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चंदौसी। शहर के लोगों और जिला प्रशासन को सूरत के कोचिंग सेंटर में हुए भीषण अग्निकांड से सबक लेने की जरूरत हैं। शहर के बहुमंजिला भवनों में आग बुझाने के इंतजाम नाकाफी है। नगरीय क्षेत्रों में फायर हाइड्रेंट बंद पड़े हैं। नगरीय निकाय इन्हें खुलवाने के प्रति भी गंभीर नहीं है। कोचिंग सेंटरों, स्कूलों, कालेजों में भी आग बुझाने के इंतजाम मानकों के अनुरूप नहीं है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने दस विद्यालयों को नोटिस जारी किया है। बीएसए से कोचिंग सेंटरों की सूची मांगी गई है, ताकि वहां पर मानकों का निरीक्षण किया जा सके।
सूरत में कोचिंग सेंटर में हुए भीषण अग्निकांड की वीडियो फुटेज देखकर लोगों के दिल दहल गए। ऐसे में अन्य लोगों को भी इस हादसे से तत्काल सबक लेने की जरूरत है। चंदौसी शहर में भी बहुमंजिला इमारतें बनने लगी हैं। लेकिन इन इमारतों में भी आग बुझाने के इंतजाम नाकाफी है। हालांकि भवन स्वामियों ने पर्याप्त इंतजाम करने का दावा किया है। दो साल पहले चिकित्सालयों में अभियान चलाकर आग पर काबू पाने के इंतजाम कराए गए थे लेकिन इसके जो बड़े अस्पताल बने, उनमें ऐसी कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही है। कोचिंग सेंटरों और बड़े कालेजों में भी आग पर काबू पाने के इंतजाम नहीं दिख रहे हैं।
जिले के नगरीय क्षेत्र चंदौसी, संभल, गुन्नौर आदि में अधिकांश फायर हाइड्रेंट पर कब्जा हो चुका है। पालिका प्रशासन इन्हें अतिक्रमण मुक्त कराने के प्रति गंभीर नहीं है। कई फायर हाइड्रेंट को इतने गहरे में चले गए हैं, उनका अस्तित्व ही खत्म हो गया है।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रताप सिंह ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी से जिले भर के कोचिंग सेंटरों की सूची मांगी गई है। पुराने स्कूल कालेजों में तो व्यवस्थाएं हैं, लेकिन दोबारा उनका निरीक्षण किया जाएगा। दस विद्यालयों को आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन नहीं होने पर नोटिस जारी किया गया है। उनका जवाब आने के बाद निरीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी। शहर बहुमंजिला भवनों का भी निरीक्षण किया जाएगा। स्थानीय निकायों को भी फायर हाइड्रेंट को अतिक्रमण मुक्त कराकर सुचारू कराने को लिखा गया है।
बहुमंजिला इमारत में यह व्यवस्था होनी चाहिए
एक मंजिला इमारत में तो फायर एक्स्टिंग्यूसर होना अनिवार्य है लेकिन दो मंजिला भवनों में फायर एक्स्टिंग्यूसर, 5000 लीटर का टैंक, पंप, हौजरीन होना चाहिए। 15 मीटर ऊंचाई तक के सभी स्कूल, कालेजों में अंडरग्राउंड वाटर टैंक, पंप, हाइड्रेंट, हौजरीन. फायर अलार्म, स्मोक डिटेक्टर, स्प्रिंगकलर आदि होना अनिवार्य है।
कहां कितने फायर हाइड्रेंट
चंदौसी नगर पालिका परिषद क्षेत्र में 32 फायर हाइड्रेंट हैं, जिसमें 17 ही सुचारू हैं। 15 बंद पड़े हैं। संभल में 14 फायर हाइड्रेंट हैं, जिसमें आठ ही सुचारू हैं, छह बंद हैं। गुन्नौर में दस में से पांच बंद हैं। इसके अलावा किसी नगर में फायर हाइड्रेंट नहीं है, लेकिन जहां ओवरहेड टैंक बना है, उसी स्थान पर एक प्वाइंट बनाया गया है। जहां से पानी लिया जा सकता है।
बड़े और बहुमंजिला भवनों की चेकिंग होती रहती है। स्कूल कालेजों, अस्पतालों में भी आग बुझाने की व्यवस्थाएं कराई गई है। दस स्कूल, कालेजों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। बीएसए से जिले भर के कोचिंग सेंटरों की सूची मांगी गई है। इसके बाद उनकी चेकिंग की जाएगी। दमकल विभाग आपातकाल के लिए हमेशा तैयार हैं।
-प्रताप सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, संभल।
चंदौसी। शहर के लोगों और जिला प्रशासन को सूरत के कोचिंग सेंटर में हुए भीषण अग्निकांड से सबक लेने की जरूरत हैं। शहर के बहुमंजिला भवनों में आग बुझाने के इंतजाम नाकाफी है। नगरीय क्षेत्रों में फायर हाइड्रेंट बंद पड़े हैं। नगरीय निकाय इन्हें खुलवाने के प्रति भी गंभीर नहीं है। कोचिंग सेंटरों, स्कूलों, कालेजों में भी आग बुझाने के इंतजाम मानकों के अनुरूप नहीं है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने दस विद्यालयों को नोटिस जारी किया है। बीएसए से कोचिंग सेंटरों की सूची मांगी गई है, ताकि वहां पर मानकों का निरीक्षण किया जा सके।
सूरत में कोचिंग सेंटर में हुए भीषण अग्निकांड की वीडियो फुटेज देखकर लोगों के दिल दहल गए। ऐसे में अन्य लोगों को भी इस हादसे से तत्काल सबक लेने की जरूरत है। चंदौसी शहर में भी बहुमंजिला इमारतें बनने लगी हैं। लेकिन इन इमारतों में भी आग बुझाने के इंतजाम नाकाफी है। हालांकि भवन स्वामियों ने पर्याप्त इंतजाम करने का दावा किया है। दो साल पहले चिकित्सालयों में अभियान चलाकर आग पर काबू पाने के इंतजाम कराए गए थे लेकिन इसके जो बड़े अस्पताल बने, उनमें ऐसी कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही है। कोचिंग सेंटरों और बड़े कालेजों में भी आग पर काबू पाने के इंतजाम नहीं दिख रहे हैं।
जिले के नगरीय क्षेत्र चंदौसी, संभल, गुन्नौर आदि में अधिकांश फायर हाइड्रेंट पर कब्जा हो चुका है। पालिका प्रशासन इन्हें अतिक्रमण मुक्त कराने के प्रति गंभीर नहीं है। कई फायर हाइड्रेंट को इतने गहरे में चले गए हैं, उनका अस्तित्व ही खत्म हो गया है।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रताप सिंह ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी से जिले भर के कोचिंग सेंटरों की सूची मांगी गई है। पुराने स्कूल कालेजों में तो व्यवस्थाएं हैं, लेकिन दोबारा उनका निरीक्षण किया जाएगा। दस विद्यालयों को आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन नहीं होने पर नोटिस जारी किया गया है। उनका जवाब आने के बाद निरीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी। शहर बहुमंजिला भवनों का भी निरीक्षण किया जाएगा। स्थानीय निकायों को भी फायर हाइड्रेंट को अतिक्रमण मुक्त कराकर सुचारू कराने को लिखा गया है।
बहुमंजिला इमारत में यह व्यवस्था होनी चाहिए
एक मंजिला इमारत में तो फायर एक्स्टिंग्यूसर होना अनिवार्य है लेकिन दो मंजिला भवनों में फायर एक्स्टिंग्यूसर, 5000 लीटर का टैंक, पंप, हौजरीन होना चाहिए। 15 मीटर ऊंचाई तक के सभी स्कूल, कालेजों में अंडरग्राउंड वाटर टैंक, पंप, हाइड्रेंट, हौजरीन. फायर अलार्म, स्मोक डिटेक्टर, स्प्रिंगकलर आदि होना अनिवार्य है।
कहां कितने फायर हाइड्रेंट
चंदौसी नगर पालिका परिषद क्षेत्र में 32 फायर हाइड्रेंट हैं, जिसमें 17 ही सुचारू हैं। 15 बंद पड़े हैं। संभल में 14 फायर हाइड्रेंट हैं, जिसमें आठ ही सुचारू हैं, छह बंद हैं। गुन्नौर में दस में से पांच बंद हैं। इसके अलावा किसी नगर में फायर हाइड्रेंट नहीं है, लेकिन जहां ओवरहेड टैंक बना है, उसी स्थान पर एक प्वाइंट बनाया गया है। जहां से पानी लिया जा सकता है।
बड़े और बहुमंजिला भवनों की चेकिंग होती रहती है। स्कूल कालेजों, अस्पतालों में भी आग बुझाने की व्यवस्थाएं कराई गई है। दस स्कूल, कालेजों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। बीएसए से जिले भर के कोचिंग सेंटरों की सूची मांगी गई है। इसके बाद उनकी चेकिंग की जाएगी। दमकल विभाग आपातकाल के लिए हमेशा तैयार हैं।
-प्रताप सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, संभल।