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बभनी। तेंदूपत्ते की तुडान उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य में शुरू हो गया है। यूपी में तेंदूपत्ता का रेट कम होने से मजदूर अपने पत्ते को तोडकर रात में छत्तीसगढ़ में लेजाकर बेच रहे हैं। जब इसकी जानकारी डीएफओ बलरामपुर विवेकानंद झा को हुई तो उन्होंने शुक्रवार की रात अपने टीम के साथ छत्तीसगढ़ बार्डर पर लगी कई तेंदूपत्ता फडों पर छापेमारी कर 110.65 मानक तेंदूपत्ता पकड कर जब्त कर दिया। इसकी लागत चार लाख 42 हजार 600 रुपये है। इस कार्रवाई से लोगों में हडकंप मच गया है।
गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश में वन निगम द्वारा निर्धारित रेट छत्तीसगढ़ से बहुत कम है। इस वजह से यहां के मजदूर तेंदूपत्ता की तुडान कर छत्तीसगढ़ में लेजाकर बेच देते हैं। यूपी में वन निगम द्वारा 110 रुपये प्रति सैकडे की दर से खरीद करने का निर्देश है। जबकि छत्तीसगढ़ में 400 रुपये प्रति सैकडे की दर से खरीददारी होती है। इसके अतिरिक्त प्रति सैकडा 45 रुपये बोनस भी दिया जाता है। सेक्शन अधिकारी बभनी यशपाल सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में रेट अधिक होने से मजदूर यहां का तेंदूपत्ता छत्तीसगढ़ में लेजाकर बेच रहे हैं। इसको रोकने के लिए प्रयास किया जा रहा है, लेकिन पकड़ में नही आ रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 1100 रुपये तक का भुगतान मजदूरों को नकद करने का प्रावधान है। इसके उपर होने पर मजदूर के खाते में पैसा भेजा जाएगा। बता दें कि बभनी प्रथम सेक्शन में 10हजार 200 मानक का लक्ष्य है। इसके लिए तेंदूपत्ता की 39 फडें लगाई गई है। अगर यहां का तेंदूपत्ता छत्तीसगढ़ में जाता रहा तो लक्ष्य पूरा कर पाना सम्भव नही होगा।