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weed removing work from sukhna lake continue after punjab haryana highcourt instructions
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सुखना से वीड निकालने का काम युद्ध स्तर पर जारी, 60 मजदूर वर्किंग
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की फटकार के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने सुखना लेक से वीड निकालने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। हाईकोर्ट ने प्रशासन को दो सप्ताह में सुखना की वीड निकालने का समय दिया है। 20 सितंबर को हाईकोर्ट के जज और वकील कार्यों का जायजा लेने सुखना जाएंगे। सोमवार को हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया था।
अमर उजाला ने सोमवार को वीड के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। आदेश के बाद से ही इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के हाथ-पांव फूले हुए हैं। मंगलवार को 60 से अधिक मजदूर वीड निकालने के लिए लगा दिए गए।
कुछ मजदूर सुखना के किनारे-किनारे वीड निकाल रहे हैं तो कुछ भीतर से नाव में वीड भरकर बाहर ला रहे हैं। सिर्फ वीड ही नहीं किनारों पर पत्थरों के बीच में उग कर बड़ी हो चुकी घास को भी काटा जा रहा है। सुखना पुलिस पोस्ट से लेकर रेगुलेटरी एंड तक किनारे-किनारे श्रमिक लगे हुए हैं।
बिजनौर से बुलाए मजदूर
वीड निकालने के लिए मजदूर बिजनौर से बुलाए गए हैं। वीड निकाल रहे एक मजदूर ने बताया कि वह कई सालों से सुखना की वीड निकाला आ रहा है। इस बार भी उनको ही बुलाया गया है। मजदूर ने बताया कि वीड की जड़ें काफी गहरी हैं। ये सतह से उगकर पानी केऊपर तक आ गई हैं।
वीड को सिर्फ निकालना ही समाधान नहीं
चंडीगढ़ की शान सुखना लेक
वीड को इसी तरह से पिछले कई सालों से निकाला जा रहा है। लेकिन जड़ से ये नहीं उखड़ती, बल्कि बीच से टूटकर बाहर आ जाती हैं। बाहर से देखने पर लगता है कि वीड खत्म हो चुकी है। लेकिन नीचे जड़ें पड़ी रहती हैं और कुछ दिनों बाद फिर उसी तरह फैल जाती हैं। उसके बाद बाहर दिखने लगती हैं। इसको जड़ से खत्म करने की जरूरत है।
वीड निकालने में नहीं बरती जा रही सावधानी
प्रशासन ने आनन-फानन में वीड निकालने का काम तो शुरू करवा दिया। लेकिन इसको निकालने में सावधानी नहीं बरती जा रही है। हाथों में बिना दस्ताने पहने ही कर्मचारी इसे निकाल रहे हैं। जबकि वैज्ञानिकों ने इसे खुले हाथों से छूना खतरनाक माना है। इसके सीधे त्वचा के संपर्क में आने से जलन और खुजली की शिकायत होने लगती है। इसके तने पर छोटे-छोटे कांटे भी होते हैं।
नाजस मेरिना है इस वीड का वैज्ञानिक नाम
चंडीगढ़ की शान सुखना लेक
- फोटो : अमर उजाला
पीयू बोटनी विभाग के वैज्ञानिकों का दावा किया है कि इस वीड का नाम नाजस मेरिना है। यह सुखना के लिए काफी खतरनाक है। वीड इतनी तेजी से फैलती है कि यह किसी दूसरी वनस्पति को पनपने नहीं देती। जिससे इको बैलेंस की सबसे बड़ी दिक्कत आती है। यह पानी के जल संग्रह को खत्म करती है। इसको मछलियां भी खा नहीं पाती हैं। यह वीड सुखना के लिए ग्रहण बनी हुई है।
लगातार गिर रहा पानी का स्तर
सुखना के सूखने का सफर जारी है। पानी का स्तर निरंतर गिर रहा है। इसका खुलासा उस समय भी हुआ जब एक एक मजदूर किनारे से लगभग 50 मीटर दूर पानी के अंदर ही उतरकर वीड निकालता दिखा। मजदूर सुखना की सतह पर खड़ा था और उसकी छाती तक पानी आ रहा था।
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