सुल्तानपुर। जिला अस्पताल में मंगलवार दोपहर जब मरीजों को ओपीडी में बैठकर चिकित्सक देख रहे थे। तभी अचानक बत्ती गुल हो गई। बत्ती जाने से चिकित्सक के साथ ही मरीज और उनके तीमारदार पसीने से तर-बतर नजर आए। एक घंटे तक बत्ती नहीं आई। इस बीच चिकित्सकों ने मरीजों को टॉर्च व मोबाइल की लाइट जलाकर देखा।
जिला अस्पताल में मंगलवार को कक्ष संख्या पांच में डॉ. एससी गुप्ता और डॉ. अवनीश की ड्यूटी लगी थी जबकि कक्ष संख्या 11 में डॉ. एमएल पटेल और कक्ष संख्या 12 में डॉ. मनीष यादव बैठे थे। आर्थो चिकित्सक डॉ. डीबी सिंह भी अपने ओपीडी में मरीजों को देख रहे थे। दोपहर एक बजे जिला अस्पताल की बत्ती गुल हो गई। बत्ती जाने से ओपीडी में अंधेरा छा गया। चंद मिनट में इनवर्टर बैठ गया। इस बीच चिकित्सकों ने मरीजों की भीड़ को देखते हुए उन्हें टॉर्च व मोबाइल जलाकर देखना शुरू कर दिया। इसके बाद मरीजों को दवाएं भी लिखी। ओपीडी में बैठे चिकित्सकों ने बताया कि अस्पताल में जेनरेटर नहीं होने से यह दिक्कत होती है।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एससी कौशल ने बताया कि जिला अस्पताल में मात्र एक जेनरेटर डिजिटल एक्स-रे के लिए मौजूद है। उसी से बत्ती जाने पर कुछ कुछ समय के लिए टोचन करके ओपीडी में सप्लाई की जाती है। ओपीडी और वार्ड के लिए अलग से जेनरेटर के लिए पत्र लिखा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही जेनरेटर मिल जाएगा।
सुल्तानपुर। जिला अस्पताल में मंगलवार दोपहर जब मरीजों को ओपीडी में बैठकर चिकित्सक देख रहे थे। तभी अचानक बत्ती गुल हो गई। बत्ती जाने से चिकित्सक के साथ ही मरीज और उनके तीमारदार पसीने से तर-बतर नजर आए। एक घंटे तक बत्ती नहीं आई। इस बीच चिकित्सकों ने मरीजों को टॉर्च व मोबाइल की लाइट जलाकर देखा।
जिला अस्पताल में मंगलवार को कक्ष संख्या पांच में डॉ. एससी गुप्ता और डॉ. अवनीश की ड्यूटी लगी थी जबकि कक्ष संख्या 11 में डॉ. एमएल पटेल और कक्ष संख्या 12 में डॉ. मनीष यादव बैठे थे। आर्थो चिकित्सक डॉ. डीबी सिंह भी अपने ओपीडी में मरीजों को देख रहे थे। दोपहर एक बजे जिला अस्पताल की बत्ती गुल हो गई। बत्ती जाने से ओपीडी में अंधेरा छा गया। चंद मिनट में इनवर्टर बैठ गया। इस बीच चिकित्सकों ने मरीजों की भीड़ को देखते हुए उन्हें टॉर्च व मोबाइल जलाकर देखना शुरू कर दिया। इसके बाद मरीजों को दवाएं भी लिखी। ओपीडी में बैठे चिकित्सकों ने बताया कि अस्पताल में जेनरेटर नहीं होने से यह दिक्कत होती है।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एससी कौशल ने बताया कि जिला अस्पताल में मात्र एक जेनरेटर डिजिटल एक्स-रे के लिए मौजूद है। उसी से बत्ती जाने पर कुछ कुछ समय के लिए टोचन करके ओपीडी में सप्लाई की जाती है। ओपीडी और वार्ड के लिए अलग से जेनरेटर के लिए पत्र लिखा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही जेनरेटर मिल जाएगा।