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तिलहर में जम्मू कश्मीर के अपर पुलिस महानिदेशक शिवमुरारी सहाय के आवास पर होली के अवसर पर शनिवार को आल इंडिया कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसमें देश भर से आये कवियाें और शायराें ने अपनी रचनाआें से श्रोताआें को भावविभोर कर दिया। कार्यक्त्रस्म का शुभारंभ दिनेश समादिया ने सरस्वती वंदना के साथ किया। बरेली के शायर अली नोमानी ने अपनी रचना पेश करते हुये कहा
मैं जिन लोगाें से खुद को मुख्तलिफ महसूस करता हूूं,
मुझे अक्सर उन्हीं लोगाें में शामिल होना पड़ता है।
शाहबाद के व्यंगकार अजमत शाहबादी ने कुछ इस तरह फरमाया
कौन था जिसने अंधेरे में उजाला कर दिया,
किसने मेरे प्यार में गड़बड़ झाला कर दिया।
विश्व विख्यात कवि दीक्षित दनकौरी कुछ इस तरह बोले
पसारूं हाथ क्याें आगे किसी के,
तरीके और भी हैं खुदकुशी के।
अख्तर शाहजहांपुरी की पंक्तियां कुछ इस तरह थीं
मेरी गजलाें में न शिकवा न शिकायत न गिला,
उनसे कहना कि जरा मुझसे खफा हो जायें।
राशिद हुसैन राही ने कुछ इस तरह बुदबुदाया
जो भी दीवार उठाते हो वह गिर जाती है,
घर बरसते हुये पानी में बनाते क्याें हो।
शायरा नाजिया रिफअत की भावनायें कुछ इस तरह थीं
उम्र भर तेरी खातिर रोशनी करेगा क्या,
नाजिया तेरे घर में सिर्फ एक जुगनू है।
खालिद अलवी की नज्म कुछ इस तरह थी
लोग नेजाें पर शबो रोज लिये फिरते हैं,
नीचा दुनिया में मेरा सर नहीं होने देते।
अनवर अमान आगरा ने सुनाया
यह काम कितने सलीके से कर गया कोई,
नजर के रास्ते दिल में उतर गया कोई।
कार्यक्त्रस्म में इसके अतिरिक्त अनिल अनाड़ी, चंद्रप्रकाश बाजपेई, श्रजन शुक्ला, ओमप्रकाश साहू, श्मशाद आतिफ, शकील तिलहरी, निर्मल दर्शन आदि लोगाें ने भी अपनी रचनायें प्रस्तुत कीं। संचालन उमर फारूकी ने किया। कार्यक्त्रस्म में विधायक सुरेश कुमार खन्ना जिला पंचायत अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र प्रताप सिंह, इकबाल हुसैन फूल मियां, अनंत सहाय , आमिर मियां, रईस मियां, सहित अनेक लोग मौजूद रहे। अंत में अपर पुलिस महानिदेशक शिवमुरारी सहाय ने सभी का आभार व्यक्त किया।
तिलहर में जम्मू कश्मीर के अपर पुलिस महानिदेशक शिवमुरारी सहाय के आवास पर होली के अवसर पर शनिवार को आल इंडिया कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसमें देश भर से आये कवियाें और शायराें ने अपनी रचनाआें से श्रोताआें को भावविभोर कर दिया। कार्यक्त्रस्म का शुभारंभ दिनेश समादिया ने सरस्वती वंदना के साथ किया। बरेली के शायर अली नोमानी ने अपनी रचना पेश करते हुये कहा
मैं जिन लोगाें से खुद को मुख्तलिफ महसूस करता हूूं,
मुझे अक्सर उन्हीं लोगाें में शामिल होना पड़ता है।
शाहबाद के व्यंगकार अजमत शाहबादी ने कुछ इस तरह फरमाया
कौन था जिसने अंधेरे में उजाला कर दिया,
किसने मेरे प्यार में गड़बड़ झाला कर दिया।
विश्व विख्यात कवि दीक्षित दनकौरी कुछ इस तरह बोले
पसारूं हाथ क्याें आगे किसी के,
तरीके और भी हैं खुदकुशी के।
अख्तर शाहजहांपुरी की पंक्तियां कुछ इस तरह थीं
मेरी गजलाें में न शिकवा न शिकायत न गिला,
उनसे कहना कि जरा मुझसे खफा हो जायें।
राशिद हुसैन राही ने कुछ इस तरह बुदबुदाया
जो भी दीवार उठाते हो वह गिर जाती है,
घर बरसते हुये पानी में बनाते क्याें हो।
शायरा नाजिया रिफअत की भावनायें कुछ इस तरह थीं
उम्र भर तेरी खातिर रोशनी करेगा क्या,
नाजिया तेरे घर में सिर्फ एक जुगनू है।
खालिद अलवी की नज्म कुछ इस तरह थी
लोग नेजाें पर शबो रोज लिये फिरते हैं,
नीचा दुनिया में मेरा सर नहीं होने देते।
अनवर अमान आगरा ने सुनाया
यह काम कितने सलीके से कर गया कोई,
नजर के रास्ते दिल में उतर गया कोई।
कार्यक्त्रस्म में इसके अतिरिक्त अनिल अनाड़ी, चंद्रप्रकाश बाजपेई, श्रजन शुक्ला, ओमप्रकाश साहू, श्मशाद आतिफ, शकील तिलहरी, निर्मल दर्शन आदि लोगाें ने भी अपनी रचनायें प्रस्तुत कीं। संचालन उमर फारूकी ने किया। कार्यक्त्रस्म में विधायक सुरेश कुमार खन्ना जिला पंचायत अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र प्रताप सिंह, इकबाल हुसैन फूल मियां, अनंत सहाय , आमिर मियां, रईस मियां, सहित अनेक लोग मौजूद रहे। अंत में अपर पुलिस महानिदेशक शिवमुरारी सहाय ने सभी का आभार व्यक्त किया।