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खेतों में बीज बोते वक्त किसानों को अपनी फसल काटकर ढेर सारे अरमान पूरे करने का सपना होता है, लेकिन हर साल की भांति इस बार भी किसानों के सपनों का महल चीनी मिलों के भुगतान न करने की वजह से टूटता दिख रहा है। इससे जिले के गन्ना किसानों को फिर से अपने अरमानों का गला घुटता दिखने लगा है।
इस वर्ष शासन ने 240 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ना मूल्यों का भुगतान किसानों को तोल के 14 दिन बाद करने के और 40 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान बाद में करने के निर्देश दिए थे। अब तक जिले में करीब सौ करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा जा चुका है, जबकि 240 रुपये की दर से भुगतान करने के हिसाब से अब तक किसानों को 85 करोड़ रुपये उनके गन्ने की रकम मिल जानी चाहिए थी। इसमें डालमियां ग्रुप की निगोही चीनी मिल ने 1527.70 लाख रुपये का भुगतान किसानों को किया है। इसके अलावा सभी चीनी मिलों ने किसानों को भुगतान नहीं किया है। इससे अन्नदाता अपने ही मेहनत की कमाई को पाने के लिए गुहार, संघर्ष और आंदोलन करता नजर आएगा।
यह है चीनी मिलों पर बकाए की स्थिति
बगैर समर्थन मूल्य के किसानों का रोजा चीनी मिल पर 1918 लाख, मकसूदापुर चीनी मिल पर 2243 लाख, निगोही चीनी मिल पर 3037 लाख, तिलहर चीनी मिल पर 826 लाख और पुवायां चीनी मिल पर 583 रुपये बकाया है। इसमें निगोही चीनी मिल 1527 लाख रुपये का भुगतान कर चुकी है।
चीनी मिलों को भेजा दिया नोटिस: बीके
जिला गन्ना अधिकारी ने बीके पटेल ने बताया कि चीनी मिलों को बकाया भुगतान करने पर नोटिस भेजा जा चुका है। उन्हें साफ तौर पर निर्देशित किया गया है कि यदि निर्धारित समय में गन्ना का भुगतान न करने पर चीनी का स्टॉक जब्त कर उसकी बिक्री कराई जाएगी। इससे प्राप्त धनराशि सेे गन्ना किसानों को भुगतान किया जाएगा। इस पर चीनी मिलों ने जल्द भुगतान कराने का आश्वासन दिया गया है।
खेतों में बीज बोते वक्त किसानों को अपनी फसल काटकर ढेर सारे अरमान पूरे करने का सपना होता है, लेकिन हर साल की भांति इस बार भी किसानों के सपनों का महल चीनी मिलों के भुगतान न करने की वजह से टूटता दिख रहा है। इससे जिले के गन्ना किसानों को फिर से अपने अरमानों का गला घुटता दिखने लगा है।
इस वर्ष शासन ने 240 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ना मूल्यों का भुगतान किसानों को तोल के 14 दिन बाद करने के और 40 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान बाद में करने के निर्देश दिए थे। अब तक जिले में करीब सौ करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा जा चुका है, जबकि 240 रुपये की दर से भुगतान करने के हिसाब से अब तक किसानों को 85 करोड़ रुपये उनके गन्ने की रकम मिल जानी चाहिए थी। इसमें डालमियां ग्रुप की निगोही चीनी मिल ने 1527.70 लाख रुपये का भुगतान किसानों को किया है। इसके अलावा सभी चीनी मिलों ने किसानों को भुगतान नहीं किया है। इससे अन्नदाता अपने ही मेहनत की कमाई को पाने के लिए गुहार, संघर्ष और आंदोलन करता नजर आएगा।
यह है चीनी मिलों पर बकाए की स्थिति
बगैर समर्थन मूल्य के किसानों का रोजा चीनी मिल पर 1918 लाख, मकसूदापुर चीनी मिल पर 2243 लाख, निगोही चीनी मिल पर 3037 लाख, तिलहर चीनी मिल पर 826 लाख और पुवायां चीनी मिल पर 583 रुपये बकाया है। इसमें निगोही चीनी मिल 1527 लाख रुपये का भुगतान कर चुकी है।
चीनी मिलों को भेजा दिया नोटिस: बीके
जिला गन्ना अधिकारी ने बीके पटेल ने बताया कि चीनी मिलों को बकाया भुगतान करने पर नोटिस भेजा जा चुका है। उन्हें साफ तौर पर निर्देशित किया गया है कि यदि निर्धारित समय में गन्ना का भुगतान न करने पर चीनी का स्टॉक जब्त कर उसकी बिक्री कराई जाएगी। इससे प्राप्त धनराशि सेे गन्ना किसानों को भुगतान किया जाएगा। इस पर चीनी मिलों ने जल्द भुगतान कराने का आश्वासन दिया गया है।