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Umesh Pal Murder Case: असद की एक गलती से चौपट हो गया अतीक का पूरा प्लान, ऐसा न करता तो बच जाता माफिया का बेटा

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: शाहरुख खान Updated Sun, 12 Mar 2023 01:41 PM IST
सार

उमेश पाल पर हमले करने के दौरान अगर असद गाड़ी से बाहर आकर गोलियां न चलाता तो शायद इस मामले में उसकी संलिप्तता का कभी पता नहीं चलता। इसकी भूमिका खुद अतीक और अशरफ ने जेल में रहकर रची थी। उसकी लोकेशन प्रयागराज में न मिले, इसके लिए मोबाइल को चालू हालत में लखनऊ के फ्लैट में छोड़ने को कहा गया। 

Umesh Pal Murder Case Asad left mobile in Lucknow to escape, money withdrawn from ATM
Umesh Pal Murder Case - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

उमेश पाल की हत्या से पहले माफिया अतीक अहमद ने अपने बेटे असद को बचाने की फुलप्रूफ प्लानिंग की थी। लखनऊ के महानगर स्थित जिस यूनिवर्सल अपार्टमेंट में असद रहता था, घटना को अंजाम देने से पहले वह अपना मोबाइल फ्लैट पर ही छोड़ गया था। 


इतना ही नहीं, जिस वक्त प्रयागराज में उमेश पाल पर गोलियां बरसाई गईं, लखनऊ में असद के एटीएम कार्ड से पैसे निकाले जा रहे थे। दरअसल, उमेश पाल पर हमले करने के दौरान अगर असद गाड़ी से बाहर आकर गोलियां न चलाता तो शायद इस मामले में उसकी संलिप्तता का कभी पता नहीं चलता। 




इसकी भूमिका खुद अतीक और अशरफ ने जेल में रहकर रची थी। उसकी लोकेशन प्रयागराज में न मिले, इसके लिए मोबाइल को चालू हालत में लखनऊ के फ्लैट में छोड़ने को कहा गया। 

साथ ही, असद को लखनऊ से प्रयागराज अपनी गाड़ी से जाने से मना किया गया था। जब जांच एजेंसियों ने घटना के बाद असद के मोबाइल की लोकेशन निकाली तो वह लखनऊ में मिली। इसी तरह वारदात के समय एटीएम से पैसे निकाले गए।

अब जांच एजेंसियां यूनिवर्सल अपार्टमेंट के निकट के एटीएम से पैसे निकालने वाले असद के साथी को तलाश रही है। एटीएम से करीब पांच हजार रुपये निकालने जाने के ट्रांजेक्शन की प्रमाणित प्रति और सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने अपने कब्जे में ले ली है। असद के मोबाइल की सीडीआर निकाल कर उसका परीक्षण किया जा रहा है।

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अशरफ, अली और उमर तनहाई बैरक में भेजे गए
वहीं दूसरी ओर बरेली जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ, प्रयागराज की नैनी जेल में बंद अतीक के बेटे अली और लखनऊ जेल में बंद उमर को हाई सिक्योरिटी वाली तनहाई बैरक में भेज दिया गया है। डीजी जेल आनंद कुमार के निर्देश पर तीनों को लगातार 24 घंटे सीसीटीवी सर्विलांस के दायरे में रखा गया है। 
 

साथ ही, उनकी मुलाकात पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गयी है। तीनों की बैरक में जेलकर्मियों की रोटेशन में ड्यूटी लगाई जा रही है। किसी अन्य जेल अधिकारी या कर्मचारी को बिना अनुमति बैरक के पास जाने से मना किया गया है।

अभियोजन भी कसेगा शिकंजा
उमेश पाल हत्याकांड के बाद अभियोजन निदेशालय ने अतीक, उसके परिजनों और गैंग के सदस्यों के खिलाफ दर्ज मुकदमों और उनमें अब तक हुई कार्यवाही की फेहरिस्त बनानी शुरू कर दी है। बताते चलें कि अतीक और उसके परिजनों के खिलाफ 165 मुकदमे दर्ज हैं। इस फेहरिस्त में अब गुड्डू मुस्लिम, गुलाम, साबिर आदि को भी जोड़ा जा रहा है ताकि इन सभी के खिलाफ अदालत में चल रही कार्यवाही की लगातार मॉनीटरिंग की जा सके। साथ ही, गवाहों को चिह्नित कर उनकी सुरक्षा का प्रबंध किया जा सके।
 
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