न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: उत्पल कांत
Updated Mon, 06 Dec 2021 01:28 AM IST
काशी विश्वनाथ धाम को भक्तों को समर्पित करने के बाद 13 दिसंबर की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जलविहार कर घाटों पर मनाए जाने वाले उत्सव को निहारेंगे। इस दौरान पीएम की जलयान पर देश के अलग-अलग राज्यों के 13 मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे। 14 दिसंबर को भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के सुशासन सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनारस रेल कारखाना (बीएलडब्ल्यू) में संबोधित करेंगे।
काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद शहर में देव दीपावली का नजारा होगा। इसमें काशी के अर्द्धचंद्राकार घाटों पर दीपमाला सजाई जाएगी और देवों का काशी की धरा पर स्वागत किया जाएगा। इस पूरे नजारे को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर की शाम को खिड़किया घाट से अस्सी घाट तक जल विहार करेंगे।
अद्भुत होगा आयोजन
पीएम के साथ कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे और इस अद्भुत आयोजन के साक्षी बनेंगे। इसके अगले दिन पीएम मोदी मुख्यमंत्रियों से सुशासन पर संवाद करेंगे। यहां बता दें कि पहले मुख्यमंत्रियों के संवाद का कार्यक्रम काशी विश्वनाथ धाम में ही आयोजित था। मगर, इसमें अब बदलाव किया गया है और इसे बनारस रेल कारखाना परिसर में आयोजित किया जाएगा।
पढ़ेंः काशी विश्वनाथ धाम: पीएम मोदी के साथ महादेव के भव्य दरबार के लोकार्पण में साथ रहेंगे 18 मुख्यमंत्री
काशी विश्वनाथ धाम के भक्तों को समर्पित होने के बाद काशी विश्वनाथ का प्रसाद भाजपा कार्यकर्ता घर-घर पहुंचाएंगे। इसके लिए मंदिर में महादेव को चढ़ाए गए प्रसाद को भाजपा के शक्ति केंद्रों पर भेजा जाएगा। यहां से प्रत्येक कार्यकर्ता को 25 परिवारों तक प्रसाद पहुंचाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। प्रसाद में बेसन के दो लड्डू और काशी विश्वनाथ पर आधारित पुस्तिका होगी।
काशी विश्वनाथ धाम के अलौकिक, ऐतिहासिक और अद्भुत आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दुनिया के तीन हजार विशिष्ट जन साक्षी बनेंगे। इसके लिए देश और दुनिया के संत, महंत और अलग-अलग संप्रदायों के प्रमुखों की सूची तैयार की जा रही है। पीएम की सुरक्षा को देखते हुए विशेष अनुष्ठान के समय सूचीबद्ध लोगों को ही मंदिर परिसर में रुकने की अनुमति होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर की सुबह काशी विश्वनाथ धाम में महादेव के विशेष अनुष्ठान में मुख्य यजमान बनेंगे। इस दौरान देश के अलग-अलग संप्रदायों के प्रमुखों के मंत्रोच्चार के बीच पीएम राजराजेश्वर स्वरूप में काशीपुराधिपति का अभिषेक देश की सभी नदियों के जल से करेंगे।
इस दौरान मंदिर परिसर में ही संतों और महंतों के अलावा देश के अलग-अलग क्षेत्रों के विशिष्टजनों को भी आमंत्रित किया गया है। इस विशेष अनुष्ठान के मौके पर तीन हजार लोगों की उपस्थिति को मंजूरी मिली है। फिलहाल भाजपा के नेता और पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को इस दौरान मंदिर परिसर में नहीं रहने का निर्देश दिया गया है। मंदिर प्रवेश के लिए पास या आमंत्रण कार्ड की व्यवस्था होगी।
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काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद 17 दिसंबर को प्रस्तावित महापौर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली शामिल होंगे। मास पर्यंत चलने वाले भव्य काशी-दिव्य काशी अभियान के तहत इस सम्मेलन में देशभर के प्रमुख शहरों के महापौर धाम के मंदिर चौक पर एकजुट होंगे। यहां प्रधानमंत्री के समक्ष महापौर अपनेशहरों में कराए गए हेरिटेज रिज्युवीनेशन (विरासत का जीर्णोद्धार) के लिए किए जा रहे कार्याें का प्रस्तुतीकरण भी करेंगे।
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काशी विश्वनाथ धाम को भक्तों को समर्पित करने के बाद 13 दिसंबर की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जलविहार कर घाटों पर मनाए जाने वाले उत्सव को निहारेंगे। इस दौरान पीएम की जलयान पर देश के अलग-अलग राज्यों के 13 मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे। 14 दिसंबर को भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के सुशासन सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनारस रेल कारखाना (बीएलडब्ल्यू) में संबोधित करेंगे।
काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद शहर में देव दीपावली का नजारा होगा। इसमें काशी के अर्द्धचंद्राकार घाटों पर दीपमाला सजाई जाएगी और देवों का काशी की धरा पर स्वागत किया जाएगा। इस पूरे नजारे को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर की शाम को खिड़किया घाट से अस्सी घाट तक जल विहार करेंगे।
अद्भुत होगा आयोजन
पीएम के साथ कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे और इस अद्भुत आयोजन के साक्षी बनेंगे। इसके अगले दिन पीएम मोदी मुख्यमंत्रियों से सुशासन पर संवाद करेंगे। यहां बता दें कि पहले मुख्यमंत्रियों के संवाद का कार्यक्रम काशी विश्वनाथ धाम में ही आयोजित था। मगर, इसमें अब बदलाव किया गया है और इसे बनारस रेल कारखाना परिसर में आयोजित किया जाएगा।
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