विकास कार्यों में भेदभाव को लेकर वार्ड नंबर 26 और 27 के लोग मुखर होने लगे हैं। वार्डवासियों ने पार्षद के नेतृत्व में सोमवार को थानेसर नगर परिषद का घेराव करने का ऐलान किया है। रविवार को दोनों वार्डों की मुख्य पांच समस्याओं को लेकर इलाके के लोग एकत्रित हुए थे। इस वार्ड के पार्षद संदीप टेका ने अपने क्षेत्र की अलग-अलग कालोनियों में रविवार को बैठकें आयोजित की और लोगों के सुझाव मांगे। इन बैठकों में वार्ड के लोगों ने थानेसर के विधायक सुभाष सुधा एवं उनकी पत्नी थानेसर नगर परिषद की अध्यक्ष उमा सुधा पर आरोप लगाया कि वे जानबूझ कर उनके क्षेत्र से भेदभाव कर रहे हैं।
यहां बता दें कि वार्ड नंबर 27 से संदीप टेका और दूसरी बार चुनाव जीत कर पार्षद बनी उनकी पत्नी नवनीत टेका वार्ड नंबर 26 से पार्षद हैं। टेका दंपति ने विधायक सुभाष सुधा और उनकी पत्नी उमा सुधा को दो टूक कहा है कि उनके क्षेत्र से भेदभाव सहन नहीं होगा। पार्षद संदीप टेका का आरोप है कि इन दोनों वार्डों से विधायक सुभाष सुधा ने भाजपा समर्थित पार्षद चुनाव मैदान में उतारे थे, लेकिन जनमत उनके साथ था और दोनों वार्डों में बड़े अंतर से भाजपा प्रत्याशियों को पराजित किया था। टेका ने कहा कि उनका दूसरा गुनाह यह है कि थानेसर नगर परिषद के चेयरमैन पद के चुनाव में उनका सीधा मुकाबला भाजपा विधायक सुभाष सुधा की पत्नी उमा सुधा से था। टेका ने कहा कि एक ओर भाजपा सबका साथ सबका विकास का नारा लगाती है, वहीं दूसरी ओर उनके विधायक और नप चेयरमैन लोकतंत्र की मर्यादा का पालन करने की बजाये राजनीतिक रंजिश से कार्य करते हुए वार्ड नंबर 26 और 27 से भेदभाव कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि उक्त दोनों वार्डों की समस्याओं को लेकर वह कुरुक्षेत्र की डीसी सुमेधा कटारिया को भी अवगत करा चुके हैं। डीसी ने अधिकारियों को लताड़ भी लगाई थी, लेकिन अभी तक हालात जस के तस बने हुए हैं। इधर वार्ड वासियों ने कहा कि उनके इलाके से जिस तरह भेदभाव बरता जा रहा है वो सहन नहीं होगा। इन्होंने कहा कि विधायक जी सब्र का बांध टूट रहा है अब उन्हें सड़कों पर उतरने के लिए विवश ना करो। संदीप टेका ने बताया कि उनके वार्ड 27 में 3200 और वार्ड 26 में 3800 वोटर हैं, जबकि इन दोनो वार्डों में इससे दोगुणी संख्या में लोग रहते हैं, जिनकी अनदेखी की जा रही है।
ये पांच प्रमुख समस्याएं
1. विकास प्रभार वसूलने के लिए नोटिस निकाला गया है, जबकि लोगों का कहना है कि इलाके में विकास दिखता तक नहीं
2. सफाई कर्मचारी और डंपर नियमित रुप से नहीं आते
3. बरसाती पानी और पीने के पानी की समस्या
4. रेलवे लाइन के साथ गंदगी के ढेर लगे हैं, लेकिन सफाई का कोई प्रबंध नहीं है
5. लावारिस पशुओं, बंदरों, सूअरों और आवारा कुत्तों की समस्या
दोनों वार्डों के पार्षदों ने निकाले थे अपील के पर्चे
वार्ड नंबर 26 की पार्षद नवनीत टेका और 27 नंबर वार्ड से उनके पति संदीप टेका ने संयुक्त रुप से वार्ड वासियों से अपील के पर्चे प्रिंट कराए थे। यह पर्चे पिछले कई दिनों से वार्ड वासियों के घरों में डोर टू डोर भिजवाए गए थे। इन पर्चों पर रविवार को आजाद नगर, कल्याण नगर गली नंबर-2 और त्रिमूर्ति स्कूल के पास गली नंबर 9 में वार्ड वासियों के साथ बैठकें करने का समय तय किया गया था। रविवार को तीनों बैठकों के दौरान समस्याओं से परेशान वार्ड वासी काफी संख्या में पहुंचे और विधायक, नप चेयरमैन, प्रशासन और सरकार पर जमकर बरसे।
बैंक से सेवानिवृत्त बुजुर्ग बोले संघर्ष करेंगे
अपने वार्ड की समस्याओं से परेशान बैंक से सेवानिवृत्त बुजुर्ग मेवा सिंह ने कहा कि अब हद हो चुकी है। उनके वार्ड के सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने बैठक में मौजूद लोगों से अपील की कि अब संघर्ष से ही उनके क्षेत्र के साथ न्याय होगा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को देखना है कि भेदभाव क्या होता है तो वो एक बार वार्ड में आकर देखे।
घर की नींव और दीवारों में जा रहा है पानी
बैठक में अपनी समस्या को लेकर पहुंचे वार्ड वासी प्रवीण कुमार, जानकी और सुमन ने बताया कि उनके घर के साथ टावर लगाया जा रहा था, काफी विरोध के बाद टावर का काम तो रुक गया, लेकिन जिस जगह टावर लगना था, वहां करीब 15 फुट गहरा गड्ढा है, जिसमें बारिश का पानी खड़ा हो चुका है और उनके घर की नींव और दीवारों में पानी जा रहा है। वह इस बारे कई बार अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन दो माह पहले जहां खुदाई हुई थी, उस जगह को बंद नहीं किया गया। हालांकि इस प्लाट के मालिक सुरेंद्र मलिक ने कहा कि वह जल्द ही इस प्लाट में हुई खुदाई में मिट्टी गिराकर बंद करवा दें, उन्होंने इसके लिए लिख कर दिया हुआ है।
विकास का नाम नहीं और नोटिस जारी : सुरेश
कल्याण नगर गली नंबर तीन वासी सुरेश कुमार ने आरोप लगाया कि उनका वार्ड एक नहीं अनेक समस्याओं से घिरा है। उनके पार्षद के पास वह कई बार समस्याओं को दूर करने के लिए बोल चुके हैं, लेकिन उनका हर बार एक ही जवाब होता है कि विधायक सुभाष सुधा और नप चेयरमैन उमा सुधा उनके वार्डों में विकास नहीं होने दे रहे, उल्टा उनके समर्थकों को डेवलपमेंट चार्ज के नोटिस भेजे जा रहे हैं, जबकि विकास का कहीं नाम तक नहीं है।
टेंडर हो चुका है, पर नहीं बन रही सड़क : कंबोज
बैठक में पहुंचे राजेश कंबोज ने बताया कि उनके घर से पालाराम के घर तक सड़क टेंडर हुए कई महीने हो गए, लेकिन आज तक काम शुरू नहीं हुआ, जबकि उनके वार्ड की सिर्फ इसी एक ग
ी के निर्माण का टेंडर निकला था। उन्होंने कहा कि गली की हालत खराब है। उन्होंने कहा कि भले उनके वार्ड में पार्षद के चुनाव में भाजपा के प्रत्यार्शियों की हार हुई हो, लेकिन लोकसभा और विधानसभा में तो इस इलाके से भाजपा के उम्मीदवारों को ही जीत मिली थी।
...यहां हालात सबका विनाश करने वाले हैं
बैठक में पहुंचे आरके शर्मा ने कहा कि सरकार कहती है सबका साथ सबका विकास, मगर यहां जो हालात है, वो सबका विनाश करने वाले हैं। लावारिस पशुओं की भरमार की वजह से बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग गली में जाने से डरते हैं। कचरे के जगह जगह ढेर लगे हैं, महीने चार पांच बार ही सफाई कर्मचारी उनके वार्ड में आते हैं। बगैर मोटर लगाए पानी नहीं आता।
विधायक ने दो बार नारियल फोड़ा, मगर नहीं बनी सड़क : गुप्ता
कर्मचारी नेता बाबूराम गुप्ता ने कहा कि भट्ट समाज धर्मशाला दुर्गा मंदिर शांतिनगर तक करीब 16 फुट चौड़ी और 900 मीटर लंबी सड़क के निर्माण के लिए विधायक दो बार नारियल फोड़ चुके हैं, लेकिन आज तक सड़क पूरा निर्माण नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि विधायक और नगर परिषद अध्यक्ष को एक बात समझ लेनी चाहिए कि जिस पैसे से विकास कार्य होते हैं, वो किसी सरकार के नहीं, बल्कि नागरिकों के टैक्स से वसूल किए जाने वाले राजस्व से होते हैं।
लोग परेशान, फिर भी क्यों नहीं लगाया ट्यूबवेल : जैन
जेके जैन के मुताबिक गर्मी तो दूर सर्दी में भी उनके इलाके में बगैर मोटर के पानी नहीं आता। इस इलाके में जो ट्यूबवेल पहले 100 घरों के लिए था, उसी ट्यूबवेल से अब 600 से अधिक घरों में पानी की सप्लाई जैसे तैसे हो रही है। लोगों का गुस्सा इसलिए भी है कि जब ट्यूबवेल मंजूर हो चुका है और वार्ड में जगह भी उपलब्ध कराई जा चुकी है तो फिर भी यहां ट्यूबवेल क्यों नहीं लगाया जा रहा।