हांसी। जन्म से पहले भ्रूण लिंग जांच करने और धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने धतरवाल अस्पताल की संचालक डॉ. उर्मिल धतरवाल को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने महिला चिकित्सक को अदालत में पेश किया। जहां अदालत ने उन्हें जेल भेजने के निर्देश दिए। जन्म से पहले भ्रूण लिंग जांच होने की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जुलाई 2022 में हांसी में धतरवाल अस्पताल में छापा मारा था। छापे के दौरान अस्पताल की दो अल्ट्रासाउंड मशीनों को सील कर दिया गया था। स्वास्थ्य विभाग की टीम में इंचार्ज व पीएनडीटी एक्ट के नोडल ऑफिसर डॉ. प्रभु दयाल, डॉ. कामिद मोंगा, अंकित, अजय शामिल थे। डॉ. प्रभु दयाल ने बताया था कि अस्पताल में लिंग जांच सीधे नहीं की जाती थी। अस्पताल में 2-3 दलालों के माध्यम से लोग आते थे। आम ओपीडी पर्ची की तरह ही जांच की जाती थी। 10 से 15 दिन के बाद परिजनों को बताया जाता था कि लड़का होगा या लड़की। उसी समय पैसे लिए जाते थे। दलाल जांच के लिए 40 से 70 हजार रुपये लेती थी। टीम की ओर से पर्दाफाश करने के लिए एक नकली ग्राहक तैयार किया गया था। पुलिस ने डॉ. प्रभुदयाल की शिकायत पर डॉ. उर्मिल धतरवाल के खिलाफ पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस प्रवक्ता सुभाष शर्मा ने बताया कि डॉ. उर्मिल धतरपाल को अस्पताल से गिरफ्तार किया गया। अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया है।