मोहाली। युवाओं को सेना से जोड़ने की कोशिश के तहत सोमवार को वेस्टर्न कमांड द्वारा फेज-8 स्थित दशहरा ग्राउंड में हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ाने वाली बोफोर्स तोप से लेकर 1965 एवं 71 के युद्ध में प्रयोग किए गए विभिन्न हथियारों को प्रदर्शित किया गया। साथ ही प्रदर्शनी देखने आने वाले बच्चों ने हथियारों की हर बारीकी को समझा ही नहीं, बल्कि हथियारों को चलाकर भी देखा।
प्रदर्शनी सुबह नौ बजे के करीब शुरू हो गई थी। इस दौरान सभी हथियारों को दशहरा ग्राउंड में काफी बढ़िया ढंग से प्रदर्शित किया गया था। ग्राउंड पूरी तरह युद्ध के मैदान में बदला हुआ लग रहा था। जो भी दशहरा ग्राउंड के करीब से गुजर रहा था। वह इसे देखे बिना नहीं रह पा रहा था। प्रदर्शित किए गए हथियारों के साथ में एक बोर्ड लगाकर संबंधित हथियारों की खूबियां बताई गई थीं। इस दौरान शहर के कई स्कूलों के स्टूडेंट्स हथियारों को देखने के लिए पहुंचे। जिन्हें पहले जवानों ने बंदूकों और संदेश देने के लिए प्रयोग होने वाले फोनों के बारे में बताया।
इसके बाद बीएमपी-2, एटीजीएमएस, एयर डिफेंस एल-70 गन, टैंकर एवं युद्व में अस्थाई रूप से बनने वाले पुल के बारे में समझाया। इसके अलावा जमीन और पानी में चलने में सक्षम टैंकों भी प्रदर्शित किया। इस दौरान बच्चों ने टैंकों को केवल देखा ही नहीं, बल्कि उनके अंदर जाकर भी देखा, साथ ही उनके साथ फोटो भी खिंचवाए। स्कूल मैनेजमेंटों ने भी सेना के इस प्रयास की प्रशंसा की।
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सेंट जेवियर्स से प्रदर्शनी देखने गए आदित्य ने बताया कि उसे सेना में जाने का शौक है। हथियार देखकर उसे काफी अच्छा लगा। अब उसके दोस्त भी सेना ज्वाइन करने के बारे में सोचने लगे हैं।
मोहाली। युवाओं को सेना से जोड़ने की कोशिश के तहत सोमवार को वेस्टर्न कमांड द्वारा फेज-8 स्थित दशहरा ग्राउंड में हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ाने वाली बोफोर्स तोप से लेकर 1965 एवं 71 के युद्ध में प्रयोग किए गए विभिन्न हथियारों को प्रदर्शित किया गया। साथ ही प्रदर्शनी देखने आने वाले बच्चों ने हथियारों की हर बारीकी को समझा ही नहीं, बल्कि हथियारों को चलाकर भी देखा।
प्रदर्शनी सुबह नौ बजे के करीब शुरू हो गई थी। इस दौरान सभी हथियारों को दशहरा ग्राउंड में काफी बढ़िया ढंग से प्रदर्शित किया गया था। ग्राउंड पूरी तरह युद्ध के मैदान में बदला हुआ लग रहा था। जो भी दशहरा ग्राउंड के करीब से गुजर रहा था। वह इसे देखे बिना नहीं रह पा रहा था। प्रदर्शित किए गए हथियारों के साथ में एक बोर्ड लगाकर संबंधित हथियारों की खूबियां बताई गई थीं। इस दौरान शहर के कई स्कूलों के स्टूडेंट्स हथियारों को देखने के लिए पहुंचे। जिन्हें पहले जवानों ने बंदूकों और संदेश देने के लिए प्रयोग होने वाले फोनों के बारे में बताया।
इसके बाद बीएमपी-2, एटीजीएमएस, एयर डिफेंस एल-70 गन, टैंकर एवं युद्व में अस्थाई रूप से बनने वाले पुल के बारे में समझाया। इसके अलावा जमीन और पानी में चलने में सक्षम टैंकों भी प्रदर्शित किया। इस दौरान बच्चों ने टैंकों को केवल देखा ही नहीं, बल्कि उनके अंदर जाकर भी देखा, साथ ही उनके साथ फोटो भी खिंचवाए। स्कूल मैनेजमेंटों ने भी सेना के इस प्रयास की प्रशंसा की।
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सेंट जेवियर्स से प्रदर्शनी देखने गए आदित्य ने बताया कि उसे सेना में जाने का शौक है। हथियार देखकर उसे काफी अच्छा लगा। अब उसके दोस्त भी सेना ज्वाइन करने के बारे में सोचने लगे हैं।