इस साल कुल छह ग्रहण के संयोग बन रहे हैं। पहला चंद्रग्रहण 10 जनवरी को बीत चुका है, जबकि पांच ग्रहण अभी शेष हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, इस साल दो चंद्रगहण शेष हैं, जिसमें एक पांच जून और दूसरा पांच जुलाई को होगा। यह दोनों पूरी तरह से उपछाया ग्रहण हैं, अर्थात छाया की छाया। शास्त्रों में इसे ग्रहण के रूप में मान्यता नहीं है। मांद्य चंद्रग्रहण होने से इस ग्रहण का सूतक नहीं लगेगा।
इसके कारण ग्रहण काल में पूजा-पाठ आदि कर्म किए जा सकते हैं। ज्योतिषाचार्य गणेश प्रसाद मिश्र ने बताया कि उपछाया ग्रहण तब लगता है, जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में न आकर उसकी उपछाया से ही लौट जाता है। ऐसी स्थिति में चंद्रमा पर एक धुंधली सी परत नजर आती है। वास्तविक चंद्रग्रहण की तरह इसमें चंद्रमा के आकार पर कोई फर्क नहीं पड़ता है और न ही चंद्रमा का कोई भाग ग्रसित होता है। सिर्फ हल्की सी कांति मलीन होती है।
चंद्रग्रहण का समय
स्पर्श रात 11:16 बजे
परमग्रास रात 12: 54 बजे
अंतिम स्पर्श रात 02:32 बजे
अवधि 3 घंटे, 15 मिनट, 47 सेकंड
ज्योतिषाचार्य पं. दीपक मालवीय के अनुसार, 21 जून को वर्ष का पहला सूर्यग्रहण लगेगा। यह कंकणाकृति सूर्यग्रहण होगा। इसकी अवधि चार घंटा 12 मिनट है। ग्रहण का समय सुबह 9:15 बजे से दोपहर 3:04 बजे तक होगा। पूर्ण ग्रहण 10:17 से 2:02 बजे तक होगा।
ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव 12:10 बजे होगा। 5 जुलाई को होने वाले चंद्रग्रहण की अवधि सुबह 08:37 से 11:22 बजे तक होगी। वर्ष का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर होगा। ग्रहण का समय सुबह 7:03 बजे से 12 बजे तक होगा।
इस साल कुल छह ग्रहण के संयोग बन रहे हैं। पहला चंद्रग्रहण 10 जनवरी को बीत चुका है, जबकि पांच ग्रहण अभी शेष हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, इस साल दो चंद्रगहण शेष हैं, जिसमें एक पांच जून और दूसरा पांच जुलाई को होगा। यह दोनों पूरी तरह से उपछाया ग्रहण हैं, अर्थात छाया की छाया। शास्त्रों में इसे ग्रहण के रूप में मान्यता नहीं है। मांद्य चंद्रग्रहण होने से इस ग्रहण का सूतक नहीं लगेगा।
इसके कारण ग्रहण काल में पूजा-पाठ आदि कर्म किए जा सकते हैं। ज्योतिषाचार्य गणेश प्रसाद मिश्र ने बताया कि उपछाया ग्रहण तब लगता है, जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में न आकर उसकी उपछाया से ही लौट जाता है। ऐसी स्थिति में चंद्रमा पर एक धुंधली सी परत नजर आती है। वास्तविक चंद्रग्रहण की तरह इसमें चंद्रमा के आकार पर कोई फर्क नहीं पड़ता है और न ही चंद्रमा का कोई भाग ग्रसित होता है। सिर्फ हल्की सी कांति मलीन होती है।
चंद्रग्रहण का समय
स्पर्श रात 11:16 बजे
परमग्रास रात 12: 54 बजे
अंतिम स्पर्श रात 02:32 बजे
अवधि 3 घंटे, 15 मिनट, 47 सेकंड