चंडीगढ़। शहरवासी इस वर्ष भी दिवाली पर पटाखे नहीं चला सकेंगे। यूटी प्रशासन ने एनजीटी के आदेशों का हवाला देते हुए मंगलवार को दिवाली पर पटाखों की बिक्री और चलाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया। प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने अधिकारियों के साथ बैठक के बाद ये फैसला लिया।
बता दें कि पिछली बार भी यूटी प्रशासन ने दिवाली से कुछ दिन पहले पटाखों की बिक्री और चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसलिए इस बार भी प्रतिबंध जारी रहेगा। बीते पांच वर्षों में दिवाली पर प्रशासन का फैसला अलग-अलग रहा है। वर्ष 2017 में प्रशासन ने तीन दिन के लिए पटाखों की बिक्री और चलाने पर प्रतिबंध हटाया था। इसमें दशहरा, दीपावली और गुरु पर्व पर शाम से 6.30 से 9.30 बजे तक पटाखे चलाने की अनुमति दी गई थी। वर्ष 2018 और 2019 में प्रशासन ने रात 8 से 10 बजे तक पटाखे चलाने की अनुमति दी थी, जबकि वर्ष 2020 में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि मोहाली और पंचकूला में पिछली बार भी पटाखे बिके और चलाए गए थे और इस बार बिक्री होगी। इन दोनों राज्यों की सरकारों ने प्रतिबंध नहीं लगाया है। पिछले वर्ष भी सवाल उठा था कि जब मोहाली और पंचकूला में पटाखे चलेंगे तो सिर्फ चंडीगढ़ में प्रतिबंध लगाकर क्या फायदा। हालांकि प्रशासन ने इस तर्क को नहीं माना था।
पटाखे चलाए तो जाना पड़ सकता है जेल
प्रतिबंध के आदेश के बावजूद अगर कोई व्यक्ति पटाखे चलाते पकड़ा गया तो आईपीसी की धारा-188 और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 से 60 के तहत कार्रवाई की जाएगी। आईपीसी की धारा-188 के तहत सजा के दो प्रावधान हैं। पहला, अगर आदेश का उल्लंघन करते हैं या आपकी किसी हरकत से कानून व्यवस्था में लगे शख्स को नुकसान पहुंचता है, तो कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपये जुर्माना या फिर दोनों सजाएं दी जा सकती हैं। दूसरा, अगर आपके द्वारा सरकार के आदेश का उल्लंघन किए जाने से मानव जीवन, स्वास्थ्य, सुरक्षा आदि को खतरा होता है तो आप को कम से कम 6 महीने की जेल या 1000 रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है। आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 से 60 के तहत भी अधिकतम दो वर्ष की सजा या जुर्माना या फिर दोनों लगाए जा सकते हैं।
सिर्फ चंडीगढ़ में प्रतिबंध लगाने का कोई फायदा नहीं : क्रैकर्स एसोसिएशन
चंडीगढ़ क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन के प्रधान दविंदर गुप्ता व महासचिव चिराग अग्रवाल ने डीसी मनदीप सिंह बराड़ को पत्र लिखकर दिवाली पर पटाखे बेचने और चलाने की इजाजत मांगी थी, लेकिन उनकी मांगों को माना नहीं गया। इस फैसले के बाद चिराग अग्रवाल ने कहा कि चंडीगढ़ शहर पंचकूला और मोहाली से घिरा हुआ है। जब दोनों जगह पटाखे चलाएंगे तो सिर्फ चंडीगढ़ में प्रतिबंध लगाने से शहर में प्रदूषण कम नहीं होगा। पिछली बार भी पटाखा व्यापारियों का काफी नुकसान हुआ था। इस बार भी झेलना पड़ेगा।
फैसले पर पुनर्विचार करे प्रशासन : उद्योग व्यापार मंडल
उद्योग व्यापार मंडल चंडीगढ़ के अध्यक्ष कैलाश चंद जैन ने प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित को ज्ञापन भेज चंडीगढ़ में पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। जैन ने कहा है कि दिवाली व अन्य तीज त्योहारों पर पटाखे चलाना हिंदू संस्कृति का हिस्सा है और देश भर में लाखों कारीगर व कारोबारी इस धंधे से जुड़े हुए हैं। अधिकतर दुकानदारों ने पटाखों की खरीदारी कर ली है या खरीदी के लिए एडवांस दिया हुआ है। इस प्रकार से प्रतिबंध लगाने से इन दुकानदारों का करोड़ों रुपये का नुकसान हो जाएगा व त्योहारी सीजन भी खराब हो जाएगा।