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उपजिला मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कम उम्र में प्रधानी हासिल करने वाले मिर्जापुर क्षेत्र के गांव कील्हापुर कलां के प्रधान आनंद कुमार का नामांकन एवं निर्वाचन परिणाम निरस्त करते हुए प्रधान पद रिक्त घोषित कर दिया है। आदेश की प्रतियां डीपीआरओ और बीडीओ मिर्जापुर को भेज दी गई है।
बता दें कि प्रधानी का चुनाव जीते आनंद कुमार पर इसी गांव के देवेश कुमार ने कम उम्र के होने के बावजूद झूठे एवं फर्जी साक्ष्यों के आधार पर चुनाव जीतने का आरोप लगाते हुए वर्ष 2011 में उपजिला मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद दायर किया गया था। इसमें दर्शाया गया था कि आनंद कुमार चुनाव लड़ने के समय 20 साल पांच महीने के थे। इस मामले में लंबे समय तक चली सुनवाई के दौरान मजिस्ट्रेट ने पाया कि प्रधान आनंद कुमार ने सीएमओ द्वारा जारी जो आयु प्रमाण पत्र पेश किया गया वह दौराने मुकदमा बनवाया गया था। इसमें आनंद कुमार की उम्र 24 वर्ष बताई गई थी, जबकि वादी देवेश कुमार ने आनंद कुमार का स्थानांतरण प्रमाण पत्र लगाया था, जिसे कोर्ट ने अधिक प्रमाणिक मानते हुए आनंद कुमार को वास्तविकता छिपाकर विधि विरुद्ध ढंग से एक अयोग्य प्रत्याशी के रूप में प्रधानी हासिल करने का दोषी पाया और उनका चुनाव परिणाम व नामांकन निरस्त करने का आदेश पारित कर इसकी प्रतियां डीपीआरओ और बीडीओ मिर्जापुर को जारी की है।
उपजिला मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कम उम्र में प्रधानी हासिल करने वाले मिर्जापुर क्षेत्र के गांव कील्हापुर कलां के प्रधान आनंद कुमार का नामांकन एवं निर्वाचन परिणाम निरस्त करते हुए प्रधान पद रिक्त घोषित कर दिया है। आदेश की प्रतियां डीपीआरओ और बीडीओ मिर्जापुर को भेज दी गई है।
बता दें कि प्रधानी का चुनाव जीते आनंद कुमार पर इसी गांव के देवेश कुमार ने कम उम्र के होने के बावजूद झूठे एवं फर्जी साक्ष्यों के आधार पर चुनाव जीतने का आरोप लगाते हुए वर्ष 2011 में उपजिला मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद दायर किया गया था। इसमें दर्शाया गया था कि आनंद कुमार चुनाव लड़ने के समय 20 साल पांच महीने के थे। इस मामले में लंबे समय तक चली सुनवाई के दौरान मजिस्ट्रेट ने पाया कि प्रधान आनंद कुमार ने सीएमओ द्वारा जारी जो आयु प्रमाण पत्र पेश किया गया वह दौराने मुकदमा बनवाया गया था। इसमें आनंद कुमार की उम्र 24 वर्ष बताई गई थी, जबकि वादी देवेश कुमार ने आनंद कुमार का स्थानांतरण प्रमाण पत्र लगाया था, जिसे कोर्ट ने अधिक प्रमाणिक मानते हुए आनंद कुमार को वास्तविकता छिपाकर विधि विरुद्ध ढंग से एक अयोग्य प्रत्याशी के रूप में प्रधानी हासिल करने का दोषी पाया और उनका चुनाव परिणाम व नामांकन निरस्त करने का आदेश पारित कर इसकी प्रतियां डीपीआरओ और बीडीओ मिर्जापुर को जारी की है।