डीएम के आदेश हुआ बेअसर
सिंधौली। ब्लाक के मनरेगा घोटाले के मामले में कार्रवाई करने के लिए खंड विकास अधिकारी नजमा सिद्दीकी चार दिन बाद भी कार्रवाई नहीं कर सकी हैं। डीएम की ओर से फर्म के विरुद्ध किए गए एफआईआर का आदेश बेअसर साबित हो रहा है।
ज्ञात हो कि विकास खंड में मनरेगा के अन्तर्गत वाल पेंटिंग और स्टेशनरी खरीद में हुए लाखों के घोटाले की जांच डीएम के आदेश पर डीपीआरओ अभय कुमार शाही ने की थी। डीपीआरओ द्वारा जांच में घोटाले की पुष्टि होने पर डीएम ने ब्लाक सिंधौली के ग्राम पंचायत अधिकारी राजेंद्र पाल, ग्राम विकास अधिकारी केपी उपाध्याय, प्रवीण शाही, पंकज वाजपेयी, राजीव श्रीवास्तव, सियाराम शर्मा, सर्वेश सिंह, उमर सिद्दीकी से करीब एक लाख रुपये की रिकवरी के आदेश दिए थे। बावजूद इसके बीडीओ ने अब तक इन कर्मियों से रिकवरी तो दूर उन्हें नोटिस भी प्राप्त नहीं कराई हैं। इसके अलावा वाल पेंटिंग और स्टेशनरी बिक्री का कार्य करने वाली सिंधौली में संचालित फर्जी फर्म ए एंड एम के विरुद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करने के आदेश शुक्रवार को ब्लाक मुख्यालय पर भेज दिए गए थे। बावजूद इसके अभी तक उपरोक्त दोनों आदेश ब्लाक कार्यालय में पड़े धूल चाट रहे हैं।
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‘डीएम के आदेश प्राप्त हो गए हैं। इस संबंध में अभी तक विधिक सलाह नहीं ले सकी हूं। विधिक जानकारी के उपरांत ही अग्रिम कार्रवाई होगी।’
-नजमा सिद्दीकी, खंड विकास अधिकारी सिंधौली