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Pilibhit News: भारत-नेपाल सीमा सड़क के निर्माण में अब टाइगर रिजर्व रोड़ा नहीं
बरेली ब्यूरो
Updated Mon, 06 Feb 2023 01:07 AM IST
भारत नेपाल सीमा का अंतर्राष्ट्रीय पिलर, इस इलाके में ही बनेेगी सड़क। संवाद
दस साल से रुके सड़क के निर्माण के लिए टाइगर रिजर्व ने बैठक में दी संस्तुति, सिक्किम तक जाएगी सड़क
- अब राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की अनुमति के बाद शुरू होगा निर्माण कार्य
- जनपद में करीब 12 किलोमीटर हिस्से में बनाई जानी है यह अतिमहत्वपूर्ण सड़क
संवाद न्यूज एजेंसी
पीलीभीत। भारत-नेपाल सीमा सड़क के निर्माण में अब टाइगर रिजर्व रोड़ा नहीं बनेगा। बॉर्डर सड़क की जिम्मेदारी संभाल रहे अफसरों का कहना है कि कुछ समय पहले टाइगर रिजर्व के अफसरों के साथ बैठक हुई थी। कई बिंदुओं पर हुई बातचीत के बाद विभाग की संस्तुति मिल गई है। माना जा रहा है कि निर्माण की राह के रोड़े दूर हो गए हैं। अब राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की अनुमति के बाद कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
भारत-नेपाल की खुली सीमा है। सीमा की सुरक्षा के लिए एसएसबी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सीमा क्षेत्र में बीहड़ इलाका होने के चलते गश्त करने में काफी दिक्कते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2016 में खुली सीमा पर पेट्रोलिंग के लिए भारत-नेपाल सीमा के समांतर सीमा सड़क को बनाने की मंजूरी दी थी। प्रदेश के सात जिलों से होकर यह सड़क पीलीभीत से भी गुजरनी है। अन्य जनपदों में कार्य पूरा हो गया है, लेकिन जनपद सीमा में जहां सड़क का निर्माण किया जाना है, उस क्षेत्र में टाइगर रिजर्व के हजारों पेड़ सड़क निर्माण में आड़े आ रहे हैं।
पीटीआर के अधिकारियों की रिपोर्ट पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने एनओसी देने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद पेड़ों को बचाने के लिए भारत-नेपाल सीमा सड़क की चौड़ाई कम करने का फैसला लिया गया, लेकिन फिर भी बात नहीं बनी।
शासन के संज्ञान में लेने के बाद टाइगर रिजर्व के अफसरों ने दोबारा सर्वे शुरू कराया था। इसमें सड़क निर्माण में पड़ने वाली वन भूमि के बदले दोगुनी जमीन देने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने जमीन की तलाश शुरू की थी, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया। हाल ही में कुछ समय पूर्व शासन के निर्देश पर डीएम की अध्यक्षता में भारत नेपाल सीमा सड़क और पीटीआर के अफसरों के साथ बैठक हुई। कई बिंदुओं पर हुई बातचीत के बाद टाइगर रिजर्व के अफसरों ने सड़क निर्माण को मंजूूरी देते हुए अपनी रिपोर्ट एनटीसीए को संस्तुति के साथ भेज दी। इंडो नेपाल बॉर्डर के अफसरों का कहना है कि जनपद में सीमा पिलर नंबर 17 से 28 तक सड़क निर्माण किया जाना है। फिलहाल दो किलोमीटर दायरे में सड़क निर्माण हो चुका है।
यूपी के सात जनपदों से होकर गुजरेगी छह सौ किलोमीटर लंबी सड़क
भारत नेपाल सीमा की सुरक्षा के लिहाज से मंजूर हुई सड़क को यूपी के पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्राबस्ती, बलरामपुर, महराजगंज और सिद्धार्थनगर की सीमा से होकर करीब छह सौ किलोमीटर लंबाई में बनाया जा रहा है। यह सड़क सिक्किम तक जाएगी। इसमें यूपी के वल अलावा उत्तराखंड और सिक्किम राज्य के जिले पड़ेंगे। पीलीभीत को छोड़कर अधिकांश जनपदों में काम पूरा हो चुका है।
डीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में टाइगर रिजर्व के अफसरों से बातचीत हुई थी। इसके बाद विभाग ने वन क्षेत्र में सड़क निर्माण के लिए संस्तुति दे दी। एनटीसीए की अनुमति के बाद कार्य शुरू हो जाएगा। - राजेश जोशी, एई, इंडो नेपाल बॉर्डर सड़क
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