सीतापुर। मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना सहकारिता विभाग ने भी तैयार की है। सहकारिता विभाग हर जनपद में संचालित सहकारी समितियों में लेबर बैंक (मजदूर बैंक) बनाने की तैयारी में है। खास बात यह है कि मजदूर बैंक में न सिर्फ अकुशल बल्कि कुशल श्रमिकों को भी जोड़ा जाएगा।
इन सभी लोगों को संबंधित क्षेत्र की सहकारी समितियों का सदस्य भी बनाया जाएगा। इससे सहकारी समितियों की भी आर्थिक स्थिति सुधरेगी। कभी सहकारिता के जरिए किसानों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति में भी वृहद बदलाव हो जाया करता था, लेकिन लंबे समय तक सहकारिता कुछ विशेष लोगों की बंधक सी बनकर रह गई थी।
नतीजा ये हुआ कि अधिकांश सहकारी समितियां घाटे में चली गईं और सहकारी बैंकों से लेनदेन तक बंद हो गया। पिछले लगभग एक वर्ष से न सिर्फ सहकारी समितियों बल्कि सहकारिता से जुड़े हर क्षेत्र में वृहद बदलाव की कवायद चल रही है। इसी क्रम में अब सहकारिता विभाग लेबर बैंक बनाने की तैयारी में लग गया है। प्रदेश के सहकारिता मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर सहकारी समितियों में लेबर बैंक बनाने की घोषणा कर चुके हैं। इसी क्रम में सीतापुर जनपद की 207 सहकारी समितियों में लेबर बैंक बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इन सहकारी समितियों के क्षेत्रों में आने वाले गांव के मजदूरों, राज मिस्त्रियों, पाइप फिटर, टेक्नीशियन आदि को चिंहित किया जा रहा है। इन सभी को लेबर बैंक से जोड़ने के बाद गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की जाएगी।
दरअसल इसके पीछे मंशा यह है कि गांव में होने वाले विकास कार्यों में मजदूरों को बाहर से न बुलाना पड़े। राज मिस्त्री भी उसी गांव का हो और उसे गांव में ही काम मिल जाए। इसका कुछ लाभांश सहकारी समितियों को भी मिलेगा। इससे सहकारी समितियां सुदृढ़ होंगी और आत्मनिर्भर भी बनेंगी।
मनरेगा की तर्ज पर काम करेगा लेबर बैंक
सहकारी समितियों का लेबर बैंक मनरेगा की तरह काम करेगा। कुशल और अकुशल मजदूरों को संबंधित सहकारी समिति का सदस्य बनाया जाएगा। सहकारी समितियों के जरिए इन सभी कुशल और अकुशल मजदूरों से संपर्क करने का पता और मोबाइल नंबर भी प्रचारित प्रसारित किए जाएंगे। इसमें यह भी बताया जाएगा कि कौन सा व्यक्ति किस कार्य को बेहतर ढंग से कर लेता है।
सहकारिता से समृद्धि से अवधारणा पर प्रदेश सरकार काम कर रही है। स्थितियां बदलना शुरू हो गई हैं और अगले कुछ समय में बड़े बदलाव दिखेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सहकारी समितियों के लेबर बैंक बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए सभी जिलों को निर्देशित कर दिया गया है। कुछ ही माह में लेबर बैंक बनाने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। गांव में ही लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
जेपीएस राठौर, सहकारिता मंत्री