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Fatehabad News: जांच हो रही न मिल रहीं पूरी दवाइयां, मरीज लाचार
फतेहाबाद/भूना। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी मरीजों को उपचार नहीं मिल रहा है। भूना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में यहां न जांच हो रही है और न ही पूरी दवाइयां मिल रही हैं। गर्भवती को भी डिलीवरी के लिए रेफर किया जा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर और फार्मासिस्ट और न ही लैब तकनीशियन पूरे हैं। जिले के भट्टूकलां और भूथनकलां में तीन-तीन, भूना में पांच और जाखल में दो डॉक्टरों की कमी है, बड़ोपल का भी यही हाल है। यहां पर मेडिकल ऑफिसर के सात-सात पद स्वीकृत हैं।
सीएचसी में स्वास्थ्य सेवाओं के हालात को लेकर शुक्रवार को पड़ताल की गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भूना में चिकित्सकों की कमी से करोड़ों की लागत से बनाया गया भवन विरान पड़ा हुआ है। सीएचसी में एसएमओ सहित 15 मेडिकल ऑफिसर व रेडियोलॉजिस्ट तथा फार्मासिस्ट जैसे महत्वपूर्ण पद खाली पड़े हैं। भूना के गांवों के तीन लाख से अधिक लोगों की स्वास्थ्य सेवा मात्र एक महिला चिकित्सक के कंधों पर है। सीएचसी में चिकित्सकों के खाली पदों के कारण मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाने के चलते उन्हें निजी अस्पतालों की शरण में जाना पड़ रहा है। भूना के अधीन गांवों के तीन लाख से अधिक लोगों की स्वास्थ्य सेवा हेतु बड़ा भवन व तीस बेड तो उपलब्ध हैं। सीएचसी में मात्र एक महिला चिकित्सक के सहारे कार्य चल रहा है।
स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल ऑफिसर एवं कार्यकारी एसएमओ डॉ. पारूल भूक्कल ने बताया कि सीएचसी में स्थायी एसएमओ सहित 15 मेडिकल ऑफिसर व रेडियोलॉजिस्ट एवं रेडियोग्राफर तथा फार्मासिस्ट जैसे कई पद रिक्त हैं। जो कार्य 15 डॉक्टरों को करना चाहिए उसे अकेले करना पड़ता हूै। लड़ाई- झगड़े के मामले में भी एमएलआर काटनी पड़ रही है और मरीजों के स्वास्थ्य की देखभाल भी साथ-साथ करनी पड़ती है। केंद्र में रिक्त पदों को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है। संवाद
अस्पताल में नहीं बाल रोग विशेषज्ञ
सर्दी के कारण बच्चों एवं महिला रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मगर भूना सीएचसी में बाल रोग विशेषज्ञ जैसा महत्वपूर्ण पद खाली है। जिसके कारण मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के मरीज अपना इलाज भी नहीं करवा पाते है। उपरोक्त चिकित्सकों के खाली होने के कारण जिस गर्भवती महिला को खून की कमी या बच्चा कमजोर हो तो उसे पहले ही रेफर कर दिया जाता है। इसलिए लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं देने के सरकारी दावे सीएचसी भूना में खोखले साबित हो रहे हैं।
10 वर्षों से धूल फांक रहीं लाखों की एक्सरे मशीन
सीएचसी भूना में करीब दस साल पहले लाखों रुपये की लागत से एक्सरे मशीन उपलब्ध करवाई गई थी। लेकिन रेडियोग्राफर नहीं है। एक्स-रे करवाने के लिए लोगों को फतेहाबाद या अग्रोहा जाना पड़ रहा है। उपरोक्त मशीन का उपयोग न होने के कारण उसे जंग लग गई है और मौके पर खराब पड़ी है। वही नेत्र रोग विशेषज्ञ का भी पद खाली होने के कारण लोगों को मेडिकल या आंखों के चेकअप के लिए फतेहाबाद का सफर तय करना पड़ता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्टाफ नर्स और फार्मासिस्ट भी कम
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर फार्मासिस्ट के दो, स्टाफ नर्स के आठ, पीएचएम के एक-एक, नर्सिग सिस्टर के एक-एक, लैब तकनीशियन के दो-दो और फार्मासिस्ट के दो-दो पद स्वीकृत है। लेकिन सीएचसी बड़ोपल, भूथनकलां जाखल में दो-दो स्टाफ नर्स कम है। भूना में एक भी फार्मासिस्ट नहीं है। बड़ोपल, भूथनकलां, भट्टू और जाखल में एक-एक फार्मासिस्ट हैं।
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क्या कहते हैं मरीज
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करवाने आई थी, मगर इधर-उधर कई कमरों में गई तो कोई भी डॉक्टर नहीं मिला। अस्पताल में पर्ची काटने वाले काउंटर पर भी पर्दा लगा मिला। बिल्डिंग तो बहुत सुंदर बना रखी है, मगर अंदर मरीजों के उपचार की व्यवस्था नहीं है। डॉक्टर पूरे होंगे तो लोग भी आएंगे
-फूलपति देवी निवासी भूना
सरकार ने करीब 15 साल पहले करीब 14 करोड़ रुपये खर्च करके 30 बेड का अस्पताल तो बहुत अच्छा बना दिया। मगर डॉक्टरों की नियुक्ति करना सरकार भूल गई। अस्पताल में अधिकतर विभाग में चिकित्सक नहीं हैं जिससे परेशानी का सामना करना पड़ा। दवाईयां भी आधी अधूरी मिल रहीं हैं।
-जसबीर सिंह
सीएचसी में पिछले कई महीनों से चिकित्सकों के कई महत्वपूर्ण पद रिक्त हैं। जिसके बारे में विधायक दुड़ाराम को अवगत कराया जा चुका है। विधायक उपरोक्त चिकित्सकों के रिक्त पदों की समस्या समाधान के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। क्योंकि मरीजों के स्वास्थ्य उपचार को विधायक ने स्वयं गंभीरतापूर्वक लिया हुआ है।
-नंदलाल कंबोज, समाज सेवी एवं पूर्व सरपंच प्रतिनिधि भूना
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की स्थिति
सीएचसी स्वीकृत पद कार्यरत खाली पद
भट्टूकलां 7 4 3
भूथनकलां 7 4 3
बड़ोपल 7 6 1
जाखल 7 5 2
भूना 7 2 5
पैरामेडिकल स्टाफ की स्थिति
पद स्वीकृत कार्यरत खाली
रेडियोग्राफर 16 0 16
ईसीजी तकनीशियन 4 1 3
डेंटल तकनीशियन 13 8 5
ओटीए 20 5 15
ब्लॉक एजुकेटर 4 2 2
क्लर्क 31 17 14
अकाउंटेंट 18 5 13
डिप्टी सुपरिडेंट 4 1 3
नर्सिंग सिस्टर 17 5 12
स्टेनो 8 5 3
स्टाफ नर्स 177 136 41
फार्मासिस्ट 50 28 22
कोट
जिले में डॉक्टरों और स्पेशलिस्ट व अन्य स्टाफ की कमी है। मुख्यालय को समय-समय पर रिपोर्ट भेजकर अवगत करवाया जा रहा है। हाल ही में मेडिकल ऑफिसर और स्पेशलिस्ट जिले को मिले है जिससे कुछ राहत मिली है।
-डॉ. संगीता अबरोल, कार्यकारी सिविल सर्जन
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