वाराणसी। लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों में से सर्वाधिक 1211 पोस्टल बैलेट (ईटीपीबीएस) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले। सपा-बसपा गठबंधन की शालिनी यादव को 396 और कांग्रेस के अजय राय को 92 पोस्टल बैलेट मत मिले। चौथे नंबर पर 18 पोस्टल बैलेट नोटा (नन ऑफ द एबव) को मिले।
लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट से 26 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। जिले में 1936 पोस्टल बैलेट थे, इनमें से 1732 मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री मोदी, शालिनी, अजय और नोटा के अलावा अन्य 23 प्रत्याशी दहाई की संख्या में भी पोस्टल बैलेट नहीं पा सके। इन 23 प्रत्याशियों में से 12 प्रत्याशियों को एक भी पोस्टल बैलेट नहीं मिला। वहीं, 11 प्रत्याशियों को तीन या इससे कम पोस्टल बैलेट मिले। इस बीच नोटा केे खाते में 18 पोस्टल बैलेट का जाना मतगणना में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच भी चर्चा का विषय बना रहा।
मत पाने के मामले में पांचवें स्थान पर रहा नोटा
वाराणसी। संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सर्वाधिक मत पाने वालों के क्रम में प्रधानमंत्री मोदी, सपा-बसपा गठबंधन की शालिनी, कांग्रेस के अजय राय और सुभासपा के सुरेंद्र राजभर के बाद पांचवें स्थान पर नोटा (नन ऑफ द एबव) रहा। नोटा का विकल्प 4037 मतदाताओं ने चुना। 2014 के लोकसभा चुनाव में जिले के 2051 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना था। 2019 के चुनाव में नोटा का विकल्प चुनने वालों की संख्या बढ़कर 4037 हो गई। इस बार फेसबुक सहित सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म पर शहर के कुछेक लोगों और कुछ स्वयंसेवी संगठनों ने नोटा का विकल्प चुनने की मुहिम सी चला रखी थी, लेकिन मतदाताओं पर इसका खास असर नहीं देखा गया।
23 प्रत्याशियों को एक प्रतिशत मत भी नहीं मिले
वाराणसी संसदीय सीट से 26 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इनमें से 23 प्रत्याशियों को एक प्रतिशत मत भी नहीं मिले। 20 प्रत्याशी दो हजार या इससे अधिक मत नहीं पा सके। प्रधानमंत्री मोदी, शालिनी व अजय राय के अलावा सुभासपा के सुरेंद्र राजभर को 8892 मत, जनहित किसान पार्टी के अनिल कुमार चौरसिया को 2756 मत और निर्दलीय मनोहर आनंदराव पाटिल को 2134 मत मिले। सबसे कम 331 मत निर्दलीय चंद्रिका प्रसाद को मिले।
वाराणसी। लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों में से सर्वाधिक 1211 पोस्टल बैलेट (ईटीपीबीएस) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले। सपा-बसपा गठबंधन की शालिनी यादव को 396 और कांग्रेस के अजय राय को 92 पोस्टल बैलेट मत मिले। चौथे नंबर पर 18 पोस्टल बैलेट नोटा (नन ऑफ द एबव) को मिले।
लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट से 26 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। जिले में 1936 पोस्टल बैलेट थे, इनमें से 1732 मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री मोदी, शालिनी, अजय और नोटा के अलावा अन्य 23 प्रत्याशी दहाई की संख्या में भी पोस्टल बैलेट नहीं पा सके। इन 23 प्रत्याशियों में से 12 प्रत्याशियों को एक भी पोस्टल बैलेट नहीं मिला। वहीं, 11 प्रत्याशियों को तीन या इससे कम पोस्टल बैलेट मिले। इस बीच नोटा केे खाते में 18 पोस्टल बैलेट का जाना मतगणना में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच भी चर्चा का विषय बना रहा।
मत पाने के मामले में पांचवें स्थान पर रहा नोटा
वाराणसी। संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सर्वाधिक मत पाने वालों के क्रम में प्रधानमंत्री मोदी, सपा-बसपा गठबंधन की शालिनी, कांग्रेस के अजय राय और सुभासपा के सुरेंद्र राजभर के बाद पांचवें स्थान पर नोटा (नन ऑफ द एबव) रहा। नोटा का विकल्प 4037 मतदाताओं ने चुना। 2014 के लोकसभा चुनाव में जिले के 2051 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना था। 2019 के चुनाव में नोटा का विकल्प चुनने वालों की संख्या बढ़कर 4037 हो गई। इस बार फेसबुक सहित सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म पर शहर के कुछेक लोगों और कुछ स्वयंसेवी संगठनों ने नोटा का विकल्प चुनने की मुहिम सी चला रखी थी, लेकिन मतदाताओं पर इसका खास असर नहीं देखा गया।
23 प्रत्याशियों को एक प्रतिशत मत भी नहीं मिले
वाराणसी संसदीय सीट से 26 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इनमें से 23 प्रत्याशियों को एक प्रतिशत मत भी नहीं मिले। 20 प्रत्याशी दो हजार या इससे अधिक मत नहीं पा सके। प्रधानमंत्री मोदी, शालिनी व अजय राय के अलावा सुभासपा के सुरेंद्र राजभर को 8892 मत, जनहित किसान पार्टी के अनिल कुमार चौरसिया को 2756 मत और निर्दलीय मनोहर आनंदराव पाटिल को 2134 मत मिले। सबसे कम 331 मत निर्दलीय चंद्रिका प्रसाद को मिले।