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रजा लाइब्रेरी: स्वीडन, इक्वाडोर के राजदूत समेत विदेशी मेहमानों ने किया दौरा, नूरमहल में हुआ स्वागत, पढ़िए

अमर उजाला ब्यूरो, रामपुर Published by: Digvijay Singh Updated Sun, 29 Jan 2023 07:10 PM IST
सार

इस लाइब्रेरी के संग्रह से पूरे विश्व के शोधकर्ता लाभ हासिल कर रहे हैं। इन दोनों के अलावा ग्रीस, फ्रांस, इजिप्ट, यूएई, जॉर्डन और ब्रिटेन के प्रमुख लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को रजा लाइब्रेरी का दौरा किया। कई देशों से आए लोगों ने ने हामिद मंजिल (रजा लाइब्रेरी की बिल्डिंग) की भव्यता की प्रशंसा की।

स्वीडन और इक्वाडोर के राजदूत ने किया रजा लाइब्रेरी का दौरा
स्वीडन और इक्वाडोर के राजदूत ने किया रजा लाइब्रेरी का दौरा - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

भारत में स्वीडन के राजदूत थान थेस्लेफ ने कहा है कि उम्मीद नहीं थी कि छोटे से शहर रामपुर में बहुमूल्य पुस्तकों और पांडुलिपियों का इतना बड़ा संग्रह होगा। बहुत खुशी हुई कि यहां के शासक इनका महत्व जानते थे। नवाब जो लाइब्रेरी बनाकर गए हैं वो आने वाली नस्लों के लिए लाभकारी होगी।



थान थेस्लेफ पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के निमंत्रण पर रविवार को रामपुर आए थे और रजा लाइब्रेरी का दौरा करने पहुंचे थे। उनके साथ आए भारत में इक्वाडोर के राजदूत फ्रांसिस्को तियोदोरो माल्डोनाडो ग्वेरा ने कहा कि रामपुर रजा लाइब्रेरी आकर बहुत ही शानदार अनुभव हुआ। रजा लाइब्रेरी के बारे में जैसा पढ़ा था, उससे ज्यादा पाया। यहां जो बहुमूल्य पांडुलिपियां और पुस्तकें हैं वो गर्व की बात है। 


इस लाइब्रेरी के संग्रह से पूरे विश्व के शोधकर्ता लाभ हासिल कर रहे हैं। इन दोनों के अलावा ग्रीस, फ्रांस, इजिप्ट, यूएई, जॉर्डन और ब्रिटेन के प्रमुख लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को रजा लाइब्रेरी का दौरा किया। कई देशों से आए लोगों ने ने हामिद मंजिल (रजा लाइब्रेरी की बिल्डिंग) की भव्यता की प्रशंसा की। लाइब्रेरी में हजरत अली के हाथों से लिखी गई कुरान, दीवान ए बाबर, वाल्मीकि रामायण और रागमाला देखी। दरबार हाल में सौ सालों से जल रहे बल्ब देखकर हैरत जाहिर की। राजनयिकों ने कहा कि वो अपने देशों के शोधकर्ताओं को रजा लाइब्रेरी के लाभांवित होने के लिए प्रेरित करेंगे।

इससे पहले राजनयिकों और अन्य शख्सियतों का स्वागत नवेद मियां और उनकी मां पूर्व सांसद बेगम नूरबानो ने नूरमहल में किया। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि रविवार को नूर महल आने वाली शख्सियतों में भारत में स्वीडन के राजदूत जान थेस्लेफ, इक्वाडोर के राजदूत फ्रांसिस्को तियोदोरो माल्डोनाडो ग्वेरा, ग्रीस के आर्किटेक्ट अंद्रियाज एलेकजेंड्रीज, फ्रांस के इतिहासकार ग्यूलोम हुआर्ट, इजिप्ट के उद्योगपति अहमद यूसेरी, यूएई में आबूधाबी के पुलिस चीफ मोहम्मद अलफज़ारी, जॉर्डन के कारोबारी सनद आबुदाली और ब्रिटेन के व्यापारी क्रिस्टफर पर्सलव शामिल हैं। नवेद मियां और बेगम नूरबानो से रामपुर के इतिहास, कला, संस्कृति और शैक्षिक विकास को लेकर चर्चा की। बातचीत के दौरान विदेशी महमानों के भारत से अपने देशों में अच्छे संबंधों में बारे में बताया।

फ्रेंकोइस बर्नियर की पेंटिंग भी देखी
स्वीडन के राजदूत जान थेस्लेफ और इक्वाडोर के राजदूत फ्रांसिस्को तियोदोरो माल्डोनाडो ग्वेरा ने फ्रांसीसी चिकित्सक और यात्री फ्रेंकोइस बर्नियर की पेंटिंग भी देखी। पूर्व मंत्री नवेद मियां के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि फ्रेंकोइस बर्नियर भारत में लगभग 12 वर्षों तक रहे। उन्होंने ट्रैवल्स इन द मुगल एम्पायर भी लिखा, जो मुख्य रूप से दारा शिकोह और औरंगजेब के शासनकाल के बारे में है । यह उनकी अपनी व्यापक यात्राओं और टिप्पणियों पर आधारित है, जिन्होंने घटनाओं को प्रत्यक्ष देखा था।

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