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अमर उजाला ब्यूरो
झज्जर।
स्वास्थ्य गड़बड़ाने पर इलाज की उम्मीद लेकर आम आदमी सामान्य अस्पताल में जाता है। लेकिन हकीकत ये है कि स्वास्थ्य विभाग ही इन दिनों उनकी सेहत को बिगाड़ने में लगा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि सामान्य अस्पताल में आए मरीजों को गंदी टंकियों से आया पानी पिलाया जा रहा है। अमर उजाला की टीम ने मंगलवार को जब सामान्य अस्पताल के पेयजल सप्लाई सिस्टम की हकीकत को जाना तो मामला चौंकाने वाला था।
सामान्य अस्पताल की छत पर रखी गई प्लास्टिक की 26 टंकियों में से करीब 15 पर से ढक्कन ही गायब थे। अधिकतर टंकियां गंदगी से अंटी मिली। हैरान करने वाली बात तो यह थी कि एक टंकी में तो कबूतर के पंख भी गिरे मिले। दूसरों के घरों में पहुंचकर कूलर और टंकियां जांचने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आखिरकार अपनी छत पर जाने की फुरसत क्यों नहीं मिली, यह बड़ा सवाल है।
- करीब 1200 की है ओपीडी
सामान्य अस्पताल में इन दिनों 1200 से 1300 मरीज प्रतिदिन ओपीडी में इलाज के लिए आ रहे हैं। वहीं मरीजों के साथ तीमारदार भी काफी संख्या में आते हैं। जिससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि प्रतिदिन करीब 2500 लोग सामान्य अस्पताल में गंदे पानी का सेवन करते हैं। जिसकी वजह से उनका स्वास्थ्य बिगड़ भी सकता है। ऐसे में सामान्य अस्पताल प्रशासन को इस और ध्यान देना चाहिए।
- आरओ में आता है यही गंदा पानी
सामान्य अस्पताल के पूरे कैंपस में इन्हीं टंकियों से पानी सप्लाई होती है। अस्पताल में दो जगह पर आरओ युक्त फ्रीजर में इसी पानी की सप्लाई होती है। खास बात यह है कि अस्पताल में सेवारत चिकित्सक अपने पानी की बोतल घर से साथ लेकर आते हैं। चिकित्सक खुद की सेहत को लेकर तो जागरूक हैं। लेकिन अस्पताल में आने वाले मरीजों और तीमारदारों की सेहत भले ही बिगड़ जाए, इससे उन्हें कोई परेेशानी नहीं है।
- गंदे पानी से ये फैल सकती हैं बीमारियां
स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक व बेरी एसएमओ जेपी चौहान के अनुसार गंदे पानी पीने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। जिसमें उल्टी-दस्त, पीलिया व हैजा प्रमुख रूप से शामिल हैं। चौहान ने बताया कि गंदे पानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
वर्जन
उन्होंने टंकियां साफ करने के आदेश काफी समय पहले दे दिए थे। लेकिन उन्होंने सफाई को चैक नहीं किया था। तीन दिन में सभी टंकियों की सफाई करते हुए मरीजों के लिए शुद्घ पानी की व्यवस्था करवाई जाएगी। जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
- एनके गर्ग, एसएमओ झज्जर।
- चिकित्सक घर से बोतल भरकर लाते हैं पीने के लिए पानी, सफाई के निर्देश जारी कर एसएमओ ने नहीं की जांच
- 26 में से अधिकतर टंकियों के नहीं हैं ढक्कन, पूरे अस्पताल परिसर में होती है पानी सप्लाई
- इलाज के लिए रोजाना पहुंचते हैं 1200 मरीज, तीमारदार भी हो रहे बीमार