नागरिक अस्पताल में 14 फरवरी को फार्मासिस्ट द्वारा दी गई गलत दवा खिलाने पर कौशिक नगर निवासी दस माह के बच्चे पर्व का स्वास्थ्य बिगड़ने के मामले की जांच पूरी हो गई है। जांच कमेटी ने मंगलवार को रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौंप दी। सिविल सर्जन ने रिपोर्ट के आधार पर दो फार्मासिस्टों को 14 दिन के लिए दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों में डेपुटेशन पर भेज दिया है। इसके अलावा स्वास्थ्य महानिदेशक को लिखे पत्र में दोनों का डेपुटेशन 60 दिन और विभागीय कार्रवाई करने के लिए लिखा है। अब इस मामले में आगामी कार्रवाई स्वास्थ्य महानिदेशक को करनी है।
जानकारी के लिए कौशिक नगर निवासी निशांत ने शुक्रवार को दी शिकायत में कहा था कि वीरवार को उसके दस वर्षीय भतीजे को नागरिक अस्पताल में बुखार होने पर इलाज के लिए लाया गया था। यहां से चिकित्सकों ने पांच तरह की दवा दी। आरोप है कि चिकित्सक द्वारा लिखी गई जिंक की जगह फार्मेसी से नींद की दवा दे दी। घर जाने के बाद जब बच्चे को दवा दी गई तो वह सो गया। 40 घंटे बाद शनिवार को पर्व पूरी तरह होश में आया। वहीं परिजनों का कहना है कि नागरिक अस्पताल प्रशासन द्वारा लापरवाही तो की गई, पर मानवीय संवेदनाएं भी नहीं दिखाई गई। दो दिन में बच्चे का हाल जानने तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचा।
शिकायतकर्ता ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इसकी जांच सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान जाटान ने एमएस डॉ. गोपाल गोयल व डॉ. राकेश शर्मा से करवाई। जांच कमेटी ने रिपोर्ट सिविल सर्जन को सोमवार को सौंप दी। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि इसमें दवाई वितरण खिड़की पर फार्मासिस्ट राजेश अहलावत और योगेंद्र की ड्यूटी थी। उन्होंने ड्यूटी नहीं की, बल्कि वहां पर बैठे अन्य युवकों ने दवाई दी। जिसकी वजह से बच्चे को गलत दवाई दी गई। इसमें फार्मासिस्टों की लापरवाही सामने आई है।
मरीज वापस चिकित्सक को दिखाएं दवाई
सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान ने चिकित्सकों को निर्देश दिए कि वह मरीजों को जो दवाई लिख रहे हैं, मरीजों से कहें कि वह दवाई लेकर वापस उन्हें एक बार जरूर दिखाएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जो मरीज को दवाई लिखी हैं वही है।
दोनों को भेजा डेपुटेशन पर
फार्मासिस्ट योगेंद्र और राजेश अहलावत की इसमें लापरवाही सामने आई है। इनमें से 14 दिन के लिए एक को पीएचसी अलेवा तथा दूसरे को पीएचसी दनौदा डेपुटेशन पर भेज दिया है। स्वास्थ्य महानिदेशक से दोनों की डेपुटेशन 60 दिन करने तथा विभागीय कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। इस मामले में स्वास्थ्य महानिदेशक को आगामी कार्रवाई करनी है।
डॉ. जयभगवान जाटान, सिविल सर्जन।
नागरिक अस्पताल में 14 फरवरी को फार्मासिस्ट द्वारा दी गई गलत दवा खिलाने पर कौशिक नगर निवासी दस माह के बच्चे पर्व का स्वास्थ्य बिगड़ने के मामले की जांच पूरी हो गई है। जांच कमेटी ने मंगलवार को रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौंप दी। सिविल सर्जन ने रिपोर्ट के आधार पर दो फार्मासिस्टों को 14 दिन के लिए दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों में डेपुटेशन पर भेज दिया है। इसके अलावा स्वास्थ्य महानिदेशक को लिखे पत्र में दोनों का डेपुटेशन 60 दिन और विभागीय कार्रवाई करने के लिए लिखा है। अब इस मामले में आगामी कार्रवाई स्वास्थ्य महानिदेशक को करनी है।
जानकारी के लिए कौशिक नगर निवासी निशांत ने शुक्रवार को दी शिकायत में कहा था कि वीरवार को उसके दस वर्षीय भतीजे को नागरिक अस्पताल में बुखार होने पर इलाज के लिए लाया गया था। यहां से चिकित्सकों ने पांच तरह की दवा दी। आरोप है कि चिकित्सक द्वारा लिखी गई जिंक की जगह फार्मेसी से नींद की दवा दे दी। घर जाने के बाद जब बच्चे को दवा दी गई तो वह सो गया। 40 घंटे बाद शनिवार को पर्व पूरी तरह होश में आया। वहीं परिजनों का कहना है कि नागरिक अस्पताल प्रशासन द्वारा लापरवाही तो की गई, पर मानवीय संवेदनाएं भी नहीं दिखाई गई। दो दिन में बच्चे का हाल जानने तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचा।
शिकायतकर्ता ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इसकी जांच सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान जाटान ने एमएस डॉ. गोपाल गोयल व डॉ. राकेश शर्मा से करवाई। जांच कमेटी ने रिपोर्ट सिविल सर्जन को सोमवार को सौंप दी। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि इसमें दवाई वितरण खिड़की पर फार्मासिस्ट राजेश अहलावत और योगेंद्र की ड्यूटी थी। उन्होंने ड्यूटी नहीं की, बल्कि वहां पर बैठे अन्य युवकों ने दवाई दी। जिसकी वजह से बच्चे को गलत दवाई दी गई। इसमें फार्मासिस्टों की लापरवाही सामने आई है।
मरीज वापस चिकित्सक को दिखाएं दवाई
सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान ने चिकित्सकों को निर्देश दिए कि वह मरीजों को जो दवाई लिख रहे हैं, मरीजों से कहें कि वह दवाई लेकर वापस उन्हें एक बार जरूर दिखाएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जो मरीज को दवाई लिखी हैं वही है।
दोनों को भेजा डेपुटेशन पर
फार्मासिस्ट योगेंद्र और राजेश अहलावत की इसमें लापरवाही सामने आई है। इनमें से 14 दिन के लिए एक को पीएचसी अलेवा तथा दूसरे को पीएचसी दनौदा डेपुटेशन पर भेज दिया है। स्वास्थ्य महानिदेशक से दोनों की डेपुटेशन 60 दिन करने तथा विभागीय कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। इस मामले में स्वास्थ्य महानिदेशक को आगामी कार्रवाई करनी है।
डॉ. जयभगवान जाटान, सिविल सर्जन।