वाराणसी। सड़कों के रखरखाव और नई तकनीक से सुरक्षा की दिशा में आईआईटी बीएचयू और परिवहन मंत्रालय साथ मिलकर काम करेंगे। इसके लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह की मौजूदगी में आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. पीके जैन और महानिदेशक सड़क विकास और विशेष सचिव इंद्रेश कुमार पांडेय ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया। परिवहन मंत्रालय की ओर से दस साल के लिए प्रोफेशनल शोध पीठ की स्थापना की जा रही है, जो सड़क परिवहन और राजमार्ग से संबंधित नए क्षेत्रों में मंत्रालय के लिए एक रणनीतिक सलाहकार के रूप में कार्य करेगा और राजमार्गों से संबंधित शोध और विकास, शिक्षण एवं प्रशिक्षण पर केंद्रित रहेगा।
आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि आईआईटी बीएचयू राजमार्ग क्षेत्र के विकास के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास, शिक्षण और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करेगा। संस्थान के साथ ही भारतीय शिक्षाविद राजमार्ग सुरक्षा विकास परियोजना के तहत सड़क सुरक्षा, पर्यावरण और सामाजिक प्रभावों से संबंधित अध्ययन करेंगे। इसके अलावा, संस्थान मानकों, दिशा निर्देशों, प्रशिक्षण आदि के माध्यम से राजमार्ग विकास के लिए योजना, डिजाइन, निर्माण और संचालन और रखरखाव में प्रौद्योगिकी उन्नयन के प्रसार या सुविधा प्रदान करेगा। मंत्रालय की ओर से चुने गए विषयों पर अनुसंधान कार्यक्रम के लिए पीएचडी कोर्स भी चलाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि संस्थान राजमार्ग इंजीनियरिंग से संबंधित किसी भी क्षेत्र में मंत्रालय को तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा। समय-समय पर संगोष्ठी, कार्यशाला आदि के आयोजन भी कराए जाएंगे। राजमार्ग इंजीनियरिंग के क्षेत्र में मंत्रालय के नामित अधिकारियों सहित आठ से दस शोध छात्रों को भी शामिल करने के साथ ही पीजी पाठ्यक्रमों में भी मंत्रालय के अधिकारी भाग ले सकेंगे। एमटेक और पीएचडी कार्यक्रमों परिणाम का उपयोग स्टेट ऑफ आर्ट रिपोर्ट तैयार करने, आईआरसी दिशानिर्देशों के संशोधन/विकास और अभ्यास के कोड, रिसर्च डाइजेस्ट की तैयारी के लिए किया जाएगा।