पीलीभीत में भारी बारिश और बनवसा बैराज से शारदा नदी में छोड़े गए पानी ने शारदा सागर डैम की सुरक्षा के लिए बनाए गए रमनगरा के कच्चे बांध को बहा दिया। इससे कई गांवों में पानी घुस गया। कई घर खाली हो गए। बाढ़ प्रभावित इलाकों में एसएसबी की टीम पहुंच गई है। ढकिया गांव के कुछ लोग शारदा पार खेतों में फंस गए हैं। चारों तरफ पानी ही पानी है। उन्हें रेस्क्यू करने के लिए पानी का बहाव तेज होने से नाव नहीं जा पा रही है। अब एयर लिफ्टिंग के लिए जिला प्रशासन ने शासन से संपर्क किया है।
पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण हाहाकार मचा हुआ है। शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने से 12 गांवों में पानी घुस गया है। गांवों और शारदा सागर डैम की सुरक्षा के लिए बनाया गया रमनगरा बांध मंगलवार को शाम चार बजे धराशायी हो गया। कच्चा होने की वजह से शारदा सागर डैम के अस्तित्व पर भी खतरा है।
पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से सोमवार को ही शारदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान (223.30 मीटर) पर पहुंच गया था। इसके बाद भी अफसरों ने अलर्ट जारी नहीं किया। सोमवार देर रात जलस्तर बढ़ने से गभिया सहराई क्षेत्र के कई गांवों में पानी घुसने लगा था। इससे लोग घरों से रात में ही पलायन करने लगे।
मंगलवार सुबह नौ बजे शारदा नदी में 4.75 लाख क्यूसेक बनवसा बैराज से पानी छोड़ा गया। इसके बाद हर घंटे पानी छोड़ने से नदी का जलस्तर बढ़ता रहा। इससे शारदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान (224.90 मीटर) से ऊपर पहुंच गया। हालांकि सुबह एसएसबी जवानों ने रेस्क्यू शुरू कर दिया था। मगर प्रशासन की ओर से दोपहर तक कोई टीम नहीं पहुंची। ऐसा लोगों का कहना है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने बताया कि लगातार जलस्तर बढ़ने से रगनगरा क्षेत्र में 9बी स्पर भी क्षतिग्रस्त होने लगा था। दोपहर दो बजे स्पर बाढ़ से धराशायी हो गया और रमनगरा बांध को खतरा बढ़ गया। शाम चार बजे रमनगरा बांध भी धराशायी हो गया और पानी ने तेजी के साथ आबादी की ओर रुख कर दिया। इससे दर्जन भर गांवों को खतरा बढ़ गया। गांव खाली हो चुके हैं। साथ ही शारदा सागर डैम के अस्तित्व को भी खतरा पैदा हो गया है।
एसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि शारदा नदी का जलस्तर काफी तेज होने के कारण मोटरबोट और नाव से रेस्क्यू नहीं हो पा रहा है। एसएसबी ने तेज बहाव की वजह से नदी पार जाने से मना कर दिया है। ऐसे में अगर कोई रेस्क्यू के लिए जाता है तो उसकी जान को भी खतरा है। इस स्थिति बाढ़ के पानी से घिरे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए एअर लिफ्टिंग के लिए शासन से संपर्क किया गया है।
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पीलीभीत में भारी बारिश और बनवसा बैराज से शारदा नदी में छोड़े गए पानी ने शारदा सागर डैम की सुरक्षा के लिए बनाए गए रमनगरा के कच्चे बांध को बहा दिया। इससे कई गांवों में पानी घुस गया। कई घर खाली हो गए। बाढ़ प्रभावित इलाकों में एसएसबी की टीम पहुंच गई है। ढकिया गांव के कुछ लोग शारदा पार खेतों में फंस गए हैं। चारों तरफ पानी ही पानी है। उन्हें रेस्क्यू करने के लिए पानी का बहाव तेज होने से नाव नहीं जा पा रही है। अब एयर लिफ्टिंग के लिए जिला प्रशासन ने शासन से संपर्क किया है।
पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण हाहाकार मचा हुआ है। शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने से 12 गांवों में पानी घुस गया है। गांवों और शारदा सागर डैम की सुरक्षा के लिए बनाया गया रमनगरा बांध मंगलवार को शाम चार बजे धराशायी हो गया। कच्चा होने की वजह से शारदा सागर डैम के अस्तित्व पर भी खतरा है।
पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से सोमवार को ही शारदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान (223.30 मीटर) पर पहुंच गया था। इसके बाद भी अफसरों ने अलर्ट जारी नहीं किया। सोमवार देर रात जलस्तर बढ़ने से गभिया सहराई क्षेत्र के कई गांवों में पानी घुसने लगा था। इससे लोग घरों से रात में ही पलायन करने लगे।
मंगलवार सुबह नौ बजे शारदा नदी में 4.75 लाख क्यूसेक बनवसा बैराज से पानी छोड़ा गया। इसके बाद हर घंटे पानी छोड़ने से नदी का जलस्तर बढ़ता रहा। इससे शारदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान (224.90 मीटर) से ऊपर पहुंच गया। हालांकि सुबह एसएसबी जवानों ने रेस्क्यू शुरू कर दिया था। मगर प्रशासन की ओर से दोपहर तक कोई टीम नहीं पहुंची। ऐसा लोगों का कहना है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने बताया कि लगातार जलस्तर बढ़ने से रगनगरा क्षेत्र में 9बी स्पर भी क्षतिग्रस्त होने लगा था। दोपहर दो बजे स्पर बाढ़ से धराशायी हो गया और रमनगरा बांध को खतरा बढ़ गया। शाम चार बजे रमनगरा बांध भी धराशायी हो गया और पानी ने तेजी के साथ आबादी की ओर रुख कर दिया। इससे दर्जन भर गांवों को खतरा बढ़ गया। गांव खाली हो चुके हैं। साथ ही शारदा सागर डैम के अस्तित्व को भी खतरा पैदा हो गया है।
एसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि शारदा नदी का जलस्तर काफी तेज होने के कारण मोटरबोट और नाव से रेस्क्यू नहीं हो पा रहा है। एसएसबी ने तेज बहाव की वजह से नदी पार जाने से मना कर दिया है। ऐसे में अगर कोई रेस्क्यू के लिए जाता है तो उसकी जान को भी खतरा है। इस स्थिति बाढ़ के पानी से घिरे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए एअर लिफ्टिंग के लिए शासन से संपर्क किया गया है।