{"_id":"632f0255a1ba9c151447885a","slug":"nia-and-ats-team-arrest-two-youth-from-varanasi-in-conspiracy-to-incite-riots-in-gyanvapi-case","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"ज्ञानवापी प्रकरण में दंगा भड़काने की साजिश: वाराणसी में PFI के दो सदस्य गिरफ्तार, जांच में जुटी NIA और ATS","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
ज्ञानवापी प्रकरण में दंगा भड़काने की साजिश: वाराणसी में PFI के दो सदस्य गिरफ्तार, जांच में जुटी NIA और ATS
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: उत्पल कांत
Updated Sat, 24 Sep 2022 06:43 PM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
एनआईए और एटीएस की टीम वाराणसी में पकड़े गए पीएफआई से जुड़े दो युवकों की कुंडली खंगाल रही है। अभी तक की जांच में यह सामने आया है कि दोनों पीएफआई के लिए फंड जुटाते थे।
पीएफआई से जुड़े दोनों युवकों को कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा
- फोटो : अमर उजाला
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दो सदस्यों को एनआईए और एटीएस की टीम ने शनिवार सुबह वाराणसी के कज्जाकपुरा रेलवे क्रॉसिंग के पास से गिरफ्तार किया। दोनों पर ज्ञानवापी प्रकरण में दंगे भड़काने की साजिश और फंड जुटाने, देश विरोधी कृत्य समेत अन्य कई आरोप हैं। एनआईए और एटीएस की टीम ने घंटे भर से अधिक समय तक दोनों से पूछताछ की। देर शाम रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट में आरोपियों को पेश किया गया, जहां से 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया। दोनों को सात दिन की कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए कमिश्नरेट पुलिस ने कोर्ट में आवेदन किया।
एटीएस के अनुसार गिरफ्तार जैतपुरा थाना अंतर्गत कच्चीबाग निवासी रिजवान अहमद और आदमपुर के आलमबाग निवासी मोहम्मद शाहिद है। दोनों के मोबाइल और लैपटाप से पीएफआई से संबंधित साहित्य और अन्य तस्वीरें भी मिली हैं। पूछताछ में सामने आया कि दोनों पीएफआई के लिए फंड जुटाते थे और मुस्लिम युवकों को भड़काते थे।
ज्ञानवापी प्रकरण की लड़ाई के लिए जुटा रहे थे चंदा
पीएफआई के संदेश को प्रसारित करने के साथ ही दोनों कहते थे कि ज्ञानवापी प्रकरण की लंबी लड़ाई लड़ी जाएगी। ज्ञानवापी प्रकरण की लड़ाई के लिए चंदा भी लेते थे। आदमपुर की पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों को रिमांड मजिस्ट्रेट अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन अलका की अदालत में पेश किया।
14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए रिजवान और शाहिद को कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए पुलिस ने एपीओ वंदना पाठक के जरिए कोर्ट में आवेदन किया। हवाला दिया कि आरोपियों के घर की तलाशी, पीएफआई से जुड़े अन्य सदस्यों के बाबत जानकारी, फंडिंग आदि जानकारी के लिए दोनों से पूछताछ बेहद अहम है।
आदमपुर की पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों को रिमांड मजिस्ट्रेट अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन अलका की अदालत में पेश किया। 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए रिजवान और शाहिद को कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए पुलिस ने एपीओ वंदना पाठक के जरिए कोर्ट में आवेदन किया। हवाला दिया कि आरोपियों के घर की तलाशी, पीएफआई से जुड़े अन्य सदस्यों के बाबत जानकारी, फंडिंग आदि जानकारी के लिए दोनों से पूछताछ बेहद अहम है।
तीन साल पहले सीएए-एनआरसी बवाल में जेल गए थे दोनों
पीएफआई से जुड़े दोनों युवकों को कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा
- फोटो : अमर उजाला
पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) के लिए फंड जुटाने और ज्ञानवापी प्रकरण पर खास समुदाय की धार्मिक भावनाओं को भड़काने की साजिश रचने के आरोपी रिजवान और मोहम्मद शाहिद बेहद सामान्य परिवार से है। इनका परिवार साड़ी बुनाई के पुश्तैनी धंधे से जुड़ा है। तीन साल पूर्व सीएए-एनआरसी के विरोध में दोनों जेल गए थे। इसके अलावा इन पर अन्य कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है।
दोनों की गिरफ्तारी से परिजनों के साथ ही मोहल्ले के अन्य लोग भी सहमे हुए हैं। दबी जुबान से कहते है कि यह दोनों सिर्फ बहकावे में आकर सीएए-एनआरसी के विरोध में बेनिया मैदान पहुंचे थे और उपद्रव के दौरान ही चिन्हित होने पर दोनों जेल गए थे। उसी रिकार्ड को पुलिस दोहरा रही है।
जैतपुरा के कच्चीबाग निवासी रिजवान अहमद का पुरानापुल के पास पावरलूम है, जहां वह कभी-कभी जाता था। इसके अलावा परिवार में उसका छोटा भाई अपने ससुराल चौकाघाट स्थित एक मोहल्ले में रहता है। परिवार में चाचा और अन्य परिजन हैं, हालांकि उन्हें रिजवान के पीएफआई में शामिल होने के बारे में कभी भनक नहीं लग सकी। रिजवान के तीन बच्चे हैं।
परिवार में उसके चाचा ने बताया कि वह साड़ी बुनाई के धंधे में ही रहता था, पीएफआई का कभी जिक्र भी हम लोगों के सामने उसने नहीं किया। दो दिन पूर्व भोर के समय काफी संख्या में कुछ लोग आए थे और मोहल्ले के स्ट्रीट लाइट को बुझाते हुए अंदर घर में दाखिल हुए। रिजवान को पूछा और जैसे ही रिजवान आया तो उसे अपने साथ ले गए। उसके बाद रिजवान से कोई बातचीत नहीं हो सकी। बाद में मालूम चला कि एनआईए और एटीएस की टीम पूछताछ के लिए ले गई है।
एसीपी और इंस्पेक्टर को रखा गया दूर
राष्ट्रीय जांच एजेंसी और एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड के अफसरों ने आदमपुर थाने पर सुबह से अपराह्न तक रहे। प्रभारी निरीक्षक के कार्यालय में अधिकारियों की बैठकें हो रही थीं। हालांकि बैठक से एसीपी कोतवाली त्रिलोचन त्रिपाठी और आदमपुर थाना प्रभारी निरीक्षक अजीत वर्मा को दूर रखा गया था। एसीपी और इंस्पेक्टर थाने के मुंशी कार्यालय के पास घंटों बैठे रहे। जब टीम थाने से निकलने लगी तब एसीपी और इंस्पेक्टर ने बातचीत की।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।