लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   Delhi NCR ›   Faridabad News ›   11-year-old ankit under mental stress due to addiction of playing games on mobile hanged himself

कहीं आपका बच्चा भी तो नहीं बीमार: मोबाइल पर गेम खेलने की लत ने ली छात्र की जान, मानसिक तनाव में आकर लगाया फंदा

संवाद न्यूज एजेंसी, फरीदाबाद Published by: Vikas Kumar Updated Sat, 14 May 2022 09:14 PM IST
सार

मनोरोग चिकित्सक मानते हैं कि यह दैनिक जीवन व ऑनलाइन लाइफ के बीच में बिगड़ते तालमेल के कारण ऐसी स्थिति आ सकती है। ऐसे में अभिभावकों को अधिक सजग होकर बच्चों पर ध्यान देना होगा। 

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : PTI

विस्तार

सेक्टर-91 स्थित सूर्या विहार भाग-2 निवासी छात्र अंकित (11वीं) ने शुक्रवार की शाम पंखे से फंदा लगाकर जान दे दी। परिजनों के अनुसार उसे मोबाइल पर गेम खेलने की लत लग गई थी और मानसिक तनाव में था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। 



पुलिस के अनुसार अंकित (17) पास स्थित एक निजी स्कूल में 11वीं का छात्र था। परिजनों ने बताया कि अंकित को मोबाइल पर गेम करने की लत लग गई थी। इसके चलते पढ़ाई में मन नहीं लगता था। मोबाइल नहीं देने पर मानसिक तनाव में रहने लगा। इससे परिवार के लोग परेशान थे। मोबाइल गेम खेलने की लत छुड़ाने के लिए चिकित्सक से भी संपर्क किया था। काउंसिलिंग भी कराया जा रहा था। शुक्रवार शाम कमरे में था। काफी देर तक कमरे से बाहर नहीं निकला। जब परिजनों ने देखा तो पंखे में लगे फंदा से लटका मिला। फिलहाल पल्ला थाना की पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

कहीं आपका बच्चा भी तो नहीं है मानसिक रूप से बीमार 

मनोरोग चिकित्सक मानते हैं कि यह दैनिक जीवन व ऑनलाइन लाइफ के बीच में बिगड़ते तालमेल के कारण ऐसी स्थिति आ सकती है। ऐसे में अभिभावकों को अधिक सजग होकर बच्चों पर ध्यान देना होगा। ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान अभिभावकों को ध्यान देने की जरूरत है।

ऐसे करें तनावग्रस्त बच्चे की पहचान
बीके अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. धर्मवीर ने कहा कि अभिभावक बच्चों के लिए अलग से समय निकाले और उनके साथ बैठे। स्कूल में दिनभर बच्चे द्वारा किए गए क्रियाकलाप के बारे में बातचीत करें। आउटडोर एक्टिविटी पर ध्यान दें और बच्चों के साथ बाहर घूमने जाएं। ध्यान रखें कि आपका बच्चा केवल काम के लिए ही मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा है। पढ़ते समय बच्चों के आस पास रहें, ध्यान दें कि वह फोन पर पढ़ाई कर रहे हैं या फिर गेम खेल रहे हैं। यदि बच्चा अकेला रहना पसंद करे या उसमें चिड़चिड़ापन आ जाए तो उसके साथ ज्यादा समय बिताएं। उसके मन की बात को जानने की कोशिश करें। परीक्षा में कम नंबर आने पर बच्चों को डांटने की बजाय उसे आगे के लिए प्यार से समझाएं।
 

अभिभावक बच्चों के स्टडी रूम में जाएं 

अभिभावक एकता मंच के कैलाश शर्मा ने कहा अभिभावक बच्चों के स्टडी रूम में जाएं और देखें की वह क्या पढ़ रहे हैं। उनके साथ बैठे और ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। बच्चों से उनके स्कूल के बारे में बातचीत करें। कॉपी जांच करें। टेस्ट या परीक्षा में कम नंबर आने पर बच्चे को डांटने की बजाय प्यार से समझाएं। उन्हें बाहर टहलाने ले जाएं। इससे बच्चा अभिभावक से जुड़ा रहेगा और अपनी मन की बात बताएगा।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

;

Followed

;