करीब डेढ़ साल बाद होने वाले नगर निगम चुनाव के लिए अभी से तैयारी शुरू हो गई। नगर निगम मेयर का पद ओपन होने के बाद निगम चुनाव रोचक होंगे। मेयर पद की दौड़ के लिए कई दिग्गज चुनाव में उतरेंगे। संभावित प्रत्याशी अपनी गणित में जुट गए हैं।
वर्ष 2018 में मई-जून में नगर निगम का समय पूरा हो जाएगा। निगम का करीब साढे़ तीन साल का समय पूरा होने के बाद अब निगम की नई टीम के लिए तैयारी हो गई है। फरीदाबाद नगर निगम चुनाव के लिए मेयर तय करने के लिए ड्रॉ निकाला गया।
आबादी के अनुसार स्थानीय निकाय में वार्ड रिजर्व किए गए हैं। इसके अलावा मेयर के पदों को लेकर भी फैसला लिया गया। 2015 में हिसार का मेयर पद महिला के लिए आरक्षित था। इस कारण कई दिग्गजों ने चुनाव से दूरी बना ली थी।
कुछ राजनीतिक परिवारों ने खुद चुनाव लड़ने की बजाए अपनी पत्नी या पुत्रवधू का मैदान में उतारा था। अब मेयर का पद ओपन हो गया है। ऐसे में मेयर की चाहत रखने वालों ने अभी से अपनी गणित लगाना शुरू कर दिया है।
केंद्र तथा प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बाद मेयर के पद के लिए भाजपा की ओर से सशक्त दावेदारी होगी। पिछली बार हरियाणा जनहित कांग्रेस व कांग्रेस ने अलग अलग प्रत्याशी उतारे थे। अब हजकां का कांग्रेस में विलय होने के बाद कांग्रेस के समीकरणों में बदलाव आने की संभावना है। दूसरा पिछले चुनाव में भाजपा कहीं दौड़ में नहीं थी। 2018 के चुनाव में भाजपा से ही टक्कर होना तय माना जा रहा है। इंडियन नेशनल लोकदल नगर निगम में मजबूत थी। इनेलो की ओर से प्रत्याशियों का एलान किया गया था। अगली बार इनेलो, कांग्रेस, भाजपा में जंग रहेगी।
फिलहाल कांग्रेस, इनेलो की कुर्सी
फिलहाल नगर निगम में 20 वार्ड हैं, जिसमें कांग्रेस की मेयर शकुंतला राजलीवाला हैं। सीनियर डिप्टी मेयर डीएन सैनी भी कांग्रेस से जुडे़ हैं। डिप्टी मेयर भीम महाजन इंडियन नेशनल लोकदल से हैं। भाजपा की सरकार बनने के बाद कुछ पार्षद भाजपा में शामिल हुए थे। इन पार्षद की संख्या बेहद कम हैं।
मेयर को हटाने की मुहिम गायब
मेयर शकुंतला राजलीवाला को हटाने के लिए मंच से एलान किए जाने के बाद भी मुहिम गति नहीं पकड़ सकी। फिलहाल मेयर आधे से अधिक पार्षदों के समर्थन से काम कर रही हैं। मेयर को हटाने के लिए दो तिहाई से अधिक यानी 16 पार्षद चाहिएं। यह आंकड़ा जुटाना आसान नहीं है।
करीब डेढ़ साल बाद होने वाले नगर निगम चुनाव के लिए अभी से तैयारी शुरू हो गई। नगर निगम मेयर का पद ओपन होने के बाद निगम चुनाव रोचक होंगे। मेयर पद की दौड़ के लिए कई दिग्गज चुनाव में उतरेंगे। संभावित प्रत्याशी अपनी गणित में जुट गए हैं।
वर्ष 2018 में मई-जून में नगर निगम का समय पूरा हो जाएगा। निगम का करीब साढे़ तीन साल का समय पूरा होने के बाद अब निगम की नई टीम के लिए तैयारी हो गई है। फरीदाबाद नगर निगम चुनाव के लिए मेयर तय करने के लिए ड्रॉ निकाला गया।
आबादी के अनुसार स्थानीय निकाय में वार्ड रिजर्व किए गए हैं। इसके अलावा मेयर के पदों को लेकर भी फैसला लिया गया। 2015 में हिसार का मेयर पद महिला के लिए आरक्षित था। इस कारण कई दिग्गजों ने चुनाव से दूरी बना ली थी।
कुछ राजनीतिक परिवारों ने खुद चुनाव लड़ने की बजाए अपनी पत्नी या पुत्रवधू का मैदान में उतारा था। अब मेयर का पद ओपन हो गया है। ऐसे में मेयर की चाहत रखने वालों ने अभी से अपनी गणित लगाना शुरू कर दिया है।
केंद्र तथा प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बाद मेयर के पद के लिए भाजपा की ओर से सशक्त दावेदारी होगी। पिछली बार हरियाणा जनहित कांग्रेस व कांग्रेस ने अलग अलग प्रत्याशी उतारे थे। अब हजकां का कांग्रेस में विलय होने के बाद कांग्रेस के समीकरणों में बदलाव आने की संभावना है। दूसरा पिछले चुनाव में भाजपा कहीं दौड़ में नहीं थी। 2018 के चुनाव में भाजपा से ही टक्कर होना तय माना जा रहा है। इंडियन नेशनल लोकदल नगर निगम में मजबूत थी। इनेलो की ओर से प्रत्याशियों का एलान किया गया था। अगली बार इनेलो, कांग्रेस, भाजपा में जंग रहेगी।
फिलहाल कांग्रेस, इनेलो की कुर्सी
फिलहाल नगर निगम में 20 वार्ड हैं, जिसमें कांग्रेस की मेयर शकुंतला राजलीवाला हैं। सीनियर डिप्टी मेयर डीएन सैनी भी कांग्रेस से जुडे़ हैं। डिप्टी मेयर भीम महाजन इंडियन नेशनल लोकदल से हैं। भाजपा की सरकार बनने के बाद कुछ पार्षद भाजपा में शामिल हुए थे। इन पार्षद की संख्या बेहद कम हैं।
मेयर को हटाने की मुहिम गायब
मेयर शकुंतला राजलीवाला को हटाने के लिए मंच से एलान किए जाने के बाद भी मुहिम गति नहीं पकड़ सकी। फिलहाल मेयर आधे से अधिक पार्षदों के समर्थन से काम कर रही हैं। मेयर को हटाने के लिए दो तिहाई से अधिक यानी 16 पार्षद चाहिएं। यह आंकड़ा जुटाना आसान नहीं है।