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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा दिल्ली हिंसा का मामला, वजाहत हबीबुल्लाह ने की प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्राची प्रियम
Updated Tue, 25 Feb 2020 11:31 AM IST
दिल्ली में नागरिकता कानून को लेकर चल रहे हिंसक प्रदर्शन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग करते हुए पूर्व सीआईसी वजाहत हबीबुल्लाह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। हिंसा के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग करने वाली पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) वजाहत हबीबुल्ला और अन्य की याचिका पर सुनवाई करने पर मंगलवार को तैयार हो गया।
न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसफ की एक पीठ के समक्ष याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था। पीठ बुधवार को इस पर सुनवाई करने को तैयार हो गई। हबीबुल्ला, भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और सामाजिक कार्यकर्ता बहादूर अब्बास नकवी ने यह याचिका दायर की है।
इसमें सीएए को लेकर शाहीन बाग और राष्ट्रीय राजधानी के अन्य हिस्सों में जारी धरनों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग भी की गई है।
दिल्ली हाइकोर्ट में भी याचिका दायर
एनजीओ ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रूख किया और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में जारी हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार किए जाने का अनुरोध किया।
इस याचिका का उल्लेख उच्च न्यायालय के समक्ष किये जाने की संभावना है। याचिका में घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किये जाने और हिंसा में मारे गये तथा घायल हुए लोगों को मुआवजा दिये जाने की मांग की गई है। एनजीओ ‘ह्यूमन राइट्स लीगल नेटवर्क’ (एचआरएलएन) की याचिका में हिंसा की जांच एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने की भी मांग की गई है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार किए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी।
याचिका को त्वरित सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी और न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया। मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर की ओर से दाखिल इस याचिका में घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किए जाने और हिंसा में मारे गये व घायल हुए लोगों को मुआवजा दिए जाने की मांग की गई है।
अधिवक्ता नेहा मुखर्जी ने याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी मांग है कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए जो लोगों को भड़का रहे हैं और नफरत भरे भाषण दे रहे हैं, जिसके कारण उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हिंसा हुई।
याचिका में राष्ट्रीय राजधानी और ऐसे क्षेत्र में जहां ‘‘लोगों पर सांप्रदायिक हमले अधिक हो रहे हैं,’’ कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए केंद्र को सेना की तैनाती करने के निर्देश दिए जाने का अनुरोध भी किया गया है।
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