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हकीकत से कोसों दूर: महंगाई दर कम, रोजमर्रा की चीजों के दाम बेअसर; आम आदमी की जेब पर बढ़ा बोझ

माई सिटी रिपोर्टर, नोएडा Published by: Vikas Kumar Updated Tue, 17 Jan 2023 12:53 AM IST
सार

आर्थिक मामलों के जानकार व अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अरुण कुमार का कहना है कि महंगाई दर व वस्तुओं के दाम में अंतर है। लोगों में गलत धारणा है कि महंगाई दर कम होने से रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी। दाम अभी भी बढ़ रहे हैं।

महंगाई की मार झेल रहे लोग
महंगाई की मार झेल रहे लोग - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

हाल में ही जारी एक रिपोर्ट में सरकार ने महंगाई दर एक साल के निचले स्तर पर होने का दावा किया है, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। आम लोगों पर महंगाई की मार लगातार पड़ रही है। इसका सबसे ज्यादा असर निम्न व मध्यम आय वर्ग के लोगों पर पड़ रहा है। दैनिक उपभोग की खाद्य सामग्री की कीमतों में तकरीबन 20 से 30 प्रतिशत तक इजाफा हुआ है। पिछले छह माह में ही आटा, दाल, चावल, घी, तेल, दूध की कीमतों में कई बार बढ़ोतरी की गई है।

सेक्टर-53 गिझोड़ मार्केट स्थित थोक व्यापारी परम सिंह चौहान ने बताया कि पिछले छह माह में आटे के दाम में आठ से दस रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है। देशी घी का दाम भी 300 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 550 रुपये प्रति किलो का आंकड़ा पार कर गया है। निम्न व औसत गुणवत्ता वाले चावल के दाम में भी करीब 10 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके अलावा दाल, चीनी, तेल आदि के दाम बढ़े हैं। 

राशन के थोक विक्रेता अमित गोयल ने बताया कि छह माह पहले चीनी 28 से 30 रुपये प्रति किलो बिक रही थी जो मौजूदा समय में 40 रुपये तक पहुंच गई है। इसी तरह औसत बासमती चावल, परमल चावल, मंसूरी चावल, सरसों तेल, रिफाइंड ऑयल पर महंगाई का असर दिख रहा है। जिससे निम्न और मध्यम आय वर्ग क लोगों का बजट बिगड़ गया है।

क्या कहते हैं नौकरीपेशा
गलगोटिया विश्वविद्यालय की पुस्तकालय अध्यक्ष सुभद्रा बताती है कि पिछले दो सालों से उनके सैलरी में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं हुई है, जबकि खर्च करीब डेढ़ गुना बढ़ गया है। ऐसे में सैलरी और खर्च के बीच की सामंजस्य बैठाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं आईटी सेक्टर में काम करने वाले नरेंद्र यादव ने बताया कि कोविड काल में उन्हें पांच के लिए नौकरी से ब्रेक भी दे दिया गया था। इसके बाद दोबारा काम पर बुलाया गया तो सैलरी में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं हुई है। महंगाई प्रतिदिन बढ़ रही है। जिससे सामंजस्य बैठाना मुश्किल हो रहा है।

क्या कहती हैं गृहिणियां
पिछले एक साल से महंगाई ने कमर तोड़ रखी है। घर का पूरा बजट गड़बड़ा गया है। किचन में चटपटी और तली हुई चीजों का चलन कम हो गया है। महंगाई के कारण बचत में भी चपत लग रही है। - वंदना झा, गृहिणी

मौजूदा समय में आम लोगों के घर का बजट बिगड़ा हुआ है। सरसों तेल जो 140 रुपये प्रति लीटर मिलता था, आज 180-190 रुपये कीमत हो गई है। इसी तरह से किचन के अन्य सामान पर भी महंगाई का असर पड़ा है। - कविता, गृहिणी

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
आर्थिक मामलों के जानकार व अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अरुण कुमार का कहना है कि महंगाई दर व वस्तुओं के दाम में अंतर है। लोगों में गलत धारणा है कि महंगाई दर कम होने से रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी। दाम अभी भी बढ़ रहे हैं।

खाद्य सामग्री मौजूदा दाम पुराने दाम
आटा 40 36
देशी घी 550 300
सरसों तेल 170 140
बासमती चावल 90-120 50-60
अरहर दाल 120 80-90
चना दाल 80 60

(दाम रुपये प्रति किलोग्राम की दर से हैं।)
 

दूध मदर डेयरी : जनवरी 2022 में फुल क्रीम दूध 57 रुपये प्रति लीटर, टोंड दूध 51 रुपये प्रति लीटर था।
जनवरी 2023 में फुल क्रीम दूध 66 रुपये प्रति लीटर, टोंड दूध 53 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

ईंधन के दाम
2022 2023
पेट्रोल : 95.41 96.65
डीजल: 86.67 90.08
दाम रुपये प्रति लीटर में हैं।
 
सीएनजी : 71.67 82.12
घरेलू एलपीजी सिलिंडर: 949 1050

(दाम रुपये प्रति किलोग्राम में हैं।)




 
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