{"_id":"62a02c3797e7ab3b6d791beb","slug":"lost-rs-7-6-lakh-in-greed-of-profit-in-gorakhpur","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Cyber Crime: मुनाफे की लालच में गंवाए 7.6 लाख रुपये, पुलिस ने ऐसे कराए वापस","category":{"title":"Crime","title_hn":"क्राइम","slug":"crime"}}
Cyber Crime: मुनाफे की लालच में गंवाए 7.6 लाख रुपये, पुलिस ने ऐसे कराए वापस
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Wed, 08 Jun 2022 10:32 AM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
गोरखपुर के डीआईजी जे. रविंद्र गौड़ ने बताया कि सहजनवां के अभिजीत के साथ साइबर फ्रॉड हुआ था। उनके रुपये रिकवर कराकर खाते में आ गए हैं। साइबर पुलिस ने इसके लिए तत्परता से कार्य की।
साइबर ठगों ने शेयर बाजार में रुपये लगाकर अच्छा फायदा कमाने का लालच देकर एक युवक के खाते से 7.6 लाख रुपये उड़ा दिए। हालांकि साइबर टीम ने तत्परता दिखाते हुए रुपये वापस करा दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक, सहजनवां की नई कॉलोनी निवासी अभिजीत तिवारी कॉमर्स से ग्रेजुएट हैं। वे शेयर बाजार की भी जानकारी रखते हैं। उन्होंने बताया कि शेयर बाजार में रुपये लगाकर लाभ कमाने का इच्छुक होने की वजह से वे साइबर ठगी के शिकार हो गए। उन्होंने बताया कि उनके मोबाइल फोन पर छह महीने पहले अनजान युवक की काल आई। उसने बताया कि वह एक एडवाइजरी फंड में है, जो शेयर बाजार में रुपये इन्वेस्ट कराकर अच्छा लाभ दिलाती है। वो चाहें तो उनके माध्यम से शेयर बाजार में अच्छा खासा फायदा कमा सकते हैं। इसके बदले में कंपनी कुछ कमीशन लेती है।
अभिजीत ने युवक पर विश्वास कर पहली बार में 35 हजार 500 रुपये लगाए। पहला फायदा 10,500 रुपये का हुआ। एडवाइजर बने साइबर ठग ने बताया कि उनकी फीस 35 हजार रुपये है। इसके लिए उन्होंने 25 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद उसने एक और अच्छी स्कीम के बारे में बताया और 50 हजार और फिर दो लाख रुपये और ले लिए। इसमें उन्होंने हफ्ते भर में 40 हजार रुपये का फायदा कमा लिया।
उस बीच उनका काम अच्छा चल रहा था। बीच में उसने काम करवाना बंद कर दिया। उसने कहा कि जो आपका फंड है, जिस दो लाख से आप ट्रेडिंग करते हैं, उसे आपको ट्रांसफर करना होगा। उसे मना करके इन्होंने आईडी प्रूफ वगैरह मांगा, तो उसने मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने दो लाख रुपये भी जमा कर दिए। ट्रेडिंग एकाउंट का वे सात लाख 60 हजार 500 रुपये जमा कर चुके थे। इसके बाद उन्होंने रिफंड की बात की तो उसने 20 लाख रुपये हवाला के जरिए मांगा, तब उन्हें आभास हुआ कि उनके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है।
साइबर सेल ने की मदद
अभिजीत साइबर थाने पर पहुंचे। यहां पर अच्छा रिस्पांस मिला और यहां से उसका खाता ब्लॉक करवा दिया। कम समय में ही उसे पकड़ कर तीन दिन पहले ही उनके सारे रुपये खाते में वापस आ गए। उन्होंने बताया कि जनवरी में उनके साथ यह फ्रॉड हुआ था जिसके बाद उन्होंने साइबर थाने से संपर्क किया था। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया था।
साइबर थाने के इंस्पेक्टर ने बताया कि सहजनवां के रहने वाले अभिजीत तिवारी शेयर मार्केट में काफी दिनों से इन्वेस्ट कर रहे थे। बताया कि अभिजीत के पास कॉल आई कि एक युवक किसी कंसल्टेंसी कंपनी से बात कर रहा है। उसने बताया कि उनकी कंपनी शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करवाती है। कंपनी मध्य प्रदेश के उज्जैन का बताया गया था। यह कंपनी अश्वनी रिसर्च एंड कंसल्टेसी के नाम से रजिस्टर्ड रही है।
डीआईजी करेंगे पुरस्कृत
गोरखपुर के डीआईजी जे. रविंद्र गौड़ ने बताया कि सहजनवां के अभिजीत के साथ साइबर फ्रॉड हुआ था। उनके रुपये रिकवर कराकर खाते में आ गए हैं। साइबर पुलिस ने इसके लिए तत्परता से कार्य की। उन्होंने कहा कि टीम को पुरस्कृत किया जाएगा। डीआईजी ने लोगों से अपील की कि वे समय पर साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराएंगे तो अपराधियों तक पहुंचने में पुलिस को मदद मिलेगी।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें हर राज्य और शहर से जुड़ी क्राइम समाचार की ब्रेकिंग अपडेट।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।