों के पास प्रवासी मजदूरों को रखने के लिए अपेक्षित जगह और भोजन देने का सामर्थ्य है, तो वह अपना उत्पादन शुरू कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने इन इकाइयों के मालिकों को इस समय के दौरान सामाजिक दूरी कायम रखने को भी यकीनी बनाने को कहा।
कैप्टन ने कहा कि सभी औद्योगिक इकाइयों में कामगारों के लिए साफ-सफाई के सभी एहतियाती कदम पूरी तरह उठाये जाएं। उन्होंने कहा कि इकाइयों को साझी सहूलतों वाले स्थानों की सफाई और वर्करों के लिए साबुन और खुले पानी के पुख्ता प्रबंध करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख स्थानों पर हाथ धोने की सहूलतें और सैनिटाइजर भी उपलब्ध होने चाहिए।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि देश में लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूरों के फंसे होने की रिपोर्टों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला उद्योग व भट्ठा मालिकों और रोजगार और मकान गंवा चुके मजदूरों दोनों के लिए लाभकारी होगा।
नौकरी से न हटाने और वेतन न काटने संबंधी एडवाइजरी जारी
इस बीच मुख्यमंत्री के निर्देश पर पंजाब के श्रम विभाग ने निजी संस्थानों के मालिकों, जिसमें उद्योग, फैक्ट्रियाें, दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठान शामिल हैं, को अपने कर्मचारियों /कामगारों और ठेकेदारी कामगारों को नौकरी से न हटाने और उनके वेतन में कटौती न करने की एडवाइजरी जारी की है।